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मुस्लिम और दलित वोटों मिलकर बनाएंगे मेयर: यूसुफ जरीवाला

मुस्लिम और दलित वोटों मिलकर बनाएंगे मेयर: यूसुफ जरीवाला

यूसुफ जरीवाला मुस्लिम और दलित बस्तियों में जा जाकर कर रहे है जनसंपर्क

यूसुफ जरीवाला का आरोप मुस्लिम समुदाय ने समाजवादी पार्टी के डॉ आई एस तोमर को बनाया दो बार मेयर

मुस्लिम वोट के जरिए मेयर बनने के बाद भी डॉ आई एस तोमर ने नही कराया कोई भी विकास कार्य

मुसलमान समाजवादी पार्टी से है नाराज, आजम खां की अखिलेश यादव ने नही की मदद

बरेली में मुस्लिम और दलित का मुझे मिल रहा समर्थन: यूसुफ जरीवाला

दरगाहो और मजारों पर जा जाकर चादर पोषी कर रहे है युसूफ जरीवाला।

बरेली, 6 मई। बरेली में बहुजन समाज पार्टी मुस्लिम और दलित वोटों के जाति समीकरण के आधार पर चुनाव जीतने की तैयारी में है। बसपा के प्रत्याशी युसूफ जरीवाला का कहना है कि बरेली में समाजवादी पार्टी मेयर का चुनाव नहीं लड़ रही वह निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन दे रही है ऐसे में इसका सीधा फायदा बसपा को होगा। क्योंकि मुस्लिम समुदाय समाजवादी पार्टी से नाराज है इसलिए मुस्लिम वोट बसपा को मिलेगा। यूसुफ जरीवाला का कहना है की मैं इकलौता मुस्लिम प्रत्याशी हूं और मुसलमानों ने दो बार अपना वोट देकर आईएस तोमर को मेयर बनाया, लेकिन मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में कोई भी विकास का काम नहीं हुआ। यही वजह है कि इस बार मुसलमान बसपा के साथ है।

मुस्लिम और दलित बस्तियों में बसपा कर रही जनसंपर्क, दरगाहो और मजारों पर कर रहे चादरपोशी

युसूफ जरीवाला इन दिनों मुस्लिम और दलित बस्तियों में जा जाकर वोट मांग रहे हैं। वह दरगाह और मजारों पर जाकर चादर पोशी कर रहे हैं। वो लोगों को यह बता रहे हैं कि इस बार उनका साथ दे दे तो जब वह मेयर बन जायेंगे। जिसके बाद मुस्लिम और दलित इलाकों में विकास की गंगा बहेगी। उनका कहना है कि बरेली में करीब पौने चार लाख मुस्लिम मतदाता और इसके अलावा बड़ी तादाद में दलित वोट है। ऐसे में उनकी जीत करीब 50000 वोटों से होने जा रही है। उनका कहना है कि उन्हें मुस्लिम बहुल इलाकों और दलित बस्तियों में अपार जनसमर्थन मिल रहा है।

यूसुफ पिछली बार भी मेयर का चुनाव लडे थे और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा नवाबगंज से विधानसभा का चुनाव भी लड़े थे वहां भी उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।

गौरतलब है कि डॉ आईएस तोमर एक बार समाजवादी पार्टी के समर्थन से मेयर बने, तो एक बार समाजवादी पार्टी से लड़कर चुनाव जीते थे। तो वहीं पिछली बार उनको हार का सामना भी करना पड़ा था। डॉ तोमर की जीत का कारण मुस्लिम वोट माना जाता है इसके अलावा समाजवादी पार्टी का अपना वोट बैंक है। यही दोनों वोट बैंक तोमर को दो बार मेयर बना चुके हैं।