सावन में कैसे होंगे भोलेनाथ प्रसन्न, क्या है सावन का महत्व, जाने सबकुछ
बरेली, 10 जुलाई। सावन महीने का महत्व भारतीय हिंदू कैलेंडर के अनुसार विशेष मान्यता रखा जाने वाला मास है। यह मास वर्ष के मासिक ऋतुओं में बारिश के प्रारंभ का समय होता है और धरती को नई जीवनशक्ति प्रदान करता है। सावन मास के दौरान वृषभ राशि में सूर्य तथा श्रवण नक्षत्र में चंद्रमा विराजमान होता है। इसे मासिक श्रावण नाम से भी जाना जाता है।
सावन महीने का महत्व विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं से जुड़ा हुआ है। इस मास को भगवान शिव के समर्पित माना जाता है और भक्ति और तप के माध्यम से उनकी कृपा प्राप्ति का अवसर माना जाता है। सावन में हिंदू धर्म के अनुयायी भगवान शिव की पूजा-अर्चना, व्रत, जागरण, कथा-कीर्तन और भजन करते हैं।
इसके अलावा, सावन में श्रद्धालु गंगा जल का आह्वान करते हैं और गंगा नदी में स्नान करते हैं। सावन के माह में कावड़ यात्रा भी आयोजित की जाती है, जिसमें शिव भक्त भारी भीड़ में हिमालयी कावड़ों को यात्रा के दौरान उठाकर लेकर गंगाजी के मंदिर में ले जाते हैं।
सावन महीने में भक्ति और साधना करने का मान्यतापूर्ण समय माना जाता है। यह मास मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अवसर प्रदान करता है और मानवीय संबंधों में भाईचारे और समानता को सुदृढ़ करने का संकेत देता है। इस आध्यात्मिक मास में मानव शरीर, मन और आत्मा की शुद्धि के लिए विभिन्न व्रत और अनुष्ठान किए जाते हैं।
सावन महीने का महत्व भारतीय संस्कृति और धार्मिक आयाम के रूप में विशेष महत्व रखता है और लोग इसे भक्ति और आध्यात्मिकता के संकेत के रूप में महत्वपूर्ण मानते हैं।