• छोटे गन्ना किसानों का हक नहीं मार पाएंगे गन्ना माफिया
  • स्मार्ट गन्ना किसान वेबसाइट से माफियाओं पर कसेगा शिकंजा
  • मुख्यमंत्री के आदेश पर गन्ना विभाग ने तैयार किया डाटा
  • एक क्लिक पर राजस्व अभिलेखों और गन्ना क्षेत्रफल का होगा मिलान
  • 3 नवंबर तक घोषणापत्र भर सकेंगे गन्ना किसान

लखनऊ, 29 अक्टूबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर गन्ना किसानों के लिए पारदर्शी व्यवस्था तैयार की गई है। इससे एक और गन्ना माफियाओं पर शिकंजा कसेगा। वहीं दूसरी ओर छोटे गन्ना किसान भी सरकारी योजना का सीधा फायदा उठा सकेंगे। प्रदेश के गन्ना माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए गन्ना विभाग ने स्मार्ट गन्ना किसान वेबसाइट तैयार कर दी है। अब एक क्लिक पर किसान अपने गन्ने का क्षेत्रफल देख सकेंगे। क्षेत्रफल कम होने पर गन्ना पर्यवेक्षक के जरिए उसका मिलान कराएंगे। इसके बाद उनका डाटा फीड किया जाएगा। जिसके जरिए गन्ना किसानों को पर्चियां मिलेंगी। पिछले पांच सालों में गन्ना सप्लाई करने वाले किसानों के डाटा के आधार पर उनका बेसिक कोटा तैयार किया गया है। किसान एक क्लिक करते ही बेसिक कोटा और अपने गन्ने के रकबे की जानकारी कर सकेंगे।

Getawise CLA पर क्लिक करते ही मिलेगी पूरी जानकारी

स्मार्ट गन्ना किसान की वेबसाइट
Enquiry.cane.up.in पर cultivated area के सामने getawise CLA का ऑप्शन मिलेगा। प्रदेश के आयुक्त गन्ना एवं चीनी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना विकास विभाग ने पूरे प्रदेश भर के किसानों का डाटा तैयार किया है। गन्ना क्षेत्रफल का राजस्व अभिलेखों से मिलान करने पर 15 से 20 प्रतिशत किसानों का गन्ना क्षेत्रफल अधिक पाया गया। इसके लिए ग्राम स्तरीय एवं समिति स्तरीय सर्वे सट्टा प्रदर्शन मेलों का आयोजन किया जा रहा है। जिससे कि गन्ना किसान सट्टा प्रदर्शन मेलों के दौरान अपने सट्टे खाते में दर्ज कृषि भूमि गाटा संख्या के साथ उसका मिलान करा सकें। जिस किसान की भूमि कम दर्ज है। वह अपनी खतौनी गन्ना पर्यवेक्षक को देकर 10 दिन के अंदर उसे फीड करा ले।

गन्ना माफियाओं ने दर्ज करवा रखा था ज्यादा रकवा

गन्ना माफियाओं ने सेंधमारी करते हुए ज्यादा रकवा सट्टे पर दर्ज करवा रखा था। प्रदेश भर में गन्ना किसानों का रकवा कम है। लेकिन रिकॉर्ड में ज्यादा था। इस वजह से दोबारा से उसकी समीक्षा कर डाटा शुद्धिकरण प्रक्रिया की गई। जिससे गन्ना माफियाओं पर पूरी तरह से शिकंजा कस गया है। अब जितना खेत में गन्ना होगा। उतना ही रकवा चढ़ा सकते हैं। इसको लेकर प्रदेश के सभी जिला गन्ना अधिकारी को आदेश जारी कर दिए गए हैं।

तीन नवंबर तक गन्ना किसान विभाग को भर कर दें घोषणा पत्र

प्रदेश में 10 से 15 प्रतिशत गन्ना किसान तकनीकी कारणों से अभी तक घोषणा पत्र नहीं भर पाए हैं। इसकी वजह इंटरनेट की स्लो स्पीड, व्यस्त सरवर रही है। गन्ना किसानों की सुविधा को देखते हुए प्रदेश गन्ना विभाग ने टोल फ्री नंबर 1800121 3203 जारी कर दिया है । सभी किसानों से कहा गया है कि वह अपना घोषणा पत्र 3 नवंबर तक भर कर विभाग को दे दें। इससे उनका डाटा फीड कर समय से उनको गन्ने की पर्चियां जारी की जा सके।

By Anup

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