जबरन धर्म परिवर्तन रोकने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई इसकी सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी दी. SC में जस्टिस एम आर शाह ने सुनवाई करते हुए कहा यह बहुत गंभीर मामला है। सभी को अपना धर्म चुनने का पूर्ण रूप से अधिकार है. लेकिन जबरदस्ती धर्म परिवर्तन से नहीं किया जा सकता, यह बेहद खतरनाक है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने धोखे से और लालच से धर्म परिवर्तन कराने को बताया गलत।

 

न्यूज़ डेस्क: 23 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने जबरन धर्मांतरण को लेकर एक अहम टिप्पणी की, दरअसल जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करते हुए कहा, जबरन धर्म परिवर्तन देश की सुरक्षा के लिए भी काफी खतरनाक है. और यह काफी गंभीर मामला है।

 

आखिर क्यों सुप्रीम कोर्ट को टिप्पणी देनी पड़ी

दरअसल मामला 19 जनवरी का है,जहां तमिलनाडु में तंजावुर की 17 साल की छात्रा लावण्या ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली थी.आत्महत्या से ठीक पहले एक वीडियो भी बनाया था. जिसमें ने अपने स्कूल सैक्रेड हार्ट हायर सेकेंडरी पर आरोप लगाते हुए कहा.कि ईसाई बनाने का दबाव बनाया जा रहा है। लगातार उत्पीड़न से परेशान होकर मैं आत्महत्या कर रही है. वहीं मद्रास हाई कोर्ट ने मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट को दे दी थी।

 

जबरन धर्मांतरण पर केंद्र सरकार से मांगा जवाब

धर्मांतरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर भारत सरकार का जवाब दाखिल ना होने पर बेंच ने नाराजगी जताई, जस्टिस शाह ने कहा यह देश की सुरक्षा से जुड़ा काफी गंभीर मामला है. हम केंद्र सरकार का स्टैंड जानना चाहेंगे 22 नवंबर तक जवाब दाखिल कर दें अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी।

 

 

 

 

 

 

By Sarvesh