स्वाभिमान टीवी, डेस्क। रूस और यूक्रेन में ढाई साल से जारी जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को यूक्रेन पहुंचे। यहां उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की। जानकारी के अनुसार दोनों नेता ने मैरिंस्की पैलेस में करीब 3 घंटे बैठक की। इस दौरान दोनों के बीच कई कई अहम मुद्दों पर वार्ता के बाद भारत और यूक्रेन ने चार बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किया है।
बता दें वार्ता से पहले कीव में प्रधानमंत्री का शानदार स्वागत हुआ। दोनों नेताओं में काफी देर तक चली वार्ता के बाद चार बड़े समझौतों पर मुहर लगाई गई। जानकारी के मुताबिक इस वार्ता में भारत और यूक्रेन के बीच कृषि, चिकित्सा, संस्कृति और मानवीय सहायता में सहयोग के लिए कुल चार समझौते हुए हैं। इससे पहले ही पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल चुकी थी। यह समझौता कृषि और खाद्य उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को ध्यान में रख कर किया गया है। इसके तहत अब दोनों देशों के प्रतिनिधियों का एक संयुक्त कार्य समूह गठित किया जाएगा, जिसका कार्य चिन्हित क्षेत्रों में सहयोग की योजना पर चर्चा करना और निर्धारित कार्यों के कार्यान्वयन की निगरानी करना होगा।
Bharat Health Initiative for Sahyog Hita & Maitri (BHISHM) is a unique effort which will ensure medical facilities in a rapidly deployable manner. It consists of cubes which contain medicines and equipment for medical care. Today, presented BHISHM cubes to President @ZelenskyyUa. pic.twitter.com/gw3DjBpXyA
— Narendra Modi (@narendramodi) August 23, 2024
हर 2 साल में होगी बैठक
एक न्यूज रिपोर्ट के अनुसार इस समझौते के तहत गठित कार्य समूह के बीच कम से कम हर दो साल में बारी-बारी से भारत गणराज्य और यूक्रेन में बैठकें होंगी। यह समझौता अब से अगले पांच (5) वर्षों की अवधि के लिए लागू रहेगा, जिसे बाद में पांच (5) वर्षों की अवधि के लिए स्वचालित रूप से बढ़ाया जाएगा। इस समझौते को समाप्त करने के अपने इरादे के बारे में किसी भी पक्ष की अधिसूचना प्राप्त होने की तारीख से छह (6) महीने के बाद इस समझौते को समाप्त किया जा सकता है।
मोदी जेलेंस्की वार्ता के बाद क्या बोले जयशंकर
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच बातचीत का उल्लेख करते हुए कहा कि वार्ता का अहम भाग हमारे द्विपक्षीय संबंधों को लेकर था। इस दौरान भारत और यूक्रेन में व्यापार, आर्थिक मुद्दों, रक्षा, फर्मास्युटिकल, कृषि, शिक्षा के क्षेत्र को लेकर विचार-विमर्श हुआ।