इस परिवार में रहने वाले पांच भाई बहनों को लेकर 2000 के दशक में सांइटिफिक पेपर पब्लिश हुआ था|जिसमें इनके चलने के तरीके पर विस्तार से बात की गई थी|
दुनिया भर में तमाम तरह के परिवार मौजूद हैं| जिनमें कुछ इतने अजीब होते हैं कि अपनी हरकतों के कारण खबरों में आ जाते हैं| इस बीच एक ऐसा परिवार चर्चा में है, जो इंसानों की तरह दो पैरों से नहीं बल्कि जानवरों की तरह चार पैरों पर चलता है|ये अपने दोनों हाथों का इस्तेमाल पैरों के रूप में करते हैं. परिवार तुर्की के दूरदराज के गांव में रहता है| इस परिवार में रहने वाले पांच भाई बहनों को लेकर 2000 के दशक में सांइटिफिक पेपर पब्लिश हुआ था| जिसमें इनके चलने के तरीके पर विस्तार से बात की गई थी|
पेपर के पब्लिश होने के कुछ साल बाद लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) के मनोवैज्ञानिक प्रोफेसर निकोलस हम्फ्रे इस परिवार से मिलने के लिए तुर्की गए थे| उलास परिवार में माता और पिता के 18 बच्चे थे, हालांकि, इनमें से केवल छह की ऐसे थे, जो जानवरों की तरह चलना पसंद करते हैं| ये कुछ ऐसा था, जो पहले कभी नहीं देखा गया| इस परिवार को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री भी बनी है| जिसे 60 मिनट्स ऑस्ट्रेलिया ने बनाया| इसमें हम्फ्रे ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि आधुनिक अवस्था से कोई मनुष्य पशु अवस्था में वापस लौट सकता है|
‘इनका अस्तित्व ही नहीं होना चाहिए’
उन्होंने कहा था कि जो चीज इंसानों को जानवरों से अलग बनाती है, वो है उसका दो पैरों पर चलना| सिर को ऊपर की तरफ रखकर चलना|इसके अलावा भाषा और दूसरे कारक भी अहम हैं| लेकिन इस परिवार के छह लोगों ने तो सीमाएं ही पार कर दीं|
डॉक्यूमेंट्री में उलास परिवार को इंसान और वानरों के बीच की लुप्त कड़ी बताया गया, जिनका अस्तित्व ही नहीं होना चाहिए|इनके चलने के स्टाइल के पीछे का कारण आज तक कोई पता नहीं लगा पाया है|
सिकुड़ा हुआ है मस्तिष्क का एक हिस्सा
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा किसी आनुवंशिक समस्या के कारण हो सकता है| इन छह भाई बहनों में से अभी पांच जीवित हैं, जिनकी उम्र 22 और 38 साल के बीच है| सभी ब्रेन डैमेज के एक विशेष रूप से पीड़ित हैं| डॉक्टर ने डॉक्यूमेंट्री में एमआरआई स्कैन भी दिखाया, जिससे पता चला कि उनमें से प्रत्येक के मस्तिष्क का एक हिस्सा सिकुड़ा हुआ था, जिसे सेरेबेलर वर्मिस कहा जाता था|
लेकिन इसका मतलब ये नहीं हो जाता कि ये जीवों की तरह चार पैरों पर चलने लगें|क्योंकि सेरेबेलर वर्मिस वाले अन्य लोग इंसानों की तरह दो पैरों पर ही चलते हैं|इसके उलट इस परिवार के लोग अपने दोनों हाथों को पैरों की तरह इस्तेमाल करते हैं| इस परिवार पर कई अन्य डॉक्टूमेंट्री भी बनी हैं|