अरुण कुमार सिन्हा 1988 के केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं| उन्हें हाल ही में एक साल का विस्तार दिया गया था| सिन्हा को लिवर में दिक्कत के चलते 4 सितंबर को मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था
स्पेशल प्रोटेक्शन फोर्स (SPG) के डायरेक्टर अरुण कुमार सिन्हा का बुधवार को निधन हो गया|उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली| SPG देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती है|अरुण कुमार सिन्हा 1988 के केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं| उन्हें हाल ही में एक साल का विस्तार दिया गया था|
अरुण कुमार सिन्हा 2016 से SPG चीफ के पद पर तैनात थे| उन्हें लिवर में दिक्कत के चलते 4 सितंबर को मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था|जहां बुधवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली|
केरल पुलिस में कई अहम पदों पर रहे सिन्हा
सिन्हा ने अपनी पढ़ाई झारखंड से की थी| वे केरल पुलिस में कई अहम पदों पर रहे| उन्होंने डीसीपी, कमिश्नर, रेंज आईजी, इंटेलिजेंस आईजी और एडमिनिस्ट्रेशन आईजी जैसे पद संभाले|
इंदिरा की हत्या के बाद हुआ था एसपीजी का गठन
31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या हो गई थी| इसके बाद 1988 में संसद में एसपीजी एक्ट पारित किया गया और एसपीजी का गठन हुआ| उस समय भी मौजूदा प्रधानमंत्री को ही सुरक्षा देने का प्रावधान था| पूर्व प्रधानमंत्रियों को नहीं|
यही वजह थी कि 1989 में वीपी सिंह की सरकार ने राजीव गांधी का एसपीजी कवर हटा दिया था| 1991 में राजीव गांधी की भी हत्या हो गई|इसके बाद एसपीजी कानून में संशोधन हुआ|प्रावधान किया गया कि पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार को पद से हटने के 10 साल बाद तक एसपीजी सुरक्षा मिलेगी|
इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 2003 में इस कानून में फिर संशोधन किया| संशोधित कानून के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री को पद छोड़ने के एक साल बादतक ही एसपीजी कवर मिलेगा|लेकिन मोदी सरकार ने एसपीजी एक्ट में संशोधन कर दिया था| इसके बाद ये सुरक्षा व्यवस्था सिर्फ मौजूदा प्रधानमंत्री को ही मिलती है|