स्वाभिमान टीवी डेस्क। आज भारत का लोहा पूरी दुनिया मानती है। कोई भी क्षेत्र हो हम भारतीय हमेशा आगे रहते है। इस क्रम में दुनिया के सबसे अमीर आदमियों में से एक और टेस्ला, स्पेस एक्स जैसी कंपनियों के मालिक एलन मस्क ने भारतीय मूल के अशोक एलुस्वामी की तारीफ की है। बता दें, एलन मस्क की कंपनी टेस्ला के एआई फंगशन और ऑटोपायलट सॉफ्टवेयर का श्रेय अशोक एसुस्वामी को जाता है। एक न्यूज रिपोर्ट के अनुसार अशोक एलुस्वामी टेस्ला की ऑटोपायलट टीम में शामिल होने वाले पहले व्यक्ति थे। इससे पहले अशोक एलुस्वामी ने भी एक्स पर अपनी एक लंबी पोस्ट लिखकर एलन मस्क की तारीफ की थी।
Thanks Ashok!
Ashok was the first person to join the Tesla AI/Autopilot team and ultimately rose to lead all AI/Autopilot software.
Without him and our awesome team, we would just be another car company looking for an autonomy supplier that doesn’t exist.
Btw, I never… https://t.co/7eBfzu0Nci
— Elon Musk (@elonmusk) June 9, 2024
एलन ने ट्वीट कर की अशोक की तारीफ
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक एलन मस्क ने भारतीय मूल के अशोक एलुस्वामी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट डाल कर धन्यवाद किया है। उन्होंने पोस्ट में कहा कि अशोक का धन्यवाद! अशोक टेस्ला AI/ऑटोपायलट टीम में शामिल होने वाले पहले व्यक्ति थे और अंततः सभी AI/ऑटोपायलट सॉफ़्टवेयर का नेतृत्व करने के लिए आगे बढ़े। उनके और हमारी शानदार टीम के बिना, हम सिर्फ़ एक और कार कंपनी होते जो स्वायत्तता आपूर्तिकर्ता की तलाश में है जो मौजूद ही नहीं है। वैसे, मैंने कभी सुझाव नहीं दिया कि वह कुछ भी कहें और मुझे नहीं पता था कि उन्होंने यह लिखा है जब तक कि मैंने इसे 10 मिनट पहले नहीं देखा।
— Ashok Elluswamy (@aelluswamy) June 9, 2024
अशोक एलुस्वामी ने कहा
लुस्वामी ने लिखा, ”2014 में ऑटोपायलट की शुरुआत एक बेहद छोटे कंप्यूटर पर हुई थी, जिसमें केवल ~384 केबी मेमोरी और बहुत कम कंप्यूट था (इसमें नेटिव फ्लोटिंग पॉइंट अंकगणित भी नहीं था)। उन्होंने इंजीनियरिंग टीम से लेन कीपिंग, लेन चेंजिंग, लॉन्गिट्यूडिनल कंट्रोल फॉर व्हीकल, कर्वेचर आदि को लागू करने के लिए कहा। टीम में भी कई लोगों ने सोचा कि यह क्रेजी रिक्वेस्ट थी। फिर भी उन्होंने (एलन मस्क) कभी हार नहीं मानी और टीम को इस बेहद मुश्किल लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रेरित किया। 2015 में सभी बाधाओं को पार करते हुए टेस्ला ने दुनिया का पहला ऑटोपायलट सिस्टम पेश किया। ऐसा दूसरा सबसे करीबी उत्पाद कई वर्षों बाद बाजार में आया।
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