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कुंड में डुबकी लगाते ही बदल जाता था धर्म, बन जाते थे ईसाई, यूनिवर्सिटी में धर्मांतरण का खेल

फतेहपुर की शुआट्स यूनिवर्सिटी में धर्मांतरण के खुलासे के बाद विश्वविद्यालय के निदेशक ने कई राज उगले है| उसने एसआईटी की पूछताछ में बताया कि भोले भाले लोगों को बुलाकर ब्रेनवॉश किया जाता था| इसके बाद लोगों को यीशू दरबार में बने कुंड में स्नान कराकर ईसाई बनाया जाता था| पुलिस अब इस नेटवर्क से जुड़े सभी लोगों की जांच पड़ताल कर रही है|

फतेहपुर: उत्तर प्रदेश में फतेहपुर का सैम हिगिन बाटम कृषि प्रौद्योगिकी और विज्ञान विश्वविद्यालय (शुआट्स) बीते कुछ दिनों में धर्मांतरण का बड़ा अड्डा बन गया था| यहां भोले भाले किसानों को नई तकनीक सिखाने का लालच देकर बुलाया जाता था, फिर एक कुंड में स्नान कराया जाता था और फिर उन्हें बता दिया जाता था कि अब वह ईसाई बन चुके है| यह खुलासा शुआट्स के प्रशासनिक डायरेक्टर डॉ. विनोद बी लाल ने पुलिस की पूछताछ में किया है| उसने बताया है कि यह गोरखधंधा शुआट्स के कुलपति भाई आरबी लाल के सहयोग से चल रहा था|

डॉ. विनोद बी लाल फिलहाल एसआईटी की हिरासत में है| मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार कर अलग अलग एंगल से पूछताछ कर रही है| उसने बताया कि धर्मांतरण के लिए वह खासतौर पर शुआट्स कैंपस में यीशू दरबार के कुंड का इस्तेमाल करता था| उसने बताया कि इस कुंड में कोई भी हिंदू स्नान करता था तो वह अपना धर्म कुंड के अंदर छोड़ देता था और जैसे ही बाहर निकलता, वह ईसाई बन जाता था|

कि फतेहपुर की सदर कोतवाली में ईसीआई और प्रेस बिटेरियन चर्च में धर्मांतरण के संबंध में पांच मुकदमे दर्ज है| इन्हीं मामलों में शुआट्स का प्रशासनिक निदेशक डॉ. विनोद बी लाल नामजद आरोपी है और उसे प्रयागराज पुलिस ने अरेस्ट किया है| मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी अब पूरे धर्मांतरण गिरोह के नेटवर्क का पता लगाने के लिए आरोपियों से पूछताछ कर रही है. इसमें पता किया जा रहा है कि यह गोरखधंधा कैसे फलफूल रहा है|

मिशनरी के लोग फंसाते थे शिकार

एसआईटी की पूछताछ में डॉ. लाल ने बताया कि मिशनरी के लोग ग्रामीण इलाकों में घूमते हैं और गरीब, असहाय व जरूरतमंद लोगों को नौकरी, अच्छी लड़की से शादी, मिशनरी के स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई आदि का लालच देकर कैंपस में लाया जाता है| इसके अलावा किसानों को भी बहला फुसलाकर बुलाया जाता है| फिर यहां कैंपस में यूनिवर्सिटी के कुलपति भाई डॉ. आरबी लाल उनके ब्रेनवॉश की कोशिश करता है|

इसके बाद इन सभी लोगों को कुंड में डुबकी लगवाई जाती है| फिर उन्हें बताया जाता है कि वह अपना हिंदू धर्म नीचे कुंड में ही छोड़ आए है| बाहर निकलते ही वह ईसाई बन गए| इस प्रकार उनसे यीशू के दरबार में प्रार्थना कराई जाती है| हालांकि इस पूछताछ में डॉ. विनोद ने विदेशी फंडिंग के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं दी है| एसआईटी के मुताबिक देवीगंज स्थित प्रेस बिटीरियन चर्च का पादरी विमल कुमार ढिल्लो इस गिरोह का मास्टरमाइंड था|