देश में जल्द लागू हो सकता है UCC, उत्तराखंड में अगले महीने लागू होगा यूसीसी

दिल्ली, 29 जनवरी। केंद्र की मोदी सरकार जल्द ही समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू कर सकती है। जिसके बाद एक देश एक समान कानून देश के सभी धर्मो के लिए लागू होगा। जिसमे हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन सभी धर्मो के लिए एक कानून होगा। वही उत्तराखंड की सरकार जल्द ही इस कानून को लागू करने वाली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसकी घोषणा कर दी है।

उत्तराखंड की डबल इंजन सरकार राज्य में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज कहा की विधानसभा सत्र में विधेयक लाकर समान नागरिक संहिता को प्रदेश में लागू करेंगे। UCC का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित कमेटी 2 फरवरी को ड्राफ्ट उत्तराखंड सरकार को सौंपेगी।

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करना धामी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (रिटायर्ड) की अध्यक्षता में गठित समिति ने UCC की ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार की है। प्रदेश सरकार ने मई 2022 में उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय कमेटी गठित की थी। कमेटी में जस्टिस देसाई के अलावा दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रमोद कोहली, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह और दून यूनिवर्सिटी की वाइस-चांसलर सुरेखा डंगवाल शामिल हैं।

यूनिफॉर्म सिविल कोड संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत आती है। इसमें कहा गया है कि राज्य पूरे भारत में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे। इसी अनुच्छेद के तहत इस यूनिफॉर्म सिविल कोड को देश में लागू करने की मांग की जा रही है। इसके पीछे जनसंख्या को बिगड़ने से रोकना और जनसांख्यिकी को नियंत्रित करने की तर्क दी जाती है।

  • विवाह, तलाक, गोद लेने और संपत्ति में सभी के लिए एक नियम होगा।
  • परिवार के सदस्यों के आपसी संबंध और अधिकारों में समानता होगी।
  • जाति, धर्म या परंपरा के आधार पर नियमों में कोई रियायत नहीं होगी।
  • किसी भी धर्म विशेष के लिए अलग से कोई नियम नहीं होगा।
  • UCC के तहत शादी, तलाक, संपत्ति, गोद लेने जैसे मामले।
  • हर धर्म में शादी, तलाक के लिए एक ही कानून।
  • जो कानून हिंदुओं के लिए, वहीं दूसरों के लिए भी।
  • बिना तलाक के एक से ज्यादा शादी नहीं कर पाएंगे।
  • शरीयत के मुताबिक जायदाद का बंटवारा नहीं होगा।
  • UCC लागू होने से इन रीति रिवाजों में नही होगा कोई बदलाव
  • धार्मिक मान्यताओं पर कोई फर्क नहीं।
  • धार्मिक रीति-रिवाज पर असर नहीं।
  • ऐसा नहीं है कि शादी पंडित या मौलवी नहीं कराएंगे।
  • खान-पान, पूजा-इबादत, वेश-भूषा पर प्रभाव नहीं होगा।

By Anup