एसआरएमएस ट्रस्ट के इंजीनियरिंग कालेजों का तेइसवां दीक्षांत समारोह धूमधाम से संपन्न, 372 विद्यार्थियों को दी उपाधियां, प्रशस्ति पत्र एवं पदक
बरेली, 8 फरवरी। श्रीराम मूर्ति स्मारक कॉलेज आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में श्रीराम मूर्ति स्मारक ट्रस्ट के प्रेरणास्रोत स्वर्गीय श्रीराम मूर्ति की 114वें जन्म दिवस पर तेइसवां दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ। इसमें श्रीराम मूर्ति स्मारक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी एवं श्रीराम मूर्ति स्मारक कालेज ऑफ इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च के बीटेक, बीफार्मा, एमबीए, एमसीए के सत्र 2022-2023 में उत्तीर्ण 372 छात्र/छात्रों को उपाधियां, प्रशस्ति पत्र एवं पदक वितरित किए गए।
श्रीराम मूर्ति सभागार में दीक्षांत समारोह के अध्यक्ष डा.एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विवि के कुलपति प्रोफेसर (डा.) जय प्रकाश पाण्डेय, मुख्य अतिथि गुरुग्राम स्थित पावर एंड यूटिलिटी अर्नेस्ट एंड यंग के पार्टनर इंजीनियर मोहम्मद सैफ, विशिष्ट अतिथि नोएडा स्थित फिन एजॉजी टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के को-फाउंडर इंजीनियर निपुन कोहली, एसआरएमएस ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी देवमूर्ति, ट्रस्ट सेक्रेटरी आदित्य मूर्ति, ट्रस्ट एडवाइजर इंजीनियर सुभाष मेहरा ने संस्थान के प्रांगण में स्थित स्वर्गीय राममूर्ति की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं सभागार मे दीप प्रज्ज्वलन किया।
सरस्वती वंदना, संस्थान गीत एवं विश्वविद्यालय कुलगीत के साथ दीक्षांत समारोह आरंभ हुआ। देव मूर्ति ने प्रेरणास्रोत्र स्वर्गीय श्रीराम मूर्ति को उनके 114वें जन्मदिन पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उन्होंने समारोह में उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया और सभी डिग्रीधारकों एवं मेधावी छात्र/छात्राओं को उनकी उपलब्धियों के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने ट्रस्ट द्वारा विगत वर्षों में किए गए शिक्षा, चिकित्सा एवं सामाजिक उत्थान के लिए किए कामों की सभी को जानकारी दी।
डा.एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विवि के कुलपति प्रोफेसर डॉ जय प्रकाश पाण्डेय ने डिग्री हासिल करने वाले दीक्षांत समारोह को सामाजिक जीवन में प्रवेश बताया। उन्होंने कहा कि डिग्री लेने के बाद वास्तविक परीक्षा अब होने वाली है, इसमें कोई दूसरा आपका मूल्यांकन नहीं करेगा, बल्कि खुद ही अपना मूल्यांकन करना है। उन्होंने कहा कि समाज में सिर्फ दो लोग ही ऐसे हैं जो अपने बच्चों का कभी बुरा नहीं सोचते।
इसमें पहले मां-बाप और दूसरा आपका संस्थान। ऐसे में इनसे आशीर्वाद लेने के लिए मिलने आते रहना चाहिए। प्रोफेसर पांडेय ने विद्यार्थियों को जीवन में हमेशा खुश रहने और लोगों के लिए अच्छा करने का संदेश दिया। कहा कि अगर आप किसी के लिए अच्छा करते हैं तो कहीं न कहीं आपके लिए भी अच्छा हो रहा होता है। अगर आप किसी के लिए बुरा करते हैं तो बुरा हो रहा होगा। जीवन में प्रसन्नता बहुत जरूरी है और आपका कर्म प्रसन्नता की गारंटी देगा। उन्होंने समाज में लीडर बन कर काम करने का संदेश दिया। कहा कि इसके लिए निर्णयों में संशय न रखने, परिणाम के प्रति कभी भयभीत न होने और कभी पक्षपात न करने की अपील की।
