उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड जल्द ही 2024 में आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षा की डेटशीट जारी करने वाला है| यूपी बोर्ड की डेटशीट और टाइम टेबल यूपीएमएसपी की आधिकारिक वेबसाइट upmsp.edu.in पर जारी किया जाएगा| प्री बोर्ड और प्रैक्टिकल एग्जाम जनवरी-फरवरी 2024 में आयोजित किया जाएगा| परीक्षा से पहले चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है| जहां 14 स्कूलों में एक भी छात्र यूपी बोर्ड परीक्षा में बैठने वाला नहीं है|

14 स्कूलों में से एक भी छात्र ने नहीं भरा बोर्ड परीक्षा का फॉर्म

यूपी बोर्ड परीक्षाओं में लगातार हर साल छात्रों की कमी देखने को मिल रही है| पिछले साल के मुकाबले इस साल यूपी बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों की संख्या में करीब 3 लाख की कमी आई है| वहीं दूसरे राज्यों की संख्या 45000 तक घटी है| अब सामने आया है की यूपी में 14 स्कूल ऐसे है| जहां यूपी हाईस्कूल बोर्ड और यूपी इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा  में बैठने के लिए एक भी छात्र नहीं है| 14 स्कूलों में एक भी छात्र ने यूपी बोर्ड परीक्षा का फॉर्म नहीं भरा है|

क्या है वजह

प्रयागराज जिले में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा का फॉर्म न भरने वाले वित्तविहीन स्कूलों में गंगा पार और यमुना पार के अलावा शहर के भी कुछ स्कूल शामिल है| इसे लेकर लोगों का मानना है कि यह स्कूल आने वाले भविष्य में मान्यता वापस करने की तैयारी में है| इस वजह से ऐसा हुआ है|

स्कूलों के नाम

उमराव सिंह बालिका इंटर कॉलेज मंफोर्डगंज, जगपत सिंह सिंगरौर बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निवा, चिन्मय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गंगापुरी रसूलाबाद,न्यू ब्राइट गर्ल्स इंटर कॉलेज नयापुरा करेली, एम एक्सपोर्ट पब्लिक कॉलेज करेली, राम यश पब्लिक इंटर कॉलेज मलाक बलऊ, सरदार पटेल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पीजीसीएल मिश्र का पूरा लोहगरा बारा, आरबी कान्वेंट स्कूल एडीए नैनी, अयोध्या प्रसाद संपत सिंह हायर सेकेंडरी स्कूल सरसों, राधा कुंज बिहारी यदुनाथ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अटरामपुर सोरांव, आदर्श बाल्मिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कौड़िहार, विजिटर मेमोरियल गर्ल्स उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सेवइत, शिवम इंटर कॉलेज सोरांव,मोहम्मदिया गर्ल्स इंटर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लालगोपालगंज शामिल है| इन स्कूलों को यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए एक भी छात्र नहीं मिला है|

क्यों घटी छात्रों की संख्या

माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बोर्ड परीक्षा में कड़ाई के कारण छात्रों की संख्या में कमी आई है| यूपी बोर्ड ने नकल विहीन परीक्षा कराने में रिकॉर्ड कायम किया था| बोर्ड परीक्षा में नकल माफियाओं पर बढ़ते शिकंजा कसने के लिए प्रदेश सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए कई गाइडलाइन जारी की है|