दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए चल रहे 2 साल के बीएड कोर्स की अवधि बढ़ाकर 4 साल कर दी गई है| भारत पुर्नवास परिषद ने नोटिस जारी करते बताया कि अब 4 साल के बीएड कोर्स को ही मान्यता मिलेगी|
देशभर में 2 साल के स्पेशल बीएड प्रोग्राम पर रोक लगा दी गई है| भारत पुर्नवास परिषद ने नोटिस जारी करते हुए बताया कि अबसे 2 साल के स्पेशल बीएड कोर्स को मान्यता नहीं दी जाएगी| स्पेशल छात्रों के शिक्षक बनने के लिए उम्मदीवारों को 4 साल का बोएड कोर्स ही करना होगा| स्पेशल बीएड कोर्स में दिव्यांग छात्रों को ट्रेनिंग दी जाती है, इसमें सुनने या बोलने में असक्षम या मानसिक बीमारी से जूझ रहे छात्रों को पढ़ाया जाता है| अब भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) ने कहा बीएड के लिए 4 वर्ष का कोर्स ही मान्य होगा|
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देशभर में ऐसे करीब 1000 संस्थान और विश्ववाद्यालय हैं जहां यह स्पेशल कोर्स कराया जाता है| इसका संचालन भारत पुर्नवास परिषद द्वारा होता है, लेकिन अब इस कोर्स की अवधि बढ़ाकर 4 साल कर दी गई है| जो भी संस्थान यह कोर्स 2 साल में कराएगी उसे आरसीआई की तरफ से वाजिब नहीं माना जाएगा| नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन के पैर्टन पर काउंसिल द्वारा जल्द ही नया ट्रेनिंग प्रोग्राम बनाएगा|
जो भी संस्थान यह बीएड स्पेशल कोर्स 4 साल में कराना चाहते हैं वह अगले एकेडमिक सेशन के लिए ऑनलाइन पोर्टल खुलने पर आवेदन कर सकते हैं| कि धीरे धीरे उच्च शिक्षा से लेकर प्राथमिक शिक्षा तक नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू किया जा रहा है| यही नहीं अध्यापन के क्षेत्र में भी नये बदलाव होने जा रहे है| इसी क्रम में साल 2030 से चार वर्षीय बीएड या चार-वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम डिग्री को अनिवार्य करने की तैयारी है|