चार परमाणु हमलावर पनडुब्बियां… भारतीय नौसेना अपनी पारंपरिक पनडुब्बियों के साथ चार परमाणु हमलावर पनडुब्बियों को शामिल करेगी| भारत की सबसे शानदार पनडुब्बियों में से है अरिहंत क्लास बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन| इसमें चार पनडुब्बियां है| दो सर्विस में है| एक हाल ही लॉन्च हुई है. एक बन रही है| ये 6 से 7 टन डिस्प्लेसमेंट वाली सबमरीन है|
अरिहंत क्लास की सबमरीन में INS अरिहंत और INS अरिघट शामिल है| अगली 2024 में सेना में शामिल होगी| आखिरी 2025 में चारों ही परमाणु ईंधन संचालित पनडुब्बियां है| चारों में 12 से 24 K15 SLBM, 6 से 8 K-4 SLBM, 6 टॉरपीडो ट्यूब्स और 30 चार्जेस होंगे|
ये पनडुब्बियां पानी के अंदर 44 km/hr की स्पीड से चलती है| जबकि सतह पर 22 से 28 km/hr. अधिकतम 300 मीटर की गहराई तक जा सकती है| इन्हें भारतीय नौसेना ने स्ट्रैटेजिक स्ट्राइक न्यूक्लियर सबमरीन बुलाती है|
तीन S5 क्लास की बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन बनेंगी| ये 13,500 टन डिस्प्लेसमेंट की होंगी| ये भी परमाणु ईंधन से चलेंगी| इनमें 12 से 16 K6 MIRVed SLBM मिसाइलें लगी होंगी| जिनकी रेंज 10 से 12 हजार KM होगी. इसके अलावा 5 से 6 हजार KM वाली K-5 SLBM मिसाइलें लगाई जाएंगी|
प्रोजेक्ट 75A के तहत छह न्यूक्लियर पावर्ड अटैक सबमरीन बनाने की तैयारी है| ये छह हजार टन की पनडुब्बियां होंगी. तीन पनडुब्बियां इस साल बनेंगी| तीन 2024 में बनेंगी| ये पनडुब्बियां 2032 में नौसेना में शामिल होंगी| इनमें वरुणास्त्र हैवी वेट टॉरपीडो होंगे| निर्भय, ब्रह्मोस और ब्रह्मोस-2 हाइपरसोनिक लैंडअटैक और एंटी-शिप क्रूज मिसाइलें लगी होंगी|
कलवारी क्लास की 6 अटैक सबमरीन प्लान में थी| पांच सेवा में है. एक लॉन्च हो चुकी है| जल्द ही उसे भी शामिल कर लिया जाएगा| इस साल के अंत तक छठी पनडुब्बी भी नौसेना में शामिल हो जाएगी| इन पनडुब्बियों का डिस्प्लेसमेंट 1800 टन है| ये डीजल इंजन से चलने वाली पनडुब्बियां है| पानी के अंदर अधिकतम गति 37 किमी प्रतिघंटा होती है|
इसके अलावा इनकी रेंज 12 हजार किलोमीटर है| ये 50 दिनों तक पानी के अंदर 350 मीटर में रह सकती हैं| इन पनडुब्बियों में 8 अधिकारी और 35 सेलर होते हैं| इनमें 6 टॉरपीडो ट्यूब्स होते है| इसके अलावा SM.39 Exocet एंटी-शिप मिसाइल, A3SM एंटी- एयर मिसाइल और 30 बारूदी सुरंगें बिछाने की ताकत है| इनमें कलवारी, खंडेरी, करंज, वेला, वागीर सर्विस में हैं. वागशीर लॉन्च हुई है|जल्द सेना में शामिल होगी|
प्रोजेक्ट 75I क्लास में छह अटैक सबमरीन प्लान में है| ये 3 से 4 हजार टन डिस्प्लेसमेंट की पनडुब्बियां होगी| इन्हें मझगांव डॉक में बनाया जाएगा|इनका इस्तेमाल एंटी-सरफेस वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, आईएसआर, स्पेशल ऑपरेशंस फोर्सेस के लिए किया जाएगा| ये डीजल-इलेक्ट्रिक इंजन से चलने वाली पनडुब्बियां है|प्रोजेक्ट 76 क्लास के तहत भी 6 अटैक सबमरीन बनाई जाएंगी| इनकी डिजाइनिंग हो रही है|
मिडगेट सबमरीन क्लास में स्विमर डिलिवरी व्हीकल होते हैं| ये 150 टन की बौनी पनडुब्बियां होती हैं| इनका इस्तेमाल नौसेना की स्पेशल कमांडो फोर्स MARCOS करेगी| ताकि स्पेशल ऑरपरेशंस को चुपचाप आसानी से पूरा किया जा सके|ऐसी दो बौनी पनडुब्बियां बनाने की योजना है|