जनता-जनार्दन की सेवा डबल इंजन सरकार की  प्रतिबद्धता: सीएम योगी

*गोरखपुर और महाराजगंज में बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया मुख्यमंत्री ने*

*तीन स्थानों पर बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचे, दुख दर्द साझा कर राहत सामग्री का किया वितरण*

*कहा, आपदा की इस घड़ी में प्रत्येक पीड़ित के साथ मुस्तैदी से खड़ी है सरकार*

गोरखपुर/महराजगंज, 14 अक्टूबर। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों तक राहत सामग्री तथा अन्य सभी प्रकार की सहायता सुनिश्चित कराने के लिए बुधवार से ही ‘ग्राउंड जीरो” पर उतरे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को महाराजगंज व गोरखपुर का हवाई सर्वेक्षण करने के साथ ही बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की। उनका दुख-दर्द साझा किया और अपने हाथों से राहत सामग्री प्रदान की। महाराजगंज के धानी व गोरखपुर के कैंपियरगंज तथा सहजनवा में बाढ़ पीड़ितों के बीच जाकर मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि आपदा की इस घड़ी में केंद्र व राज्य की सरकारें उनके साथ हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता-जनार्दन की सेवा डबल इंजन सरकार की प्राथमिकता है और प्रतिबद्धता भी।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री  ने सबसे पहले महराजगंज जिले का हवाई सर्वेक्षण करते हुए धनी ब्लॉक पहुंचे और बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की। इसके बाद वह हेलीकॉप्टर से बाढ़ का जायजा लेते हुए गोरखपुर के कैम्पियरगंज में जेपी इंटर कॉलेज तथा सहजनवा के मुरारी इंटर कॉलेज पहुंचे। इन स्थानों पर भी उन्होंने बाढ़ पीड़ितों का कुशलक्षेम जाना। राहत किट का वितरण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि असमय आई बाढ़ आपदा की इस घड़ी में सरकार हर पीड़ित के साथ संवेदना और भरपूर मदद लेकर पूरी मुस्तैदी से खड़ी है। बाढ़ पीड़ितो की तक भरपूर मदद सुनिश्चित करने के लिए तीन दिनों से वह स्वंय प्रभावित जनपदों का दौरा कर रहे हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों तक राहत व हर प्रकार का सहयोग उपलब्ध हो, इसकी समीक्षा के लिए वह तीन दिन से दौरे पर हैं। बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, अयोध्या, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, गोरखपुर के दक्षिणांचल, महराजगंज, कैम्पियरगंज होते हुए वह सहजनवा  तक आए हैं। इसके साथ ही मंत्री समूह भी दौरा कर राहत कार्यों की निगरानी में जुटा हुआ है।
बाढ़ पीड़ितों से मुखातिब मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्टूबर के महीने में पहली बार असमय बाढ़ की त्रासदी का सामना हम सभी को करना पड़ रहा है। आपदा की चुनौती का मजबूती से सामना करते हुए बाढ़ प्रभावित हर व्यक्ति को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। इसमें किसी भी तरह की कमी नहीं होने दी जाएगी। जिन घरों में पानी लगने से भोजन बनाने की व्यवस्था नहीं हो पा रही है, वहां भोजन के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं और जहां भोजन बन सकता है वहां पर्याप्त मात्रा में राशन किट की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि जो लोग बाढ़ के पानी में पूरी तरह घिरे हुए हैं उन्हें अतिरिक्त नौकाओं की व्यवस्था कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।
*पर्याप्त मात्रा में हो रहा राहत सामग्री का वितरण*
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न व अन्य सामग्री का वितरण कराया जा रहा है। दो तरह की किट में दी जा रही राहत सामग्री किट में 10 किलो चावल, 10 किलो आटा, 2 किलो अरहर दाल, आधा किलो नमक, 250 ग्राम हल्दी, 250 ग्राम मिर्च, 250 ग्राम सब्जी मसाला, एक लीटर रिफाइंड तेल, पांच किलो लाई, दो किलो भूना चना, एक किलो गुड़, 10 पैकेट बिस्कुट, एक पैकेट माचिस, एक पैकेट मोमबत्ती, दो नहाने का साबुन शामिल है। इसके अलावा 10 किलो आलू, पांच लीटर केरोसिन, पांच लीटर क्षमता के दो जरीकेन, 15 गुणे 10 फीट की एक तारपोलीन शीट भी दी जा रही है।
