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बरेली में रक्षाबंधन के लिए सजा पतंगों का बाजार, सुरमा और झुमके की तरह बरेली के मांझा की भी अलग पहचान

स्वाभिमान टीवी, बरेली। रक्षाबंधन से पहले बाजारों में चहल-पहल बढ़ गई है। इस बार बाजार में जय सिया राम, खाटूश्याम की आकर्षक राखियां बिक्री के लिए मौजूद हैं। रक्षाबंधन पर पतंग उडाने की परंपरा है। इसके चलते हर बार विशेष तौर से पतंगों का बाजार सजाया जाता है। बाजार में 2 रुपए से लेकर 100 रुपए तक की पतंगें बिक रही हैं। शहर में दर्जनों दुकानों पर पतंगों की बिक्री हो रही है। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए नए और पुराने नेता, अभिनेता, कॉर्टून, तिरंगा, चांद सितारे के डिजायन से सजी पतंगों आई हुई है।

पिरंगे वाली पतंगों की ज्यादा बिकरी
बाजार में तिरंगे वाली पतंग की ज्यादा डिमांड है। तिरंगा में कागज और पन्नी दोनों तरह की पतंगे आती है। इसके साथ ही बच्चों के काटून वाली पतंग जैसे डोरेमोन, बेनटेन, पोकेमॉन आदि बिकती है। इसके साथ ही मुड्डे धारा, गिलैहरा आदि पतंगे बेहद डिमांड में रहती है।

शहर में सबसे ज्यादा पन्नी की पतंग लोगों को पसंद आती है। जिसकी सेल लगभग 80% है जबकि 20% कागज की पतंगे बिकती है। इस साल मार्केट में कपड़े की पतंग आई है वोभी लोगों को पसंद आ रही है।

सबसे अच्छा माना जाता है बरेली का मांझा
देखा जाए तो दुनिया में कम से कम 200 तरह का मांझा मिलता है। जिसमें पाडा, नौतार, बारातार, सोलातार आदि आते है इसके साथ ही यह भी देखा जाता है कि मांझा कितने कोट का है। इसतें चार कोट से लेरक सोला कोट तक का माझा बाजार में मिलता है। बरेली का माझा इसलिए ज्यादा अच्छा बनता है क्योंकि सहा का क्लाइमेट माझे को सूट करता है। इसलिए बरेली का माझा सबसे अच्छा माना जाता है।