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DM के निर्देशन में पराली प्रबन्धन एवं पराली न जलाये जाने हेतु चल रहा वृहद जन जागरूकता अभियान

DM के निर्देशन में पराली प्रबन्धन एवं पराली न जलाये जाने हेतु चल रहा वृहद जन जागरूकता अभियान

ग्राम पंचायत, विकास खण्ड व जनपद स्तर पर पराली ना जलाये जाने हेतु निगरानी समितियों का किया गया है गठन

किसानों को निशुल्क वेस्ट डी-कम्पोजर का किया जा रहा वितरण

विगत वर्ष की अपेक्षा पराली जलाये जाने के केसों में आयी है कमी

बरेली, 26 अक्टूबर। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार के कुशल निर्देशन में जनपद के किसान भाईयों को पराली प्रबंधन हेतु जागरूक किया जा रहा है साथ ही पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में भी जानकारी दी जा रही है।

किसान बन्धुओं को पराली से कम्पोस्ट बनाये जाने हेतु वेस्ट डी-कम्पोजर का भी वितरण निःशुल्क कराया जा रहा है, जनपद में पराली न जले इस हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में 05 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें सचिव, ग्राम पंचायत लेखपाल, कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारी एवं गन्ना पर्यवेक्षक शामिल हैं। उक्त ग्राम पंचायत निगरानी समिति अपनी ग्राम पंचायत में पराली न जलाये जाने की संतृप्त निगरानी कर रही है एवं किसान भाईयों को जागरूक भी कर रही है।

इसी प्रकार विकासखण्ड स्तर पर उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 04 सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया गया है जिसमें क्षेत्राधिकारी, तहसीलदार एवं उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी शामिल हैं इनका कार्य ग्राम पंचायत स्तर से प्राप्त सूचना के आधार पर शासनादेश में वर्णित कार्यवाही करते हुए अपने उच्चाधिकारियों को 24 घण्टे के अन्दर सूचना देना है।

इसी प्रकार जनपद स्तर पर पराली जलाये जाने से हो रहे वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) की अध्यक्षता में 20 सदस्यीय सेल का गठन भी किया गया है, इसका कार्य जनपद में गठित विभिन्न समितियों के माध्यम से प्राप्त सूचनाओं का अनुश्रवण कर प्रभावी कार्यवाही करना एवं पराली जलाये जाने से रोकने हेतु विभिन्न शासनदेशों में बताये गये उपायों को प्रभावी तौर पर क्रियान्वित कराये जाने हेतु कृत संकल्प है। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी द्वारा स्वयं जनपद स्तर एवं तहसील स्तर पर समस्त समितियों के सदस्यों एवं जागरूक कृषकों के साथ बैठक कर राष्ट्रीय हरित अधिकरण, राज्य सरकार से प्राप्त दिशा निर्देशानुसार जा रहा है।

पराली प्रबन्धन एवं इसको जलाये जाने से रोकने हेतु कृषकों व कृषक उत्पादक संगठनों (एफ०पी०ओ०) को कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत से लेकर 80 प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान भी है ऐसे कृषि यंत्रों को कृषकों को उपलब्ध कराया जा रहा है। जनजागरूकता हेतु न्याय पंचायत स्तर पर गोष्ठियों एवं जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कराया जा रहा है, होर्डिंग एवं फ्लैक्सी को विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर लगाया गया है, कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ एस०एम०एस० (सुपर स्ट्रो मैनेजमेंट सिस्टम) को लगाये जाने को अनिवार्य किया गया है। पंचायत स्तर पर वॉल पेण्टिंग करायी गयी है, पराली को कम्पोस्ट बनाये जाने हेतु जनपद को 40000 वेस्ट डीकम्पोजर प्राप्त हुए हैं जिनका कृषकों के मध्य शीघ्रता से वितरण कराया जा रहा है, साथ ही प्रचार वाहन रथ का लगातार जनपद में भ्रमण कराकर कृषक भाईयों को जागरूक किया जा रहा है।

उपरोक्त की गयी कार्यवाही एवं जनजागरूकता अभियान चलाये जाने तथा प्राप्त निर्देशों का अनुपालन कराये जाने से जनपद में पराली जलाये जाने की घटनाओं में विगत वर्षों के सापेक्ष यथा वर्ष 2018 में 117 घटनायें, वर्ष 2020 में 71 घटनायें, वर्ष 2021 में 89 घटनायें, वर्ष 2022 में 73 घटनाओं की अपेक्षाकृत वर्ष 2023 में अभी तक मात्र 19 घटनायें प्राप्त हुई हैं इनमें से मात्र 09 घटनायें वास्तविक रूप से पराली जलाये जाने की प्राप्त हुई हैं, अन्य 08 घटनायें कूड़ा-करकट आदि को मेड़ पर जलाये जाने की हुई हैं शेष 02 घटनाओं में से 01 घटना जनपद से बाहर की है एवं 01 अन्य घटना में पराली जलाये जाने की पुष्टि नहीं हुई है।

जिलाधिकारी द्वारा किसान भाईयों से अपील की गयी है कि पराली को खेत में न जलायें, पराली से कम्पोस्ट बनाये जाने के लिए कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारी अथवा राजकीय कृषि बीज भण्डार से वेस्ट डी कम्पोजर निःशुल्क प्राप्त कर लें। इसके साथ ही किसान भाईयों को यह भी अवगत कराना है कि मा० राष्ट्रीय हरित अधिकरण के द्वारा निर्गत निर्देशानुसार पराली को खेत में जलाना दण्डनीय अपराध भी है तथा पराली जलाये जाने पर भूमि क्षेत्रफल के आधार पर रूपये 2500 से रूपये 15000 तक के अर्थदण्ड का भी प्रावधान है।