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एसडीएम ऑफिस में शिकायत करने गए ग्रामीण का मुर्गा बने हुए वीडियो वायरल, देखे वीडियो, जाने क्या है सच्चाई

एसडीएम ऑफिस में शिकायत करने गए ग्रामीण का मुर्गा बने हुए वीडियो वायरल, देखे वीडियो, जाने क्या है सच्चाई

बरेली, 15 सितंबर। यूपी के बरेली में एसडीएम पर ग्रामीण को अपने ऑफिस में मुर्गा बनाने का आरोप लग रहा है। वही एसडीएम के सामने ग्रामीण के मुर्गा बने हुए का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वही इस मामले में एसडीएम का कहना है कि जब मैं ऑफिस पहुंचा तभी कुछ ग्रामीण ऑफिस में आए और उसमे से एक ग्रामीण मुर्गा बन गया। मैने अपने स्टाफ से कहा इसे उठाओ। आखिर क्या है पूरा मामला जानते है इस रिपोर्ट में……

शमशान भूमि की शिकायत करने गए थे ग्रामीण

दरअसल बरेली की मीरगंज तहसील में मंडनपुर गांव के कुछ ग्रामीण एसडीएम उदित पवार के पास शमशान भूमि पर कब्जे की शिकायत करने पहुंचे थे। एसडीएम जैसे ही अपने ऑफिस में पहुंचे तो देखा एक युवक मुर्गा बने हुए है। वही जब ग्रामीण बाहर निकलकर आए तो उन्होंने मीडिया को बताया की एसडीएम ने उन्हें मुर्गा बना दिया था। ग्रामीण पप्पू ने बताया की उनके गांव में कोई भी शमशान भूमि नही है जिस वजह से लोगो के अंतिम संस्कार में परेशानी होती है और जो जगह शमशान भूमि के नाम दर्ज है उस पर मुस्लिम समुदाय के लोगो ने कब्जा कर उसे कब्रिस्तान बना लिया है। इसकी शिकायत करने के लिए पप्पू गांव के अन्य लोगो के साथ एसडीएम मीरगंज उदित पवार के पास पहुंचा था। पप्पू का आरोप है कि एसडीएम ने उसे मुर्गा बना दिया और अभद्रता की। इतना ही नहीं उसका प्रार्थना पत्र भी फेंक दिया।

एसडीएम ने कहा मैंने नही बनाया मुर्गा

वही इस मामले में एसडीएम उदित पवार का कहना है कि जब वो अपनी कोर्ट से दो बजे अपने ऑफिस में पहुंचे तो 5-6 लोग मंडनपुर गांव के आए। उन्ही में से एक व्यक्ति मुर्गा बन गया तो उसके साथ आए ग्रामीणों से एसडीएम ने उसे उठाने को कहा, लेकिन वो व्यक्ति मुर्गा बना रहा और उसी में से किसी व्यक्ति ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। उसके बाद मैने उन लोगो की शिकायते सुनी और लेखपाल को फोन करके शिकायत के निस्तारण के लिए कहा। एसडीएम उदित पवार ने सफाई देते हुए कहा गया की ग्रामीणों के द्वारा जो आरोप लगाया जा रहा है की मैने उन्हे मुर्गा बनाया वो निराधार है। मैने उन्हे मुर्गा नही बनाया। ग्रामीणों का कहना है की उनके गांव में कोई अंत्येष्टि स्थल नही है। तो मैंने लेखपाल को फोन करके कहा कि मौके पर जाकर देखे और अगर शमशान भूमि के लिए कोई जगह हो तो नियमानुसार दे दे।

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