प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जांच में पाया कि महादेव बुक ऐप और सट्टेबाजी का यह मामला छत्तीसगढ़ के कुछ राजनेताओं, पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं के सहयोगियों से जुड़ा है| इस सट्टेबाजी एप का टर्नओवर करीब 20000 करोड़ रुपये है|

ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म महादेव बुक ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर की शादी फरवरी में संयुक्त अरब अमीरात में हुई थी| इसके लिए वहां एक आलीशान शादीसमारोह का आयोजन किया गया था| जिसका वीडियो भारतीय एजेंसियों के हाथ लगा है|उस शादी समारोह में कई बॉलीवुड गायकों और अभिनेताओं को परफॉर्म करने के लिए बुलाया गया था| और हवाला के ज़रिए 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किया गया था|

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाल ही में मुंबई, भोपाल, कोलकाता के उन हवाला ऑपरेटरों के यहां छापे मारे, जिन्होंने इस इवेंट के लिए रकम मुंबई की इवेंट फर्म को भेजी थी| उस शादी के कार्यक्रम में गायिका नेहा कक्कड़, सुखविंदर सिंह, अभिनेता भारती सिंह और भाग्यश्री को परफॉर्म करने के लिए पैमेंट किया गया था| इसके अलावा बॉलीवुड से जुड़े शीर्ष नाम भी परफॉर्मेंस देने वालों की लिस्ट शामिल हैं|

ईडी ने जांच में पाया कि महादेव बुक ऐप और सट्टेबाजी का यह मामला छत्तीसगढ़ के कुछ राजनेताओं, पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं के सहयोगियों से जुड़ा है| इस सट्टेबाजी एप का टर्नओवर करीब 20000 करोड़ रुपये है|

यूएई में आजोयित उस शादी समारोह में परफॉर्म करने वालों की लिस्ट में निम्न कलाकारों के नाम शामिल हैं-

1. आतिफ असलम
2. राहत फ़तेह अली खान.
3. अली असगर
4. विशाल ददलानी
5. टाइगर श्रॉफ
6. नेहा कक्कड़
7. एली अवराम
8. भारती सिंह
9. सनी लियोन
10. भाग्यश्री
11. पुलकित
12. कीर्ति खबंदा
13. नुसरत भरूचा
14. कृष्ण अभिषेक

प्रवर्तन निदेशालय (ED) मेसर्स महादेव ऑनलाइन बुक बेटिंग एप की जांच कर रहा है| जो अवैध सट्टेबाजी कराने वाली वेबसाइटों के लिए नए यूजर्स का इंतजाम करता है| साथ ही ये एप सट्टेबाजों की यूजर्स आईडी बनाने और बेनामी बैंक खातों में वेब के जरिए पैसे की हेराफेरी करने में सक्षम ऑनलाइन प्लेटफार्मों की व्यवस्था करने वाला एक प्रमुख सिंडिकेट है|

ईडी ने हाल ही में कोलकाता, भोपाल, मुंबई आदि शहरों में महादेव एप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क के खिलाफ व्यापक तलाशी अभियान चलाया है और बड़ी पैमाने पैमाने पर आपत्तिजनक सबूत हासिल किए है और 417 करोड़ रुपये की क्राइम इन्कम को फ्रीज और जब्त किया है|

इस मामले की जांच के दौरान ईडी को पता चला है| कि छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल महादेव ऑनलाइन बुक के मुख्य प्रमोटर हैं और दुबई से ऑपरेट करते हैं| उनकी कंपनी मेसर्स महादेव ऑनलाइन बुक संयुक्त अरब अमीरात में एक केंद्रीय प्रधान कार्यालय से चलती है और 70% -30% लाभ अनुपात पर अपने ज्ञात सहयोगियों को “पैनल/शाखाओं” की फ्रेंचाइजी देकर संचालित होती है|

सट्टेबाजी से होने वाली आय को विदेशी खातों में भेजने के लिए बड़े पैमाने पर हवाला ऑपरेशन किए जाते हैं| भारत में सट्टेबाजी वेबसाइटों के विज्ञापन और नए उपयोगकर्ताओं और फ्रेंचाइजी (पैनल) चाहने वालों को आकर्षित करने के लिए प्रमोशन किया जाता है और उसके लिए बड़े पैमाने पर पैसा खर्च किया जा रहा है| ईडी ने पहले छत्तीसगढ़ राज्य में तलाशी ली थी और इस सट्टेबाजी सिंडिकेट के मुख्य संपर्ककर्ता सहित 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जो वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को ‘प्रोटेक्शन मनी’ के रूप में रिश्वत दिया करते थे|

ईडी ने भोपाल, मुंबई और कोलकाता में तलाशी और छापेमारी के दौरान ये खुलासा किया-

सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने UAE में अपना एक साम्राज्य बनाया है| वो दोनों अचानक अपनी अवैध तरीके से कमाई गई दौलत का खुलेआम प्रदर्शन करने लगे है| फरवरी 2023 में सौरभ चंद्राकर ने की शादी यूएई में हुई थी| इस शादी समारोह के लिए महादेव एप के प्रमोटरों ने लगभग 200 करोड़ रुपये नकद खर्च किए| परिवार के सदस्यों को नागपुर से यूएई तक ले जाने के लिए निजी जेट किराए पर लिए गए थे|

