योगीराज में शहर बन रहा स्मार्ट, बरेली आए तो इन जगहों पर जाए जरूर
म्यूजिकल फाउंटेन, घंटाघर, ऐतिहासिक इमारतें, लाईटो से जगमगाता शहर
घंटाघर की फिजाओं में गूंज रहीं गुजरे जमाने की सदाएं
गांधी उद्यान के म्यूजिकल फाउंटेन पर थिरकने लगते हैं कदम
मुख्यमंत्री के निर्देश पर फसाड लाइटों से जगमग हो रहा शहर
45 साल बाद कुतुबखाना के घंटाघर की घड़ी से शुरू हो रही लोगों की दिनचर्या
फसाड लाइटों से जगमगा रहीं शहर की ऐतिहासिक इमारतें
कमिश्नर और नगरआयुक्त ने घंटाघर, गांधी उद्यान के सौंदर्यीकरण का लिया जायजा
बरेली, 18 दिसंबर। बरेली का घंटाघर धरोहर और आधुनिक तकनीक का अदभुत समागम है। सालों से थमी घंटाघर की टिक टिक करती सुइयों की आवाज अब दोबारा सुनाई देने लगी है। कुतुबखाना की फिजाओं में वही 32 साल पुरानी घंटाघर की सदाएं गूंजने लगी हैं। जिनसे कभी रमजान के महीने में सहरी और इफ्तार के वक्त का पता चलता था। घंटाघर की घड़ी की आवाज सुनकर लोग सुबह के वक्त मंदिर जाया करते थे। पूजा और घंटियों का नाद होता था। बरेली में 1975 में कुतुबखाना के पास घंटाघर का निर्माण कराया गया था। कुछ सालों में घंटाघर की घड़ी से लोगों की दिनचर्यां चलने लगी थी, लेकिन पिछले 32 सालों से घंटाघर की सुइयों को अव्यवस्थाओं के वक्त ने थाम लिया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर तेजी से स्मार्ट बन रहे बरेली में नगर निगम ने 87 लाख रुपये से घंटाघर की धरोहर का आधुनिक तकनीक से जीर्णोद्धार करवाकर उसे और सुंदर बना दिया है। उस ऐतिहासिक पहचान को आधुनिक स्वरूप देकर यादों को जीवंत कर दिया है। घंटाघर के ऊपरी हिस्से में आटोमेटिक डिजिटल घड़ी लगाई गई है। एक बार बंद होने के बावजूद डिजिटल घड़ी का टाइम आटो सेट हो जाता है। घंटाघर के प्रांगण में रंग बिरंगी फाउंटेन वाली मनमोहक लाइटें आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। कमिश्नर संयुक्ता समद्दार और नगर आयुक्त निधि गुप्ता ने घंटाघर और गांधी उद्यान का जायजा लिया। कैनोपी के साथ लैंड स्केपिंग और भव्य लाइटिंग में घंटाघर अपनी अदभुत, सतरंगी छटा बिखेरते हुए लोगों को आकर्षित कर रहा है।
फसाड लाइटों से जगमगा रहीं शहर की ऐतिहासिक इमारतें
नगर आयुक्त निधि गुप्ता ने बताया कि शहर की ऐतिहासिक प्रमुख इमारतों में नगर निगम कार्यालय, कोतवाली, मेथाडिस्ट चर्च समेत अन्य ऐतिहासिक इमारतें अब फसाड लाइटों से जगमगा रही हैं। ऐतिहासिक विरासत को संजोए हुए भव्य इमारतों में आधुनिक तकनीक का तड़का लगाया गया है। इसमें प्रकाश के रंगों का संयोजन परिवर्तित करने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल हुआ है। सुनियोजित फसाड लाइटें रात में मुख्य रूप से भवनों की मुख्य विशेषताओं की ओर केंद्रित करती हैं। भवन को भव्यता प्रदान करने के साथ ही अपनी आभा से आकर्षित करती हैं। उपरोक्त लाइटों से भवनों को राष्ट्रीय त्योहारों एवं अन्य अवसरों पर देश भक्ति, सांस्कृतिक थीम पर संचालित किया जाता है।
गांधी उद्यान के म्यूजिकल फाउंटेन पर थिरकने लगते हैं कदम
शहर के बीचो बीच भव्य गांधी उद्यान जल तरंगों के साथ म्यूजिकल फाउंटेन लगाया गया है। लोगों के मॉर्निंग और इवनिंग वॉक के लिए पाथवे बनाया है। साइड में बोलार्ड लगाकर उसे जगमग किया गया है। सुसज्जित पार्क शाम को सतरंगी लाइटें और म्यूजिकल फाउंटेन म्यूजिक सिस्टम गांधी उद्यान के सौंदर्य को चार चांद लगा रहे हैं। गांधी उद्यान पहुंचने वाले म्यूजिकल फाउंटेन के संगीत की धुनों पर थिरकने के लिए बेताब हो जाते हैं।