सच होगा मोदी-योगी का सपना, किसानों की दोगुनी करने के लिए अब होगा ये काम
बरेली, 6 अक्टूबर। किसानों की आय दोगुनी करने और निर्यात को बढ़ावा देने, एफपीओ व अन्य किसान समितियों, संगठनों को जागरूक करने के लिए 10 अक्टूबर को कृषि विभाग द्वारा मंडलीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इंडिया फेडरेशन के विशेषज्ञ किसानों को आमदनी बढ़ाने के टिप्स देंगे। रुहेलखंड का बासमती चावल, ऑर्गेनिक सब्जियां और मत्स्य के एक्सपोर्ट को बढ़ाने के बारे में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की जानकारी मुहैया कराई जाएंगी। जिससे किसान अपनी आमदनी को दोगुना कर सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के किसानों की आमदनी दोगुनी करने की योजनाओं में एफपीओ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। बरेली मंडल के 137 एफपीओ किसानों का क्लस्टर बनाकर निर्यात में जुट गए हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर बरेली के चावल और ऑर्गेनिक सब्जी को मिलेगी पहचान
बरेली के बासमती चावल और आर्गेनिक सब्जियों को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा मिलेगा। संयुक्त कृषि उपनिदेशक डॉ राजेश कुमार द्विवेदी ने बताया कि बरेली में 21 बदायूं में 18 शाहजहांपुर में 67 और पीलीभीत में 21 एफपीओ रजिस्टर्ड है। एफपीओ व अन्य किसान समितियों को लेकर 10 अक्टूबर को कार्यशाला होगी। कार्यशाला को संबोधित करने के लिए इंडिया फेडरेशन से डा प्रवीन द्विवेदी, अंशुमाली द्विवेदी बरेली आ रहे हैं। एक दिवसीय कार्यशाला में किसानों को क्लस्टर बनाकर लाभान्वित करने के बारे में जानकारी दी जाएगी। सरकारी योजनाओं के सब्सिडी के बारे में भी उन्हें बताया जायेगा। जिससे कि एफपीओ के जरिए निर्यात प्रोत्साहन नीति को बढ़ावा दिया जा सके।
सरकार कृषि उपकरणों पर देगी 80 फीसदी की सब्सिडी
ज्वाइंट डिप्टी डायरेक्टर एग्रीकल्चर डॉ राजेश द्विवेदी ने बताया कि एफपीओ के जरिए ट्रैक्टर, कल्टीवेटर, पराली को पलटने की मशीनें, रूटावेटर लेने वालों को 80 फ़ीसदी सब्सिडी दी जायेगी। किसान समूहों को ट्रैक्टर समेत सभी कृषि उपकरणों पर 50 से लेकर 80 फ़ीसदी तक सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है। वहीं एकल किसानों को कम सब्सिडी मिलेगी। इस वजह से किसान समितियों और एसपीओ के माध्यम से किसान सरकार की सब्सिडी नीति का फायदा उठाएं। किसान समूह कृषि उपकरणों की खरीदारी करें।
मीरगंज में बनाए गए हैं किसानों के क्लस्टर
एफपीओ के माध्यम से मीरगंज में किसानों के क्लस्टर बनाए गए हैं। पूसा बासमती चावल की ग्रेडिंग और पैकिंग के लिए उन्हें तैयार किया गया है। रूहेलखंड के चारों जिलों में पूसा बासमती की पैदावार सबसे ज्यादा रहती है। इस वजह से इसकी ग्रेडिंग और पैकिंग करने के बाद इसे एक्सपोर्ट किया जायेगा। एक्सपोर्ट नीति में चावल के अलावा ऑर्गेनिक सब्जियों और मत्स्य को भी शामिल किया गया है। अन्य जिलों में भी किसानों के क्लस्टर बनाने के निर्देश दिए गए हैं।