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हाथरस हादसे पर बाबा ने जारी किया अपना बयान, जानिए किसे बताया हादसे का दोषी

स्वाभिमान टीवी, डेस्क। हाथरस। कोतवाली सिकंदराराऊ अंतर्गत फुलरई मुगलगढ़ी गांव में सत्संग के दौरान भगदड़ को लेकर साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा ने अपनी सफाई में एक बयान जारी किया है। साकार हरि बाबा ने कहा है कि दुर्घटना से पहले ही वह वहां से चले गए थे। उन्होंने इस हादसे के लिए आयोजकों को जिम्मेदार बताया है। साथ ही उन्होंने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।

आश्रम में ही नजरबंद हैं बाबा
जानकारी के अनुसार हादसे के बाद देर रात भोले बाबा मैनपुरी के बिछवां कस्बे में स्थित अपने आश्रम पर पहुंच गए थे। भोले बाबा के आश्रम में होने की जानकारी मिलते ही पुलिस ने आश्रम की किलेबंदी कर दी। बाबा को पुलिस ने नजरबंद कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस आश्रम के अंदर बाबा की मौजूदगी से इन्कार कर रही है। बावजूद इसके लगातार आश्रम के आसपास पुलिस की लगातार संख्या बढ़ाई जा रही है।

सुबह तक बढ़ाई गई फोर्स
सत्संग में मची भगदड़ में 121 से अधिक लोगों की जान चली गई। इस घटना के जिम्मेदार भोले बाबा रात को ही हाथरस से बिछवां स्थित अपने आश्रम में आ गए थे। जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन अलर्ट हो गया। तुरंत ही सीओ भोगांव सुनील कुमार सिंह बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ आश्रम पर पहुंच गए। जैसे-जैसे समय बीतता गया फोर्स की संख्या भी बढ़ती गई। भोगांव, कुर्रा, किशनी आदि थानों की फोर्स भी बुधवार की सुबह तक आश्रम के बाहर पहुंच गई।

आश्रम के पास डेरा जमाए हुए है पुलिस
आश्रम की किलेबंदी करने के साथ ही भोले बाबा को नजरबंद कर दिया गया। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने आश्रम में बाबा के मौजूद होने की बात से इन्कार कर रहे हैं। बुधवार की शाम तक आश्रम के आसपास पुलिस ही पुलिस नजर आ रही थी। वहीं सूत्रों ने भोले बाबा के आश्रम में होने की पुष्टि की। सूत्रों की माने तो मंगलवार को दिन में करीब 3 बजे बाबा आश्रम में आए और तभी से किसी के भी आश्रम में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। उधर दूसरी तरफ पुलिस लगातार बाबा के आश्रम में होने की बात से इन्कार कर रही है। बहरहाल पुलिस के साथ ही खुफिया विभाग की टीमें भी कस्बा बिछवां में आश्रम के पास ही डेरा जमाए हुए हैं।

आश्रम में मौजूद हैं अनुयायी
पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था को देख कर अनुमान लगाया जा रहा है कि बाबा आश्रम के अंदर ही है। जानकारी के अनुसार बाबा के साथ इस समय आश्रम के अंदर उनके कुछ अनुयायी और स्थानीय लोग भी मौजूद हैं। मीडिया के लोगों को आश्रम के आसपास भी जाने से रोका जा रहा है।