रोजगार के लिए मारामारी: 8 सालो में 22 करोड़ लोगो ने सरकारी नौकरी के लिए किया आवेदन, मिली सिर्फ 7 लाख को
ब्यूरो रिपोर्ट
दिल्ली, 29 जुलाई। भारत में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है। करोड़ों बेरोजगार युवा परेशान है। रोजी रोटी के लिए भटक रहे हैं। आए दिन सरकारी नौकरियों में आवेदन कर रहे हैं। बढ़ती बेरोजगारी की वजह से अपराधों में भी बढ़ोतरी हुई है। सरकार लोगों को रोजगार देने में विफल हुई है।
केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा में बताया की 8 सालो में 22 करोड़ लोगो ने सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन किया जिसमे सिर्फ 7 लाख लोगो को सरकारी नौकरी मिल पाई। जबकि अभी भी केंद्र और प्रदेश सरकार के तमाम विभागो में लाखो पद खाली पड़े है। ऐसे में युवाओं को रोजगार का सपना दिखाने वाली मोदी सरकार से सिर्फ लोगो को निराशा ही हाथ लगी। आंकड़ों पर गौर करें तो 1 प्रतिशत से भी कम लोगों को केंद्र सरकार सरकारी नौकरी दे सकी। 8 साल पहले देश के युवाओं ने जब भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत देकर केंद्र में बैठाया था तब सोचा था की देश से बेरोजगारी खत्म हो जाएगी। पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा लेकिन केंद्र सरकार के बाद है झूठे और खोखले साबित हुए।
2014-15 से 2021-22 तक प्राप्त 22.05 करोड़ आवेदनों में से केवल 7.22 लाख या 0.33 प्रतिशत की सिफारिश केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में नियुक्ति के लिए की गई थी। सरकार ने लोकसभा में जब ये आंकड़े पेश किए तो विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर हुआ।
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार 2019-20 में सबसे ज्यादा 1.47 लाख भर्तियां हुईं थीं।