वंदेभारत मेट्रो अगले वर्ष मार्च तक बनकर तैयार हो जाएगी और ट्रैक पर दौड़ने लगेगी| मौजूदा समय 23 वंदेभारत ट्रेनों का संचालन हो रहा है और पूर्वोत्तर के राज्यों को छोड़कर सभी राज्यों में चल रही है| ज्यादातर वंदेभारत लंबी दूरी पर चल रही है|
नई दिल्ली: सेमी हाई स्पीड ट्रेन यानी वंदेभारत एक्सप्रेस यात्रियों को खूब पसंद आ रही है| इसकी सफलता को देखते हुए रेलवे अब वंदेभारत मेट्रो का निर्माण शुरू करने जा रहा है| इस ट्रेन के ट्रैक पर आने की डेडलाइन भी तय हो चुकी है| यहां पर सभी यह जानना चाहेंगे कि वंदेभारत एक्सप्रेस से वंदेभारत मेट्रो कितनी अलग होगी| क्या इसका केवल नाम बदला जा रहा है| या सुविधाओं में भी बदलाव किया जाएगा| इसमें क्या अतिरिक्त सुविधाएं होंगी|
वंदेभारत मेट्रो अगले वर्ष मार्च तक बनकर तैयार हो जाएगी और ट्रैक पर दौड़ने लगेगी| मौजूदा समय 23 वंदेभारत ट्रेनों का संचालन हो रहा है और पूर्वोत्तर के राज्यों को छोड़कर सभी राज्यों में चल रही है| ज्यादातर वंदेभारत लंबी दूरी पर चल रही है|रेलवे अब इन्हें ईएमयू या लोकल ट्रेनों की तरह भी चलाने की तैयारी कर रहा है| यानी करीब 100 किमी. की दूरी वाले शहरों के बीच इन्हें चलाया जाएगा| इसके लिए मौजूदा वंदेभारत एक्सप्रेस की डिजाइन में बदलाव करने की जरूरत पड़ेगी|जिस पर काम शुरू हो चुका है|
रेलवे अधिकारियों के अनुसार वंदेभारत मेट्रो में मेट्रो और वंदेभारत एक्सप्रेस दोनों का मिलाजुला रूप देखने को मिलेगा| इस ट्रेन की खासियत यह होगी कि 100 किमी. की स्पीड मौजूदा वंदेभारत से भी कम समय में पकड़ लेगी| यानी इनका पिकअप का समय और कम होगा |
मौजूदा वंदेभारत एक्सप्रेस को जीरो से 100 किमी.की स्पीड पकड़ने में 52 सेकेंड लगते है| लेकिन वंदेभारत मेट्रो को इस तरह डिजाइन किया जा रहा है कि जीरो से 100 की स्पीड 45 से 47 सेकेंड में पकड़ ले| लेकिन इसकी अधिकतम स्पीड मौजूदा वंदेभारत एक्सप्रेस से कम रखी जाएगी| अभी इसकी स्पीड 180 किमी. प्रति घंटे है लेकिन वंदेभारत मेट्रो की स्पीड 120 से 130 किमी. प्रति घंटे रखी जाएगी| क्योंकि वंदेभारत मेट्रो के स्टेशन पास-पास होंगे, इसलिए ज्यादा तेज स्पीड रखने की जरूरत नहीं होगी|
वहीं, मौजूदा मेट्रो शहर में या आसपास के शहरों को जोड़कर चलती है| इसलिए इसमें शौचालय नहीं होते है|लेकिन वंदेभारत मेट्रो मौजूदा मेट्रो की तुलना में लंबी दूरी पर चलेगी| इसलिए शौचालय भी होंगे| संभावना है कि दो कोचों के बीच में एक शौचालय दिया जाए|