एसआरएमएस में पद्मविभूषण डा.वीके राव सहित जुटेंगे दुनियाभर के अंतरराष्ट्रीय क्रिटिकल केयर चिकित्सक
चार दिनी कंप्रिहेंसिव क्रिटिकल केयर पर दूसरी वैश्विक कांफ्रेंस का 13 से होगा आगाज
पद्मविभूषण डा.वीके राव, पद्मश्री डा. रणदीप गुलेरिया समेत 500 से ज्यादा विशेषज्ञ होंगे शामिल
-डा.मिशेल लेवी (अमेरिका), डा.रूपन आर्य (यूके), डा.क्वीरिनो पासिवोली (इटली), डा.मिशेल ओ लेरी (आस्ट्रेलिया), डा.महर अल बहरानी (ओमान), डा.लिलांथी सुबासिंघे (श्रीलंका) जैसे दूसरे देशों से आए एक दर्जन विशेषज्ञ भी होंगे शामिल
बरेली, 10 अक्टूबर। एसआरएमएस के हाथ एक और बड़ी उपलब्धि लगी है। इस बार चार दिनी कंप्रिहेंसिव क्रिटिकल केयर पर दूसरी वैश्विक कांफ्रेंस का आयोजन एसआरएमएस में हो रहा है, जो वाकई सम्मान की बात है। कंप्रिहेंसिव क्रिटिकल केयर पर चार दिवसीय दूसरी वैश्विक कांफ्रेंस 13 अक्टूबर को श्री राम मूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज में आरंभ होगी। यह हमारे लिए सम्मान की बात है कि इंडियन सोसायटी आफ क्रिटिकल केयर ने बरेली जैसे सीमित संसाधनों वाले छोटे शहर में स्थित हमारे संस्थान को इस आयोजन के लिए चुना। वैश्विक कांफ्रेंस जिसमें अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, इटली, आस्ट्रेलिया, श्रीलंका, ओमान, दुबई और बांग्लादेश जैसे देशों से एक दर्जन से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ आ रहे हों उसके आयोजन के लिए हमारे संस्थान का चुना जाना गर्व की बात होने के साथ ही हमारे संस्थान द्वारा दी जा रही गुणवत्तापूर्ण और विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाओं, इंफ्रास्ट्रक्चर और फैकेल्टी का रिकग्नीशन भी है। यह बात बरेली क्लब में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एसआरएमएस मेडिकल कालेज के डायरेक्टर आदित्य मूर्ति ने कही। उन्होंने कहा कि 2002 में हास्पिटल की स्थापना के साथ हमारे यहां इंसेंटिव क्रिटिकल केयर यूनिट (आईसीयू) आरंभ हुआ। लखनऊ और दिल्ली के बीच यह अकेला ऐसा चिकित्सा संस्थान है जहां सबसे ज्यादा आईसीयू मरीज भर्ती होते हैं। हमारे आईसीयू कांप्लेक्स में 100 बेड हैं और इसे प्लेटिनम ग्रेड मिला हुआ है। मेडिकल फील्ड में आ रहे बदलावों और रिसर्च से डाक्टरों को परिचित कराने के लिए यहां समय समय पर सीएमई और वर्कशाप आयोजित की जाती हैं। दूसरी वैश्विक कांफ्रेंस भी इसी में एक है। जिसमें नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फार हॉस्पिटल्स के अध्यक्ष पद्मविभूषण डा. बीके राव और एम्स नई दिल्ली के निदेशक पद्मश्री डा. रणदीप गुलेरिया जैसे नामचीन क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे। एस.आर.एम.एस. मेडिकल कालेज के रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभागाध्यक्ष डा.ललित सिंह कांफ्रेंस की आर्गनाइजिंग कमेटी के सेक्रेटरी हैं।
