प्रयग्राज के पवित्र गंगा ,जमुना ,सरस्वती संगम पर लाखों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई । एक अनुमान के मुताबिक् 45 दिन चलने वाले कुंभ के पहले दिन लगभग 60 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। कुंभ हर 12 यह दुर्लभ महाकुंभ 144 साल मे एक बार आता है। मकर संक्रांति के दिन पौष पूर्णिमा पर पहले शाही स्नान से इसकी शुरुआत होगी । 6 फरवरी को समाप्त होने वाले इस महाकुंभ मे 14 जनवरी, मौनी अमावस्या 29 जनवरी व 3 फरवरी को पड़ने वाली बसंत पंचमी का दिन स्नान के लिए उत्कृष्ट है।
इस महाकुंभ मे समूचे देश व दुनिया भर से श्रद्धालुओं की की भीड़ उमड़ पड़ी है । ब्राज़ील, रूस, जर्मन , फ्रांस व अन्य 22-25 देशों से कई श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। एपल के को फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी, लारेन् पावेल जॉब्स निरंजन अखाड़े मे कल्पवास करेंगी।
चप्पे चप्पे पर पुलिस सहायता मौजूद है। प्रशासन पूरी मेहनत कर रहा है, अधिकारी चैन से नही बैठ पा रहे है पूरा ध्यान कुंभ मे अपनी जिम्मेदारियों को पूरी लगन के साथ निभाना है।
अगर इतिहास कारों की माने तो 600 ईसा पूर्व बौद्ध लेखों मे नदी मेलो का जिक्र मिलता है। पोराणिक कथाओ के अनुसार देवताओ और राक्षसों मे अमृत को लेकर 12 दिन युद्द चला था जो की इंसानी जीवन के 12 वर्षो के बराबर है। इसीलिए कुंभ 12 वर्षों के बराबर है हालांकि खगोलीय घटनाक्रम के अनुसार भ्रहस्पति जब सूर्य के चक्कर को पूरा करता है तो उसमे 12 वर्ष लगते हैं। संतो का मानना है कि 144 साल बाद के महाकुंभ मे स्नान करना साक्षात ईश्वर का अनुभव है इसमें किसमतवाले भाग्यशाली ही पहुँच पाते है।