स्वाभिमान टीवी, डेस्क। सेबी प्रमुख माधवी बुच पर लगाए गए आरोपों का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। विपक्षी नेताओं ने इस मामले को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। विपक्ष ने आरोपों को गंभीर बताते हुए माधवी बुच को पद से हटाने की मांग कर रहा है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे महा घोटाला करार देते हुए आरोप लगाया कि अदाणी समूह से अपने अंदरूनी मिलीभगत छिपाने के लिए माधवी बुच ने सेबी को घोटाले के पूरे दायरे की जांच नहीं करने दी। कांग्रेस के साथ गठबंधन के अन्य सदस्यों ने हीडलबर्ग के नए दावों के बाद इस मामले की जेपीसी से जांच की मांग की है।
SEBI ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मोदी जी के परम मित्र अडानी को हिंडनबर्ग के जनवरी 2023 के ख़ुलासों में Clean Chit दी थी।
आज उसी SEBI के मुखिया के तथाकथित वित्तीय रिश्ते उजागर हुए हैं।
मध्यम वर्ग से संबंधित छोटे और मध्यम निवेशकों, जो अपनी मेहनत की कमाई शेयर बाजार में…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) August 11, 2024
The integrity of SEBI, the securities regulator entrusted with safeguarding the wealth of small retail investors, has been gravely compromised by the allegations against its Chairperson.
Honest investors across the country have pressing questions for the government:
– Why… pic.twitter.com/vZlEl8Qb4b
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 11, 2024
खड़गे सोशल मीडिया पर कही ये बात…राहुल गांधी ने पोस्ट की वीडियो
इस मुद्दे पर कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक पोस्ट में लिखा कि सेबी ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मोदी जी के परम मित्र अडानी को हीडलबर्ग के जनवरी 2 हज़ार 13 के खुलासे में क्लीन चिट दी थी। आज उसी सेबी के मुखिया के तथाकथित वित्तीय रिश्ते उजागर हुए हैं। मध्यम वर्ग से संबंधित छोटे और मध्यम निवेशकों जो अपनी मेहनत की कमाई शेयर बाजार में निवेश करते हैं, उनको संरक्षित करने की आवश्यकता है क्योंकि वे सेबी में विश्वास करते हैं।
जब तक इस महाघोटाले में जेपीसी जांच नहीं होगी तब तक मोदी जी अपने मित्र की मदद करते रहेंगे और देश की संवैधानिक संस्थाएं तार तार होती रहेंगी। लोकसभा में विपक्षी नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर एक वीडियो पोस्ट कर इन आरोपों को गंभीर बताया है। उन्होंने अपने इस वीडियो में छोटे निवेशकों के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने कहा कि सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया है। अगर निवेशक अपनी मेहनत की कमाई खो देते हैं तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? प्रधानमंत्री मोदी, सेबी अध्यक्ष या गौतम अडानी? इन बेहद गंभीर आरोपों के मद्देनजर क्या सुप्रीम कोर्ट इस मामले की फिर से स्वतः संज्ञान लेकर जांच करेगा?
राहुल के बयान पर बीजेपी का पलटवार
राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आरोपों का जवाब सेबी प्रमुख ने दे दिया है। लिंडबर्ग वाले भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाते हैं। कांग्रेस आर्थिक अराजकता फैलाने की कोशिश में है। वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए बड़ा हमला बोला है। उन्होंने राहुल गांधी को देश का दुश्मन तक बता दिया।
SEBI Chairperson Madhabi Buch’s response to our report includes several important admissions and raises numerous new critical questions.
(1/x) https://t.co/Usk0V6e90K
— Hindenburg Research (@HindenburgRes) August 11, 2024
जानें की किस रिपोर्ट पर छिड़ा बवाल
अमेरिका की कंपनी हीडलबर्ग ने 10 अगस्त को एक रिपोर्ट जारी कर दावा किया था कि सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है। रिपोर्ट में आरोप है कि माधवी पुरी बुझ और उनके पति धवल बुच की अडानी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है। ग्लोबल डायनेमिक ऑपर्च्युनिटी फंड में कथित तौर पर अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी ने अरबों डॉलर निवेश किए हैं। इस पैसे का इस्तेमाल अडानी ग्रुप के शेयरों के दामों में तेजी लाने के लिए किया गया था। व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों से पता चलता है कि सेबी की वर्तमान चेयरपर्सन माधवी बुच और उनके पति की अडानी मनी शिपिंग घोटाले में इस्तेमाल किए गए दोनों ऑफशोर फंडों बरमूडा और मॉरीशस में हिस्सेदारी थी, जिसका इस्तेमाल विनोद अडानी ने किया था। ऐसा लगता है कि माधवी बुच और उनके पति धवल बुच ने पहली बार 5 जून 2 हज़ार 15 को सिंगापुर में आईपीआई फंड के साथ अपना अकाउंट खोला था। निवेश का सोर्स सैलरी है और कपल की नेटवर्थ 10 मिलियन डॉलर आंकी गई है।
हालांकि लिंडबर्ग के आरोपों के बाद सेबी प्रमुख ने सफाई देते हुए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। सेबी प्रमुख माधवी बुच ने कहा कि इसमें कुछ भी सच्चाई नहीं है। वहीं इस पर बाजार नियामक ने कहा कि चेयरपर्सन माधवी बुच ने समय समय पर अदानी मामले से जुड़े खुलासे किए हैं। चेयरपर्सन ने संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग कर लिया था। उसने अदाणी समूह के खिलाफ लगे सभी आरोपों की जांच की है। सेबी ने बताया कि जिन मामलों में जांच पूरी हुई उनमें कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। वहीं माधवी बुच की सफाई वाले मामले पर हीडलबर्ग ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि माधवी बुच ने अपने जवाब में कुछ महत्वपूर्ण बातें कही हैं और कई नए सवाल उठाए हैं। बहरहाल, इस रिपोर्ट के आने के बाद एक बार फिर अदानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट देखी गई है। अदानी एंटरप्राइजेज, अदानी पावर, अदानी ग्रीन एनर्जी और अदानी पोर्ट्स के शेयरों में शुरुआती कारोबार में सात फीसदी तक गिरावट देखने को मिली है। इंडियन बैंक ने अपनी नई रिपोर्ट में सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी मुझ पर आरोप लगाए, लेकिन इसका बड़ा असर अडानी ग्रुप की कंपनी के शेयरों पर देखने को मिल रहा है।