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Vinesh Phogat: अखाड़े से निकलकर विनेश ने ली राजनीति में एंट्री, हरियाणा से लड़ सकती हैं चुनाव

नई दिल्ली। ओलंपिक में मात्र 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण सुखियों में आने वाली भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की अब राजनीति में एंट्री हो गई है। विनेश फोगाट ने पहलवान बजरंग पूनिया के साथ्ज्ञ कांग्रेस का दाम थाम लिया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से मिलने के बाद शुक्रवार दोपहर करीब 2:30 बजे दोनों पहलवान कांग्रेस मुख्यालय पहुंच। संभावना व्यक्त की जा रही है कि दोनों को हरियाण विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपना प्रत्याशी बना सकती है।

विनेश का राजनीति में डेब्यू

अचानक राजनीति में विनेश फोगाट की एंट्री ने सभी को चौका दिया था। बता दें ठीक एक महीने पहले वह ओलंपिक में खेल रही थी। 100 ग्राम वजन कम होने के कारण पदक न मिलने के कारण उस समय वह ज्यादा चर्चा में आई थी। पिछले एक महीने में उनके जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए थे।

ओलंपिक में फाइनल में स्वर्ण पदक की प्रमुख दावेदार को अधिक वजन होने के कारण विनेश को कैटेगरी से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने सन्यास की घोषणा कर सभी को चौका दिया। कांग्रेस की सदस्यता लेने के साथ ही उन्होंने अपने फैंस को एक बार फिर चौका दिया। आइए जानते हैं उनके अब तक के करियर के बारे में…

पहलवानों के परिवार में हुआ था विनेश का जन्म

विनेश फोगाट का जन्म 25 अगस्त 1994 में हरियाणा के बलाली गांव में सुप्रसिद्ध कुश्ती परिवार में हुआ। विनेश के ताऊ महावीर सिंह फोगाट विनेश और उनकी बहनों को बहुत कम उम्र से ही इस खेल की बारीकियों से परिचित करा दिया था।

विनेश अपनी चचेरी बहनों गीता फोगाट और बबीता कुमारी के नक्शेकदम पर बड़े-बड़े टूर्नामेंट में देश का नाम रोशन किया। बता दे ओलंपिक पदक लाने से पूर्व उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों के अलावा एशियाई खेल, विश्व चैंपियनशिप और एशियाई चैंपियनशिप में भारत का झंडा लहराया है।

सफलता पाने के लिए की थी कठोर ट्रेनिंग

ताऊ महावीर फोगाट की निगरानी में विनेश ने कठोर ट्रेनिंग की थी। ट्रेनिंग के लिए उन्हें सुबह तीन बजे जाना पड़ता था। ट्रेनिंग के बाद वह स्कूल भी जाती थी। लंबे बालों के कारण ध्यान न भटके इस लिए ताऊ ने उनके बाल भी छोटे करा दिए थे।

विनेश का खेल में करियर

विनेश फोगाट ने अपना पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय खिताब 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में जीता। ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद उनके आत्मविश्वास में काफी इजाफा हुआ। फिर 2016 रियो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली लेकिन इस वार वह पदक जीतने से चूक गई। लेकिन इसके बाद उन्होंने 2018 में राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक हासिल किया।

इसके बाद विनेश ने नूर सुल्तान में पहला विश्व चैंपियनशिप पदक हासिल किया और इससे पहले एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर सभी को हैरान कर दिया। 2021 एशियाई चैंपियनशिप में उन्होंने अपना पहला स्वर्ण पदक जीता।

इसके बाद वह टोक्यो ओलंपिक का हिस्सा बनीं। साथ ही राष्ट्रमंडल खेल 2022 में लगातार तीसरी बार स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। विनेश फोगाट तीन राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं।

2023 में खेल प्रणाली के खिलाफ किया था आंदोलन

बता दें 18 जनवरी 2023 में विनेश समेत भारत के कुछ दिग्गज पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे। उस समय महिला खिलाड़ियों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। मामला बढ़ा तो बृजभूषण को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी।

इसके बाद भारतीय कुश्ती संघ में चुनाव का एलान हुआ और बृजभूषण के करीबी संजय सिंह 21 दिसंबर को अध्यक्ष चुने गए। संजय सिंह के अध्यक्ष बनते ही विनेश की साथी पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का एलान कर दिया। उनके बाद बजरंग पूनिया ने पद्मश्री लौटा दिया और पैरा पहलवान वीरेंद्र सिंह (गूंगा पहलवान) ने भी पद्मश्री लौटाने की बात की।

इसके बाद खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया। उसके बाद समिति बनाई गई तो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ ने भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया। हालांकि, संजय सिंह को पहलवान अध्यक्ष मानने को तैयार हुए और आईओसी ने निलंबन हटा लिया।

हालांकि, बृजभूषण पर आरोप तय होने के बाद सजा नहीं मिली तो विनेश ने भी खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार लौटाने का एलान कर दिया।