उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने की तैयारी तेज कर दी गई है, इसी सिलसिले में बुधवार रात सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अमित शाह के साथ बैठक की| बैठक में यूसीसी समिति की अध्यक्ष रिटायर्ड जज न्यायमूर्ति रंजना प्रसाद भी मौजूद रहीं, ऐसा माना जा रहा है कि अक्टूबर के अंतिम सप्ताह या नवंबर के पहले सप्ताह में समिति सरकार को फाइनल रिपोर्ट दे सकती है|

समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन सकता है| राज्य में इसके लिए ड्राफ्ट पहले ही तैयार कर लिया गया है| इस बीच बुधवार देर शाम एक बार फिर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक की| इस बैठक में उत्तराखंड यूसीसी समिति की अध्यक्ष रंजना देसाई समेत अन्य सदस्य भी मौजूद रहे|

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चुनावों के दौरान राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया था| इसके लिए एक समिति बनाई गई थी| समिति ने लोगों से सुझाव मांगने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया था| इसमें तकरीबन 20 लाख सुझाव मिले थे| इसके अलावा यूसीसी का ड्राफ्ट भी तैयार कराया गया था| माना जा रहा है कि गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक में इसी मसौदे पर चर्चा की गई है|

जुलाई में तैयार हो चुका है मसौदा

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए गठित यूसीसी समिति जुलाई में ही मसौदा तैयार कर चुकी है| समिति की अध्यक्ष रिटायर्ड जज न्यायमूर्ति रंजना देसाई ने इसकी जानकारी दी थी| उन्होंने यह भी बताया था कि समिति ने उत्तराखंड में प्रचलित विभिन्न प्रथाओं को बारीकियों से समझने की कोशिश की है| उन्होंने यह भी बताया था कि समिति का पूरा जोर लैंगिक समानता सुनिश्चित करने पर रहा है| यह मसौदा देश के वैधानिक ढांचे समेत विभिन्न कानूनों और नियमों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है|

जल्द सौंपी जाएगी रिपोर्ट

होम मिनिस्टर अमित शाह के साथ बैठक का मुद्दा कमेटी के मसौदे पर चर्चा ही बताया जा रहा है| ऐसा माना जा रहा है कि यदि बैठक में सहमति बन जाती है तो अक्टूबर के अंतिम सप्ताह या नवंबर के पहले सप्ताह में यूसीसी कमेटी उत्तराखंड सरकार को अपनी रिपोर्ट भी सौंप सकती है|

क्या है यूसीसी

यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी यूसीसी का सीधा सा अर्थ एक देश एक कानून से है| दरअसल देश में अभी तक तलाक, शादी, गोद लेने के नियम, उत्तराधिकारी, संपत्तियों से मामलों के अलग-अलग कानून है| उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद सभी के लिए एक कानून होगा, चाहे वह किसी भी जाति या धर्म का हो|