*जनहानि, अंग भंग क्षतिग्रस्त मकानों व फसलों के लिए न हों परेशान, सरकार देगी भरपूर मदद*
सीएम योगी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित परिवारों को युद्ध स्तर पर राहत सामग्री वितरित करने का निर्देश प्रशासन को दिया गया है ताकि किसी को भी परेशान न होना पड़े। कहा कि अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि बाढ़ से जनहानि पर पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा तत्काल उपलब्ध कराया जाए। अंग भंग होने पर 2.5 लाख रुपये तक की सहायता के साथ ही गंभीर रूप से घायलों को भी आर्थिक मदद दी जाएगी। बाढ़ से जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवास देने या मकान बनवाने के लिए 1.20 लाख रुपये देने का निर्देश दिया गया है। आंशिक क्षतिग्रस्त मकानों के लिए भी आपदा राहत कोष से मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण फसलों को जो नुकसान हुआ है, उसके लिए प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि हर ग्राम पंचायत में सर्वे कराकर जल्द से जल्द फसलों की क्षतिपूर्ति की धनराशि किसानों के खातों में भेजी जाए। सीएम योगी ने कहा कि पहले सूखा और अब  असमय बाढ़ से आई स्थिति पर राज्य सरकार की पूरी नजर है। इसे देखते हुए किसानों को दलहन व सब्जी के बीज निशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
*पशुपालकों को हुए नुकसान पर भी सहायता राशि देगी सरकार*
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाढ़ के चलते पशुओं की हानि पर भी मुआवजा दिया जाएगा। दुधारू पशु गाय, भैंस आदि के मरने पर 37500, बकरी, भेड़, सूअर के मरने पर 4000, गैर दुधारू पशु ऊंट, घोड़ा आदि के मरने पर 32000, बछड़ा, गधा, टट्टू आदि के मरने पर 20000 रुपये की दर से पशुपालकों को सहायता राशि दी जाएगी।
*युद्ध स्तर पर शुरू करें स्वच्छता का अभियान*
सीएम योगी ने प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अगले दो-तीन दिन में बाढ़ का पानी कम होने लगेगा। लोगों को संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए स्वच्छता, सैनेटाइजेशन और छिड़काव का अभियान युद्ध स्तर पर शुरू किया जाए। यह कार्य तब तक जारी रहे जब तक जमीन पूरी तरह सूख न जाए। गांव में किसी तरह की गंदगी न रहे, इसके लिए ग्राम पंचायत अभी से तैयारी करें और प्रशासन इस में सहयोग प्रदान करे। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही दीवाली से पूर्व अविलंब क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत व बिजली आपूर्ति बहाली की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए। दिवाली आने तक हर गांव में बेहतर आवागमन की सुविधा हो तथा सभी गांव जगमग हों।
*बुजुर्ग महिलाओं और बच्चों से मिल भाव विह्वल हुए मुख्यमंत्री*
बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री का वितरण करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुजुर्ग महिलाओं व बच्चों से मिल भाव विह्वल हो गए। उन्होंने बुजुर्ग महिलाओं को “माई” के आत्मीय सम्बोधन से बुलाया। उनकी तकलीफ की जानकारी ली और आश्वस्त किया कि उनके रहते किस प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। कहा कि यदि कोई राहत सामग्री खुद लेकर जाने की स्थिति में नहीं होगा तो प्रशासन उनके घर तक पहुंचाएगा। बच्चों के प्रति सीएम योगी का स्नेह जगजाहिर है। बाढ़ पीड़ितों के बच्चों के बीच मुख्यमंत्री ने खूब प्यार-दुलार लुटाया। उन्हें चॉकलेट गिफ्ट किया। उनसे बात की और माथे पर हाथ फेरते हुए खूब स्वस्थ रहने, खूब पढ़ने और आगे बढ़ने का आशीर्वाद दिया।

By Anup

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