संसद के विशेष सत्र की तमाम चर्चाओं के बीच देश का नाम बदले जाने की चर्चा भी जोर पकड़ रही है|दो दिनों में इस आशय की इतनी खबरें सामने आईं, जिनसे देश का बदले जाने जैसी भावना के संकेत मिलते हैं| मंगलवार सुबह ही सामने आया कि, भारत के प्रेसीडेंसी G20 ने नया हैंडल G-20 भारत लॉन्च किया है|
G20 के ठीक बाद केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है. इस एक लाइन ने बीते एक हफ्ते से सियासी हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर रखा है| संसद के विशेष सत्र में क्या होगा, इसकी अभी तक सिर्फ अटकलें ही हैं, लेकिन मंगलवार को एक और नई बात सामने आ गई| जिस तरह के संकेत मिल रहे हैं, कहा जाने लगा है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान केंद्र सरकार, देश के नाम बदले जाने (India से भारत किए जाने) का प्रस्ताव रख सकती है|
I.N.D.I.A. गठबंधन को लगेगा झटका
नाम बदला जाता है को इसके तहत अब देश का नाम सार्वजनिक और सार्वभौमिक रूप से भारत ही होगा| जल्द ही देश को INDIA, इंडिया कहा जाना बीते जमाने की बात हो सकती है| अगर ऐसा होता है तो यह अभी-अभी नए बने I.N.D.I.A. गठबंधन के लिए बड़ा झटका साबित होगा, जिसने खुद से खुद को देशहित का पर्याय मानते हुए अपने गठबंधन का नाम देश की इस इंग्लिश वर्तनी पर रख लिया था, ताकि उसे जब I.N.D.I.A. पुकारा जाए तो यह देश की आवाज लगे|
कैसे सामने आई देश का नाम बदलने की बात?
खैर, किसके मन में क्या है, इसका उजागर होना तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन ये नाम बदलने वाली भावना को बल कहां से मिला, इस पर चलते हैं| असल में सोमवार से लेकर आज मंगलवार तक दो दिनों में इस आशय की इतनी खबरें सामने आईं, जिनसे देश का नाम बदले जाने जैसी भावना के संकेत मिलते हैं|मंगलवार सुबह ही सामने आया कि, भारत के प्रेसीडेंसी G20 ने नया हैंडल G-20 भारत लॉन्च किया है| यह G20 का अतिरिक्त एक्स अकाउंट होगा| इसके तहत G20 से संबधित टिप्पणियां और सूचनाएं भारत के आधिकारिक नाम से जारी की जाएंगी|
G20 के रात्रिभोज के निमंत्रण पर भी दर्ज हुआ भारत
इसी तरह दूसरी खबर ये है कि राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को जी20 डिनर के लिए जो निमंत्रण पत्र भेजा है, वह भी ‘भारत के राष्ट्रपति’ (‘President of Bharat’) के नाम से भेजा है| जबकि अभी तक इसके लिए सामान्य प्रचलन में President of India ही प्रयोग किया जाता रहा है| इस बारे में कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने X (ट्वीट) करके जानकारी दी है| कांग्रेस सांसद ने लिखा कि, ‘तो ये खबर वाकई सच है… राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को G20 रात्रिभोज के लिए सामान्य ‘भारत के राष्ट्रपति’ के बजाय ‘भारत के राष्ट्रपति’ के नाम पर निमंत्रण भेजा है| इसकी पुष्टि करते हुए निमंत्रण पत्र की एक तस्वीर भी सामने आई है|यह निमंत्रण एक मंत्री के नाम पर आया है, जिस पर ‘भारत के राष्ट्रपति’ दर्ज है|
कई सांसद कर चुके हैं नाम बदलने की मांग
इसी तरह सोमवार को, खबर आई कि बीजेपी राज्य सभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने भारत के संविधान से इंडिया शब्द को हटाने की मांग की है| उन्होंने कहा कि ‘इंडिया शब्द गुलामी का पर्याय है और संविधान संशोधन से इसको हटा देना चाहिए| हरनाथ सिंह जैसी ही बात नरेश बंसल ने भी की है|इन सांसदों का मानना है कि किसी देश दो नाम हो सकते हैं क्या? इन सांसदों का ये भी मानना हैं इंडिया ग़ुलामी का प्रतीक हैं जबकि, भारत हमारी विरासत की पहचान है|
RSS ने भी कहा- देश का एक नाम, सिर्फ भारत हो
ये तो रही बीते दो दिनों की बात, लेकिन थोड़ा और पीछे चलें को आरएसएस भी इस लाइन में खड़ी दिखती है जो ऐसी ही मांग को दोहरा रही है| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने बीते शुक्रवार को कहा था कि इंडिया की जगह भारत का इस्तेमाल किया जाना चाहिए| उन्होंने लोगों से यह अपनी आदत में शुमार करने की अपील भी की| उन्होंने कहा कि भारत नाम प्राचीन काल से चला आ रहा है और इसे आगे बढ़ाया जाना चाहिए| भागवत ने बीते शुक्रवार को सकल जैन समाज के एक कार्यक्रम में पहुंचे हुए थे| उन्होंने कहा, “हमारे देश का नाम सदियों से भारत रहा है. भाषा कोई भी हो, नाम एक ही रहता है|
‘बंद करना होगा ‘इंडिया’ शब्द का प्रयोग’
“हमारा देश भारत है और हमें ‘इंडिया’ शब्द का उपयोग बंद करना होगा और सभी व्यावहारिक क्षेत्रों में भारत का उपयोग करना शुरू करना होगा, तभी परिवर्तन होगा| हमें अपने देश को भारत कहना होगा और दूसरों को भी समझाना होगा| एकीकरण की शक्ति पर जोर देते हुए, भागवत ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो सभी को एकजुट करता है और कहा, आज दुनिया को हमारी जरूरत है| हमारे बिना, दुनिया नहीं चल सकती| हमने योग के माध्यम से दुनिया को जोड़ा है|