एसआरएमएस सीईटी के वर्ष 1996 के एल्युमनाई, पावर एंड यूटिलिटी अर्नेस्ट एण्ड यंग के पार्टनर इंजीनियर मोहम्मद सैफ ने पिछले तीन दशकों में एसआरएमएस संस्थानों द्वारा मानव उन्नति के लिए शिक्षित विद्वानों को तैयार करने में अपनी प्रगति जारी रखने की क्षमता की सरहाना की। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं, उस महान आत्मा को याद करना महत्वपूर्ण है जो एसआरएमएस संस्थानों की स्थापना के पीछे प्रेरणा है, स्वर्गीय वह है श्रीराम मूर्ति। उनके आदर्शों और सिद्धांतों को संजोने और स्मरण करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह ज्ञान और उत्कृष्टता की आपकी खोज को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का अवसर है। डिग्री की प्राप्ति आपके प्रयासों का परिणाम है। यह आप अपने जीवन में एक विशेष चरण और विशेष व्यक्तिगत उपलब्धि है और इसके जरिये आप सामाजिक गौरव के क्षण में प्रवेश करते हैं। एक इंजीनियर के रूप में आप टिकाऊ और लागत प्रभावी समाधान प्रदान करके मानवता की मदद कर सकते हैं एक फार्मासिस्ट के रूप में आप एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं, जो सकारात्मक प्रतिरक्षा निर्माण पर आधारित है जिसके परिणामस्वरूप एक उत्पादक कार्यबल तैयार होता है एक प्रबंधन पेशेवर के रूप में, आप क्रांतिकारी व्यवसाय मॉडल ला सकते हैं जो उचित और उचित तरीके से पुरस्कार देता है। आप जो बदलाव चाहते हैं, उसकी शुरुआत कर सकते हैं और आज उसकी पुष्टि करने का अवसर है।
एसआरएमएस सीईटी के वर्ष 1996 के एल्युमनाई, फिन एजीजी टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के को-फाउंडर इंजीनियर निपुन कोहली ने कहा कि इस संस्थान से मिले ज्ञान ने उन्हें न केवल एक अच्छा इन्टरप्रिनयोर बनाया अपितु एक अच्छा इन्सान भी बनाया, जो आज के परिदृष्य में सफल होने के लिए अति महत्वपूर्ण गुण है। उन्होंने छात्र/छात्राओं को स्टार्टअप के प्रति जागरूक करते हुए सुझाव दिया कि आपको सफलता एवं असफलता को छोड़ते हुए हमेशा नये एवं इन्नोवेटिव विचारों पर काम करते रहना चाहिए। कोई भी स्टार्ट अप पहली बार में ही सफल नहीं होता और असफलता भी स्थायी नहीं होती। कोहली ने एसआरएमएस के छात्र-छात्राओँ को स्टार्टअप शुरू करने के लिये 15 से 20 लाख की धनराशि अपनी कम्पनी की तरफ से उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
इससे पहले महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डा. प्रभाकर गुप्ता ने महाविद्यालयों की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की और यहां संचालित विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों से सभी को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि इस सत्र में महाविद्यालय के शिक्षकों के 58 शोध पत्र विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जनरलों में प्रकाशित हुए। 28 शोध-पत्रों को विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में प्रस्तुत किया गया। महाविद्यालय के छात्र/छात्राओं के 32 शोध पत्र विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय जनरलो में प्रकाशित हुए। 15 शोध-पत्रों को विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय सेमिनारों में प्रस्तुत किया गया। एसआरएमएस सीईटीआर के प्रिंसिपल डा.एल एस मौर्य ने समारोह के अंत में सभी का आभार जताया और धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन रूचि शाह ने किया। इस मौके पर आदित्य मूर्ति, आशा मूर्ति, प्रोफेसर श्यामल गुप्ता, ऊषा गुप्ता, डा. रजनी गुप्ता, गुरु मेहरोत्रा, सुरेश सुंदरानी, डा. वंदना शर्मा, डा.अनुराग भटनागर, डा. अनुज कुमार, मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डा. एमएस बुटोला, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. आरपी सिंह मौजूद रहे।