शहीद कैप्टन शुभम के पिता बताते हैं कि दो दिन पहले बेटे से फोन पर बात हुई थी. उस वक्त उसने कहा था कि कुछ काम बाकी है उसे पूरा करके बहुत जल्द वापस आऊंगा |दो दिन बाद ही छुट्टी पर घर आने वाला था| पिछले 15 दिनों से यही कह रहा था|

जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों से लोहा लेते हुए आगरा के लाल शुभम गुप्ता ने सर्वोच्च बलिदान दिया है| कैप्टन शुभम गुप्ता के शहीद होने की खबर जैसे ही घर पहुंची परिवार में मातम पसर गया| शहीद के पिता बसंत गुप्ता का रो-रो कर बुरा हाल है| बेटे शुभम के फौजी साथी जैसे ही उनसे मिलने आए| वो उनके सीने से लिपटकर फफक-फफक कर रोने लगे|

इस कठिन घड़ी में बसंत गुप्ता से मिलने और उन्हें सांत्वना देने के लिए रात से ही सैकड़ो लोगों का उनके घर पर आवागमन जारी है| आगरा के डिस्ट्रिक्ट जज भी जिला शासकीय अधिवक्ता (क्रिमिनल) बसंत गुप्ता से इस शोक की घड़ी में मिलने पहुंचे| सांसद, विधायक, नेताओं से लेकर आम जन तक शहीद शुभम गुप्ता को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंच रहे है| देर रात आगरा से बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल और राजकुमार चहार ने शहीद शुभम गुप्ता के परिवार के लोगों से मिलने पहुंचे थे|

कैप्टन शुभम के पिता बसंत गुप्ता बताते हैं कि दो दिन पहले ही बेटे से फोन पर बात हुई थी| उस वक्त उसने कहा था कि कुछ काम बाकी है उसे पूरा करके बहुत जल्द वापस आऊंगा| दो दिन बाद ही छुट्टी पर घर आने वाला था| पिछले 15 दिनों से बस यही कह रहा था कि एक काम है उसे करके आ रहा हूं| लेकिन अब उसके शहीद होने की खबर आई है|

परिवारवाले इस वर्ष शुभम की शादी की तैयारियों में थे| इसी बीच शुभम के शहीद होने की खबर आ गई| शुभम के शहीद होने की खबर जैसे ही सेना की ओर से शुभम के परिजनों को दी गई तो घर में शोक की लहर दौड़ गई| शुभम की मां बेसुध हो गईं| पिता पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा| आज शाम तक शुभम गुप्ता का पार्थिव शरीर घर आएगा|

कि राजौरी में बुधवार को आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में सेना के दो अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए थे| शहीद जवानों में आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता भी शामिल है| राजौरी में सेना को आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी| इसके बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया| जिसके बाद ताबड़तोड़ फायरिंग हुई| जिसमें आतंकियों  से मुकाबला करते हुए कैप्टन शुभम शहीद हो गए|