महाशिवरात्रि पर त्रिवटी नाथ मंदिर में जलाभिषेक करने से हर मनोकामना होगी पूरी
बरेली नाथनगरी के प्राचीनतम एवं भव्यतम बाबा त्रिवटीनाथ महादेव मंदिर बरेली ही नहीं अपितु उत्तर प्रदेश तथा विदेश में रहने वाले सभी सनातन प्रेमियों तथा भक्तों की आस्था का केंद्र है
महादेव का यह धर्म स्थल 600 वर्ष प्राचीन है जहां महादेव स्वयं प्रकट शिवलिंग रूप में विराजमान हैं।
आज यह परम धर्म स्थल बरेली के साथ भारतवर्ष तथा विदेश तक के सभी शिव भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है
18 फरवरी को महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर मंदिर के पूरे परिसर को बहुत सुंदर एवं भव्य बिजली, फूलों द्वारा सजावट की जाएगी
बरेली, 17 फरवरी। बरेली नाथनगरी के प्राचीनतम एवं भव्यतम बाबा त्रिवटीनाथ महादेव मंदिर बरेली ही नहीं अपितु उत्तर प्रदेश तथा विदेश में रहने वाले सभी सनातन प्रेमियों तथा भक्तों की आस्था का केंद्र है। यह भक्तों का प्रबल विश्वास है कि यहां सभी के मनोरथ पूर्ण होते हैं।
बाबा त्रिवटीनाथ मंदिर सेवा समिति के मीडिया प्रभारी संजीव औतार अग्रवाल ने बताया की महादेव का यह धर्म स्थल 600 वर्ष प्राचीन है जहां महादेव स्वयं प्रकट शिवलिंग रूप में विराजमान हैं। उन्होंने बताया कि आज से लगभग 600 वर्ष पहले पर चारों ओर भयानक पशु पक्षियों से भरा हुआ अति घोर जंगल हुआ करता था तथा यहां पर साधारण मानव का आना बहुत दुर्गम तथा असम्भव हुआ करता था। यदा कदा यहां पर चरवाहे दिन के समय में अपने पशु चराने आया करते थे। एक बार एक चरवाहा अपने पशु चराने हेतु आने के उपरांत काफी थक जाने के पश्चात यहां पर स्थित वट वृक्ष के नीचे विश्राम करते हुए गहन निंद्रा में सो रहा था तभी उसको एक दिव्य स्वप्न हुआ, जिसमें महादेव ने स्वयं उसको दर्शन दिए तथा कहा कि उठ मैं इसी वट वक्ष के नीचे विराजमान हूँ। हत प्रभ तथा अचंभित होकर उस चरवाहे की नींद खुल गई तथा उसने वही वट वृक्ष के नीचे विशाल शिवलिंग को पाया। शिव लिंग को देखकर उसको बहुत हर्ष हुआ तथा बारंबार उसने महादेव का ध्यान कर अपनी श्रद्धा को व्यक्त किया तथा वहां प्रकट दिव्य शिवलिंग के बारे में शहर में जाकर सभी जनता जनार्दन को जाकर बताया तभी से इस दिव्य शिवलिंग के दर्शन के लिए भक्तों का आना लगातार बड़ता चला गया तथा जिसने भी सच्चे मन से यहां पर आकर अपनी मनोकामना मांगी वह अवश्य पूर्ण हुई।
मीडिया प्रभारी ने बताया कि विशेष बात यह है कि यहां पर तीन वट वृक्ष के मध्य में भगवान शंकर लिंग रूप में विराजमान है अतः बाबा का यह पावन तथा सभी के दुख को हरने वाला स्वरुप बाबा त्रिवटीनाथ महादेव के नाम से सभी शिव भक्तों के ह्रदय में विराजित है। तब से लेकर अब तक असंख्य बार मन्दिर के शिवालय का निर्माण समय-समय के साथ होता रहा। अभी कुछ वर्ष पूर्व मन्दिर समिति द्वारा शिवालय का पुन: निर्माण कराया गया, जिसमें राजस्थानी लाल पत्थर से शिवालय को सुसज्जित कराया गया है। वर्तमान में पुन: शिवालय के फर्श को नवीन स्वरूप देने का कार्य चल रहा है जोकि महाशिवरात्री से पहले पूर्ण करा लिया जाएगा। आज यह परम धर्म स्थल बरेली के साथ भारतवर्ष तथा विदेश तक के सभी शिव भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। मन्दिर की महिमा का पता इसी बात से चल सकता है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बरेली आगमन पर बाबा त्रिवटीनाथ का नाम तथा आशीर्वाद लेकर अपना उद्बोधन प्रारम्भ किया था। समय-समय पर मंदिर सेवा समिति द्वारा यहां पर भव्य शिवालय, रामालय, नवग्रह मंदिर बृहस्पतिदेव स्थान, नंदी वन, मनौती स्थल, भव्य यज्ञ शाला आदि का निर्माण कराया गया। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष ही मंदिर प्रांगण में अति विशाल भगवान शंकर के दिव्य स्वरूप की स्थापना मंदिर सेवा समिति द्वारा कराई गई है। 18 फरवरी को महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर मंदिर के पूरे परिसर को बहुत सुंदर एवं भव्य बिजली, फूलों द्वारा सजावट की जाएगी।
मंदिर सेवा समिति के सभी सदस्यों का पूरा प्रयास रहता है कि सुचारु रुप से तथा सुगमता के साथ मंदिर आने वाले सभी भक्तों को पूजन अर्चन करने में कोई असुविधा न हो। महाशिवरात्रि के पावन पर्व के दिन हजारों ही संख्या में भक्त बाबा से प्रार्थना एवं पूजन करके अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए अनुग्रह करते हैं। मीडिया प्रभारी ने बताया कि बाबा त्रिवटी नाथ महादेव का नित्य सांयकाल बहुत सुंदर श्रृंगार मंदिर सेवा समिति द्वारा किया जाता है जिसको प्रतिदिन मन्दिर के अधिकारिक फेसबुक पेज पर अपडेट करने की जिम्मेदारी मन्दिर के मीडिया प्रभारी को दी गई है जिसके माध्यम से बाबा त्रिवटीनाथ के दर्शन, मंदिर के सभी उत्सव तथा कार्यक्रमों का विवरण बड़ी सुगमता के साथ लाइव देश विदेश में रहने वाले भक्तों को होती हैं।