आर्गनाइजिंग सेक्रेटरी और एस.आर.एम.एस. मेडिकल कालेज के रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डा.ललित सिंह ने कहा कि यह वैश्विक कांफ्रेंस इंडियन सोसायटी आफ क्रिटिकल केयर की ओर से एस.आर.एम.एस. मेडिकल कालेज के रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित की जा रही है। इंडियन सोसायटी आफ क्रिटिकल केयर को दुनिया भर के सभी देश मान्यता देते हैं। 13 से आरंभ होने वाली इस अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में पहली बार डा.मिशेल लेवी (अमेरिका), डा.रूपन आर्य (यूके), डा.क्वीरिनो पासिवोली (इटली), डा.मिशेल ओ लेरी (आस्ट्रेलिया), डा.महर अल बहरानी (ओमान), डा.फारिअल अली खामीस (ओमान), डा.संदीप कंतूर (ओमान), डा.प्रशांत नासा (दुबई), डा.लिलांथी सुबासिंघे (श्रीलंका) जैसे क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ वैश्विक कांफ्रेंस में शामिल होने आ रहे हैं। इसमें अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हमारे नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फार हॉस्पिटल्स के अध्यक्ष पद्मविभूषण डा. बीके राव और एम्स नई दिल्ली के निदेशक पद्मश्री डा. रणदीप गुलेरिया, एम्स बठिंडा के निदेशक डा.डीके सिंह, नई दिल्ली के पीएसआरआई पल्मोनरी इंस्टीट्यूट, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन से डा. गोपी चंद खिलनानी, बॉम्बे हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर से डा. प्रवीण अमीन, मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल से डा. जे.वी. दिवातिया, नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल से डा. राजेश चावला, जेएनयू अस्पताल जयपुर से डॉ नरेंद्र रूंगटा, मुंबई के पीडी हिंदुजा अस्पताल व चिकित्सा अनुसंधान केंद्र से डा.खुशराव बजन जैसे विशेषज्ञों के साथ देश भर से करीब पांच सौ से ज्यादा विशेषज्ञ डाक्टरों ने भी वैश्विक कांफ्रेंस में आने की सहमति दे दी है। कांफ्रेंस का विषय “सेप्सिस” रखा गया है। इसके साइंटिफिक प्रोग्राम में सेप्सिस के पूरे स्पेक्ट्रम को कवर करते हुए भारत और विदेश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक और चिकित्सक शोधपत्र के जरिये अपनी प्रस्तुतियां देंगे। चार दिवसीय दूसरी वैश्विक कांफ्रेंस 13 अक्टूबर को वर्कशाप के साथ आरंभ होगी। इसका औपचारिक उद्घाटन 14 अक्टूबर दोपहर एक बजे एम्स नई दिल्ली के निदेशक पद्मश्री डा. रणदीप गुलेरिया करेंगे। 15 और 16 अक्टूबर को कांफ्रेंस कम वर्कशाप रामनगर के जिम कार्बेट नेशनल पार्क स्थित रिवर व्य् रीट्रीट और वुड कैसल में आयोजित होगी। कांफ्रेंस में पांच वर्कशाप आयोजित होंगी। वैश्विक कांफ्रेंस में नामचीन विशेषज्ञों के आने की बदौलत ही इंडियन मेडिकल काउंसिल (आईएमसी) ने इसे 12 घंटे क्रेडिट दिया है। किसी कांफ्रेंस को अब तक इतने घंटे का क्रेडिट नहीं दिया गया। आईएमसी के नियमानुसार सभी चिकित्सकों को प्रति वर्ष छह घंटे ऐसी वर्कशाप या कांफ्रेंस में शामिल होना जरूरी हैं। तभी वह अपग्रेडेशन के लिए योग्यता हासिल करते हैं। ऐसे में इस वैश्विक कांफ्रेंस का महत्व बढ़ जाता है।
प्रेस कांफ्रेंस में एस.आर.एम.एस. मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डा.एसबी गुप्ता भी मौजूद रहे। उन्होंने वैश्विक कांफ्रेंस को बड़ी उपलब्धि बताया।
