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भारत में बढ़ रही इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग, जानें क्या कहता है सर्वे

स्वाभिमान टीवी, डेस्क। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ने के साथ ही बड़ी बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों ने अब भारत में अपने वाहनों को लॉन्च करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही चीनी इलेक्ट्रिक कार कंपनियों ने भी भारत में शरण लेना शुरू कर दिया है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिमी देशों में चीनी प्रोडक्ट्स के खिलाफ व्यापार में बाधाएं देखने को मिल रही हैं। इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ईवी की 80 प्रतिशत लागत चीन की ओर से प्रोड्यूस की गई बैटरी और कॉम्पोनेंट्स से होती है। ऐसे में भारत ईवी वाहनों के पार्ट के लिए चीनी सप्लायर्स पर निर्भर हो सकता है।

चीनी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर बढ़ाया गया टैरिफ

इस साल मई महीने में अमेरिका ने चीनी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर टैरिफ 25 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी कर दिया. इसके साथ ही यूरोपियन यूनियन ने इसके पीछे की वजह भी बताई. वहीं दूसरी ओर कनाडा ने टैरिफ में 100 फीसदी बढ़ोतरी की और कनाडा ने स्टील और एल्यूमीनियम के चीनी आयात पर 25 फीसदी शुल्क लगाया। अगर ऐसा चलता रहा तो हो सकात है कि आने वाले समय में भारत में चीनी की इलेक्ट्रिक कारों की मांग बढ़ सकती है। चीन की SAIC मोटर (MG ब्रांड के मालिक) और भारत के JSW ग्रुप के बीच साझेदारी की गई है, जिनका टारगेट 2030 तक दस लाख से अधिक नए व्हीकल्स बेचने का है। इसके साथ ही GTRI रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत एडवांस बैटरी टेक्नोलॉजी के लिए सॉलिड-स्टेट बैटरी और हाइड्रोजन ईंधन सेल के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट पर इन्वेस्ट करे।