508 स्टेशन 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 55-55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22, गुजरात और तेलंगाना में 21-21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में 18-18, हरियाणा में 15 और कर्नाटक में 13 स्टेशन शामिल हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश भर के 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे. इस बात की जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा दी गई है. ये एक बार में अब तक का सबसे बड़ा शिलान्यास अभ्यास होगा. संपूर्ण रेलवे मशीनरी इस विशाल लॉजिस्टिक अभ्यास को पूरा करने के लिए काम कर रही है.

यूपी-बिहार से केरल तक के 508 रेलवे स्टेशनों की बदलेगी सूरत

ये 508 स्टेशन 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 55-55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44,पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22, गुजरात और तेलंगाना में 21-21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में 18-18, हरियाणा में 15 और कर्नाटक में 13 स्टेशन शामिल हैं. इनमें असम के बोंगाईगांव, कोकराझार, लुमडिंग, मेघालय के  मेंदीपाथर जैसे पूर्वोत्तर के स्टेशन भी शामिल हैं. बिहार के मुजफ्फरपुर, बापूधाम मोतिहारी के साथ-साथ केरल के शोरनूर और कासरगोड भी इस सूची में हैं.

लाउंज, मॉल, प्ले एरिया समेत मिलेंगी ये सुविधाएं

ये स्टेशन आधुनिक भारत की भव्य तस्वीर को प्रदर्शित करेंगे. इन स्टेशनों पर यात्रियों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की होगी. यात्रियों के सुगम आवागमन के लिए लिफ्ट और एस्केलेटर के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं से युक्त कॉनकोर्स, वेटिंग रूम और रिटेल एरिया विकसित किए गए हैं. पुनर्विकसित स्टेशन नईअत्याधुनिक यात्री सुविधाओं तथा मौजूदा सुविधाओं के अपग्रेडेशन से यात्रियों को बेहतर और उत्कृष्ट सुविधाएं प्रदान करेंगे. इन स्टेशनों पर स्टेशन पर आगमन / प्रस्थान प्लाजा, एग्जीक्यूटिव लाउंज, कॉनकोर्स एरिया, लिफ्ट एवं एस्केलेटर, फूड कोर्ट, शॉपिंग मॉल, कैफेटेरिया, प्ले एरिया, ग्रीन बिल्डिंग, नवीनीकरणीय ऊर्जा, कचरे के प्रसंस्करण, वर्षा जल संचयन, बैगेज स्कैनर, कोच इन्डिकेशन बोर्ड तथा दिव्यांगजन अनुकूल सुविधाओं सहित आधुनिक यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी.

दो साल में पूरा होगा काम!

स्टेशनों पर लागू की जाने वाली सुविधाओं में फुट-ओवरब्रिज, एस्केलेटर और लिफ्ट, दोपहिया और कार पार्किंग क्षेत्र, भूदृश्य/बागवानी, एकीकृत यात्री सूचना ,  प्लेटफार्मों और प्लेटफार्म शेल्टरों में सुधार, बेंच और वॉशबेसिन, बेहतर रोशनी और बिजली आपूर्ति व्यवस्था, सीसीटीवी समेत कई चीजें शामिलहैं. इस परियोजना को पूरा करने के लिए दो साल का लक्ष्य रखा है.

24,470 करोड़ रुपये की लागत में होगा काम

इस पुनर्विकास परियोजना की कुल लागत 24,470 करोड़ रुपये होगी. प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा कहा है कि रेलवे लोगों के लिए परिवहन का पसंदीदा साधन है,इसीलिए  उन्होंने रेलवे स्टेशनों पर विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के महत्व को प्राथमिकता दी है. इस दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, 1,309 स्टेशनों के पुन पुनर्विकास के लिए ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ शुरू की गई थी. इस योजना के तहत प्रधानमंत्री द्वारा 508 स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी जा रही है. दिसंबर 2022 में शुरू की गई अमृत भारत स्टेशन योजना का उद्देश्य रेलवे स्टेशनों के लिए एक मास्टरप्लान तैयार करना और सुविधाएं बढ़ाने के लिए इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करना है.