वैश्विक कांफ्रेंस में शामिल होने वाले महत्वपूर्ण विशेषज्ञ
–डा. मिशेल लेवी – अमेरिका स्थित ब्राउन यूनिवर्सिटी के वॉरेन अल्परत मेडिकल स्कूल के प्रमुख होने के साथ मेडिसिन के प्रोफेसर हैं। क्रिटिकल केयर , पल्मोनरी और स्लीप मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डा.लेवी सर्वाइविंग सेप्सिस अभियान की कार्यकारी समिति के संस्थापक सदस्य हैं। इन्होंने 130 से ज्यादा सहकर्मी समीक्षित लेख और पुस्तकें लिखी हैं।
-प्रोफेसर (डा.) रूपेन आर्य – लंदन स्थित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड सर्जरी से सम्मानित डा.रूपेन आर्य ने लंदन यूनिवर्सिटी से मॉलिक्यूलर मेडिसिन में पीएचडी हासिल की। वह रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन और रॉयल कॉलेज ऑफ पैथोलॉजिस्ट के फेलो हैं। डा. आर्य हेमटो लॉजिकल मेडिसिन के प्रमुख चिकित्सक और किंग्स कॉलेज अस्पताल में रक्त विज्ञान प्रयोगशाला के उपनिदेशक हैं और डी.एच.वी.टी.ई. टीम में होने के साथ राष्ट्रीय वी.टी.ई.उदाहरण केंद्र नेटवर्क का नेतृत्व करते है।
-डा. क्वीरीनो पिएसेवोली – इटली से आ रहे डा. पिएसेवोली ने 1973 में मेडिसिन की डिग्री हासिल की और 1998 से रोम स्थित इंटेंसिव केयर एसीओसान फिलिप्पोनेरी के एनेस्थीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष हैं। वे इटालियन एसोसिएशन एनेस्थेटिस्ट्स एंड इंटेंसिव केयर स्पेशलिस्ट लेज़ियमरीजन, इटालियन सोसाइटी इंट्रावेनस एनेस्थेसिया के भी अध्यक्ष हैं। डा. पिएसेवोली यूरोपीय सोसायटी नैदानिक जोखिम प्रबंधन बोर्ड और लेज़ियम क्षेत्र के सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी के संचार आपात के सदस्य भी हैं।
-डा.मिशेल ओ लेरी – ऑस्ट्रेलिया से आ रहे डा. लेरी ऑस्ट्रेलियन और न्यूज़ीलैंड इंटेंसिव केयर सोसाइटी के पूर्व अध्यक्ष और सिडनी में इंटेंसिव केयर के एक वरिष्ठ विशेषज्ञ हैं। डा. लेरी जोरॉयल प्रिंस अल्फ्रेड अस्पताल और सेंट जॉर्ज प्राइवेट अस्पताल में कार्यरत हैं। वह सिडनी मेडिकल स्कूल, सिडनी विश्वविद्यालय में क्लिनिकल एसोसिएट प्रोफेसर और न्यू साउथ वेल्स ऑर्गन एंड टिश्यू डोनेशन सर्विस के सह-राज्य चिकित्सा निदेशक भी हैं। माइकल ने यूनाइटेड किंगडम में एनेस्थीसिया में प्रशिक्षण लिया है और वे रॉयल कॉलेज ऑफ एनेस्थेटिस्ट्स (FRCA) की फैलोशिप रखते हैं।
-डा.महर अलबहरानी – ओमान से आ रहे डा. अलबहरानी रॉयल अस्पताल के सहायक महानिदेशक और एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में वरिष्ठ सलाहकार कार्डियक एनेस्थेसियोलॉजिस्ट और इंटेंसिविस्ट हैं। वह 2004 से 2015 तक एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग, रॉयल अस्पताल के निदेशक थे और वह ओमान सोसाइटी ऑफ एनेस्थीसिया एंड क्रिटिकल केयर के संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष हैं। डॉ. अलबहरानी अमेरिकी बोर्ड ऑफ एनेस्थिसियोलॉजी और अमेरिकन बोर्ड ऑफ एनेस्थिसियोलॉजी- क्रिटिकल केयर मेडिसिन के ड्यूक यूनिवर्सिटी, यूएसए से एक दोहरे राजनयिक हैं।
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