फरीदपुर के कई गांव बाढ़ की चपेट में, फसले तबाह, किसानों के अरमानों पर फिरा पानी
बरेली, 17 अक्टूबर। बरेली के फरीदपुर में इन दिनों बाढ़ से लगभग 1 दर्जन से अधिक गांव बेहाल है। हजारों एकड़ फसल चौपट हो गई है। ग्रामीणों के गांव से निकलने के रास्ते तक बंद है। घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। पानी का बहाव इतना तेज है कि बच्चा हो या बड़ा जो भी उसकी चपेट में आए वह बह जाएगा। हालत यह है की पिछले 1 सप्ताह से इन गांव में बाढ़ आई हुई है लेकिन प्रशासन का कोई भी अधिकारी गांव में झांकने तक नहीं पहुंचा है। फसल के भरोसे जिन ग्रामीणों को अपनी बेटी की शादी करनी थी अब वह शादी के अरमान भी पानी में बह गए है। फरीदपुर के सैदपुरा और बाकरगंज गांव में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर हुआ है।
बरेली के फरीदपुर तहसील में करीब एक दर्जन गांव में रामगंगा नदी और बहगूल नदी का पानी घुस गया है। नदियों के कटान की वजह से गांव में जल प्रलय जैसे हालात हो गए है। गांव की सड़कें, खेत खलिहान सब जगह जल प्रलय जैसे हालात हो गए हैं। हर जगह दूर दूर तक सिर्फ पानी ही पानी और तबाही का मंजर की खौफनाक तस्वीरें दिखाई दे रही है। हजारों एकड़ धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। पानी इतना गहरा है की फसलें उसमें पूरी तरीके से डूब गई है। गांव में सड़क कहां है, खेत कहां है और तालाब कहां है कुछ भी पता नहीं चल रहा। पानी की वजह से दूर-दूर तक सिर्फ एक ही नजारा तेज धार से बहता हुआ पानी। मानो गांव में सड़क खेत खलियान कुछ है ही नहीं ऐसा लग रहा है जैसे यहां पर एक गहरी नदी बह रही हो।
भले ही जिला प्रशासन अभी तक गांव में ना पहुंचा हो लेकिन स्वाभिमान टीवी की टीम उन गांव में पहुंची है। फसलें तबाह होने की वजह से किसानों के अरमानों पर पूरी तरीके से पानी फिर गया है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने लोन लेकर धान की फसल बोई थी फसल तैयार हो गई तो बाढ़ ने उनकी फसल को पूरी तरीके से तबाह कर दिया। कई ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अपनी बिटिया का रिश्ता तय किया था सोचा था फसल बेचकर लोन की किस्त अदा कर देंगे इसके साथ ही अपनी बेटी के हाथ भी पीले कर देंगे, लेकिन किसान परेशान हैं उनको कुछ भी नहीं समझ आ रहा कि वह क्या करें। अपनी बेटी के हाथ कैसे पीले करें और बैंक करें कर्ज कैसे अदा करे। घर में खाने को एक दाना तक नहीं रह गया है।
बहगुल नदी और रामगंगा नदी में पानी बढ़ने की वजह से कटान हो गया है। जिस वजह से गांव में पानी घुसने से 40 से 50 गांव का संपर्क टूट गया है। ग्रामीणों का कहना है की उनके गांव में आज तक कोई अधिकारी नही आया है और न किसी तरह की मदद मिली है। गांव में अचानक से बाढ़ आने से बच्चे जब स्कूल से घर आ रहे थे तो बाढ़ के पानी में बैग डूब गया और सारी कॉपी किताबे पानी में भीग गई। बच्चे अपनी कॉपी किताबे छत पर धूप में सुखा रहे है।