जुलूसों में न हो शस्त्रों का प्रदर्शन, शांति पूर्ण ढंग से निकाले जाए जुलूस
त्योहारों पर कानून व्यवस्था को लेकर कमिश्नर और आईजी ने की बैठक
बरेली, 7 अक्टूबर। बाराबाफात, जुलूस-ए- मोहम्मदी, बाल्मिकी शोभा यात्रा, दिवाली समेत तमाम त्योहारों को लेकर आज कमिश्नर और आईजी ने आज महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में मंडलायुक्त संयुक्ता समद्दार ने कहा कि बरेली के बारे में पूरे देश में ऐसी धारणा बनी हुई है कि यहां पर त्यौहारों को शांति पूर्वक, आपसी भाईचारा, सौहार्द पूर्वक तथा गंगा-जमुना तहजीब की संस्कृति के रूप में मनाया जाता है और मैं यह चाहती हूॅ कि यही धारणा हमेशा बरेली के बारे में लोगों की बनी रहे। उन्होंने कहा कि बरेली स्मार्ट सिटी के रूप में तैयार हो रहा है और असली स्मार्टनेस तो सामाजिक सौहार्द, सामाजिक शांति तथा आपसी भाईचारा से आती है। उन्होंने कहा कि विकास के लिए आधारभूत भौतिक संरचना के साथ-साथ सौहार्दपूर्ण सामाजिक संरचना की भी जरूरत होती है। क्योंकि बिना सामाजिक विकास के कोई भी आधारभूत भौतिकी विकास नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि आज वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में जो धार्मिक तनाव एवं आपसी सामंजस की कमी है, बरेली में विभिन्न धार्मिक-सांस्कृति शांति पूर्ण जुलूसों के माध्यम से दिया जा सकता है जो भारत के साथ-साथ पूरे विश्व के लिए एक आदर्श उदाहरण के रूप में पेश किया जा सकता है यही मेरी कामना है और इसके लिए प्रशासन के साथ-साथ सभी बरेली वासियों की पूर्ण सहयोग की आशा है।
त्यौहारों में किसी भी प्रकार का न किया जाए शस्त्र प्रदर्शन: आईजी
आईजी रमित शर्मा ने कहा कि बरेली पूरे भारत में शांति का संदेश देता रहा है कुछ अपवादों को छोड़कर हमेशा से जुलूस शांति पूर्ण रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों से दूर रहें तथा नौजवानों को भी दूर रहने की सलाह दें तथा सिनियरों से कहा कि नौजवानों को अनुशासित करने की जिम्मेदारी आपकी है। उन्होंने कहा कि त्यौहारों में किसी भी प्रकार का शस्त्र प्रदर्शन न किया जाए।
जुलूसों में न डाली जाए कोई नई परम्परा, शांति पूर्ण ढंग से निकाली जाए शोभायात्रा: डीएम
डीएम शिवाकान्त द्विवेदी ने कहा कि पर्वों में कोई भी नई परंपरा ना डाली जाए और झांकियां शांतिपूर्ण ढंग से निकाली जाएं। जिलाधिकारी ने कहा कि दोनों धर्मों के जुलूस का एक ही समय में न हो। इसके लिए कहा कि वाल्मीकि समुदाय के लोग अपना कार्यक्रम सुबह 10 बजे से 3 बजे तक तथा ईद मिलादुन्नबी-बारावफात का जुलूस 3 बजे बाद निकालें। इससे दोनों समुदाय के बीच संघर्ष की स्थिति नहीं उत्पन्न होगी। उन्होंने कहा कि बरेली में हमेशा उत्सव शांतिपूर्ण तरीके होते रहे हैं वही अपेक्षा इस वर्ष भी है। उन्होंने कहा कि प्रशासन स्तर पर पूरा सहयोग एवं व्यवस्था प्रदान की जाएगी। उन्होंने सभी मजिस्ट्रेट तथा उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन रास्तों पर ईद मिलादुन्नबी-बारावफात व वाल्मीकि जयंती के जुलूस निकलते हैं उन जगहों का निरीक्षण पहले ही कर लिया जाए। उन्होंने सभी आयोजकों को निर्देश दिए कि वॉलिंटियर्स को इसकी सूची तैयार कर उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने अपर नगर आयुक्त को निर्देश दिए कि आगामी पर्व से पहले सभी सड़कों की मरम्मत पूर्ण कर ली जाए।
बरेली को सामाजिक एवं धार्मिक सौहार्द का माना जाता है केंद्र: एसएसपी
दोनों समुदाय की समस्याएं सुनने के बाद एसएसपी अखिलेश चौरसिया ने कहा कि सारे जुलूस किस रास्ते आयेगे और किसी रास्ते से जायेगे। दोनों समुदाय के लोग इसकी लिस्ट प्रदान करें। उसी के अनुसार पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाएगी और जो संवेदनशील क्षेत्र है उसकी भी सूची प्रदान की जाए इससे सुरक्षा प्रदान करने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी एक वर्ष या दो वर्ष के लिए आते है और चले जाते है वह मेहमान की भूमिका में रहते है। असली मेजमान की भूमिका में आप लोग रहते हैं। आप लोगों के अनुभव एवं सहयोग से ही शांतिपूर्ण त्यौहार एवं जुलूस का आयोजन सम्पन्न होता है। पिछली कई वर्षों से शांति पूर्ण त्यौहारों के सम्पन्न होने के कारण ही बरेली को सामाजिक एवं धार्मिक सौहार्द का बहुत बड़ा केन्द्र मना जाता है।
बैठक में जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अखिलेश कुमार चौरसिया, अपर जिलाधिकारी नगर डॉ आरडी पांडे, नगर मजिस्ट्रेट राकेश कुमार गुप्ता, अपर नगर आयुक्त सुनील कुमार, एसपी यातायात राम मोहन सिंह, एसपी ग्रामीण राजकुमार अग्रवाल, समस्त उप जिलाधिकारी, जिला सूचना अधिकारी योगेन्द्र प्रताप सिंह, दोनों समुदाय के प्रतिष्ठित लोग सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
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