शादी के लिए वेडिंग प्लानर, डांसर, डेकोरेटर आदि को मुंबई से बुलाकर काम दिया गया था| सबका नकद भुगतान करने के लिए हवाला चैनलों का इस्तेमाल किया गया था| ईडी ने इस संबंध में डिजिटल साक्ष्य जुटाए हैं| जिनके अनुसार, योगेश पोपट की मेसर्स आर-1 इवेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को हवाला के जरिए 112 करोड़ रुपये पहुंचाए गए थे और 42 करोड़ रुपये होटल की बुकिंग के लिए नकद भुगतान किया गया था|

ईडी ने योगेश पोपट, मिथिलेश और इस शादी से जुड़े आयोजकों के ठिकानों पर तलाशी ली| जहां से 112 करोड़ रुपये की हवाला रकम हासिल करने से जुड़े सबूत सामने आए| इसके बाद योगेश पोपट की निशानदेही पर आंगड़िया के यहां तलाशी ली गई| जहां से 2.37 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की गई| साथ ही पता चला कि कई मशहूर हस्तियां इन सट्टेबाजी करने वाली संस्थाओं का समर्थन कर रही है और संदिग्ध लेनदेन के जरिए से मोटी फीस लेकर अपने कामों को अंजाम दे रही है| लेकिन सारी फीस और पैसे का भुगतान ऑनलाइन सट्टेबाजी की आय से ही किया जाता है|

ईडी ने भोपाल में धीरज आहूजा और विशाल आहूजा की मेसर्स रैपिड ट्रैवल्स पर तलाशी ली| यह इकाई महादेव एप के प्रमोटरों, परिवार, व्यावसायिक सहयोगियों और यहां तक कि उन मशहूर हस्तियों के लिए पूरे टिकटिंग संचालन के लिए जिम्मेदार थी |जो फेयरप्ले.कॉम, रेड्डी अन्ना एप, महादेव एप जैसी सट्टेबाजी वेबसाइटों का समर्थन कर रहे थे| सट्टेबाजी पैनल से अवैध कमाई आहूजा बंधुओं ने बड़ी चालाकी से मुख्य टिकट प्रदाताओं के पास जमा की थी| और वॉलेट बैलेंस का इस्तेमाल घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय टिकट बुक करने के लिए किया गया था| मेसर्स रैपिड ट्रैवेल्स सितंबर के महीने में संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित वार्षिक स्टार–स्टडेड कार्यक्रमों सहित महादेव समूह के अधिकांश कार्यक्रमों के लिए यात्रा व्यवस्था करने में शामिल था|

ईडी ने महादेव ऑनलाइन बुक एप के मनी लॉन्ड्रिंग ऑपरेशन में शामिल दूसरे अहम खिलाड़ियों की पहचान भी कर ली है| यह पाया गया कि कोलकाता में मौजूद विकास छपारिया महादेव एप के लिए हवाला से संबंधित सभी काम संभाल रहा था| ईडी ने उसेके ठिकानों और गोविद केडिया जैसे उसके सहयोगियों के यहां तलाशी ली| जिसमें पाया गया कि गोविंद केडिया की मदद से विकास चपारिया अपनीअपनी संस्थाओं मेसर्स परफेक्ट प्लान इन्वेस्टमेंट्स एलएलपी, मेसर्स एक्ज़िम जनरल ट्रेडिंग एफजेडसीओ और मेसर्स टेकप्रो आईटी सॉल्यूशंस एलएलसी के जरिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) के रास्ते भारतीय शेयर बाजार में भारी निवेश कर रहे थे| विकास छपारिया के स्वामित्व वाली लाभकारी संस्थाओं के नाम पर जमा 236.3 करोड़ रुपये की नकदी और सिक्यूरिटि होल्डिंग्स को ईडी ने पीएमएलए 2002 के तहत जब्त कर लिया|

इसके अलावा, पीएमएलए 2002 के तहत ही गोविंद कुमार केडिया की डीमैट होल्डिंग्स में 160 करोड़ रुपये की संपत्ति भी ईडी ने जब्त कर ली है| गोविंद कुमार केडिया के परिसर में तलाशी के परिणामस्वरूप 18 लाख रुपये की भारतीय मुद्रा और 13 करोड़ रुपये की कीमत के सोना और आभूषण भी जब्त किए गए है| अब तक ईडी ने रायपुर, भोपाल, मुंबई और कोलकाता में 39 स्थानों पर तलाशी ली है और 417 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की है| ईडी ने विदेश में भी गंभीरता से इस मामले की जांच शुरू कर दी है| रायपुर में पीएमएलए विशेष न्यायालय ने भी फरार संदिग्धों के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किए है| इस मामले में आगे की जांच जारी है|