कैबिनेट मंत्री ने कहा जोगी नवादा में नही निकलेगी कावड़ यात्रा, परमीशन निरस्त
बरेली, 5 जुलाई। कावड़ यात्रा निकलने से बबाल हो सकता है, दो समुदाय के लोगो ने दंगा फसाद हो सकता है, इसलिए बरेली के जोगी नवादा में कावड़ यात्रा निकलने को परमीशन नही दी गई है। कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि परंपरागत रूट के अलावा कही से भी कोई भी जुलूस चाहे वो हिंदू का हो या मुसलमान का नही निकलेगा। डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने भी कावड़ियों के महंत से साफ साफ कह दिया कि आपकी परमीशन निरस्त की जाती है। हम गैर परंपरागत रूट से आपको कावड़ निकालने की परमीशन नही दे सकते है। ऐसे में हिंदू समुदाय में जबरदस्त आक्रोश है। हिंदू समुदाय के लोगो का कहना है की वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ अरुण कुमार, मेयर डॉ उमेश गौतम और विधायक संजीव अग्रवाल ने हमे भरोसा दिलाया था कि रविवार को कावड़ यात्रा भव्य तरीके से निकलेगी, लेकिन अब तो खुद मंत्री जी और डीएम साहब ने कावड़ यात्रा निकालने पर रोक लगा दी है। जबकि कावड़ियों का कहना है वो पिछले कई वर्षो से इसी रूट से कावड़ यात्रा निकालते आ रहे है लेकिन इस बार हिंदुओ का शोषण हो रहा है।
हिंदुओ ने विरोध में बाजार बंद, जनप्रतिनिधियों के प्रति जबरदस्त आक्रोश
चक महमूद से निकलने वाली कावड़ यात्रा जोगी नवादा होते हुए शाह नूरी मस्जिद के सामने से निकलनी है। जिस रूट से कावड़ यात्रा निकालने की बात कही जा रही है वो मुस्लिम बाहुल्य इलाका है और प्रशासन के अनुसार वो परंपरागत रूट भी नही है। ऐसे में पहले दो बार इसी रूट को लेकर दो समुदाय के लोग आमने सामने आ चुके है। पहले पथराव और फिर लाठीचार्ज भी हो चुका है। जिस वजह से प्रशासन ने कावड़ यात्रा निकलने की परमीशन निरस्त कर दी है। वही परमीशन निरस्त होते ही हिंदू समुदाय के लोगो ने बाजार बंद करके विरोध किया।
डीएम के साथ साथ बरेली पहुंचे कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने भी साफ साफ कह दिया है की गैर परंपरागत रूट से कावड़ यात्रा नही निकलेगी। उन्होंने इसको लेकर आज डीएम एसएसपी के साथ सर्किट हाउस में मीटिंग भी की। डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने कहा की बारादरी थाना क्षेत्र में कावड़ यात्रा को लेकर दो बार बबाल हो चुका है। पुनः उसी रूट पर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। इस संबंध में लोगों से बात की गई और साफ साफ बता दिया गया है जो गैर परंपरागत रूट है उस पर अनुमति नहीं दी जायेगी अगर कोई सहमति बनती है तो उस पर विचार किया जाता, लेकिन ऐसी कोई सहमति नहीं हुई है।
वही इस मामले को लेकर कैबिनेट मंत्री धर्म पाल सिंह ने डीएम एसएसपी के साथ सर्किट हाउस में मीटिंग की और निर्देश दिए कि गैर परंपरागत रूट से कावड़ यात्रा नही निकलने दी जाएगी। उन्होंने कहा जो रविवार को बबाल हुआ था उसको लेकर मुख्यमंत्री ने भी संज्ञान लिया और जिला प्रशासन ने सख्त कार्यवाही की। वही उन्होंने कहा की एसएसपी प्रभाकर चौधरी ईमानदारी अधिकारी और उन्होंने अपनी मर्जी से ट्रांसफर करवाया है। उन्होंने कहा की नूह की हिंसा प्री प्लांड थी।
बरेली के कावड़ यात्रा परमीशन विवाद का मुद्दा अब भी गरमा रहा है। यूपी सरकार ने प्रशासनिक कारणों से कावड़ यात्रा की परमीशन को रद्द कर दिया है जो जनता के बीच बवाल बन गया है। धार्मिक स्थलों की यात्रा में लोगों की आस्था होती है, लेकिन पब्लिक सेफ्टी के मामले में भी सरकार को संवेदनशील रहना पड़ता है। इससे जुड़े विवाद और धार्मिक भावनाओं के साथ-साथ समस्याओं को हल करने के लिए सरकार को समझदारी से उपाय ढूंढने की आवश्यकता है। धार्मिक स्थलों की यात्रा को आयोजित करने से पहले उनकी सुरक्षा और लोगों की सुरक्षा के लिए व्यावसायिक दृष्टिकोण से पूरी तैयारी की जानी चाहिए। यह नहीं सिर्फ धार्मिक भावनाओं का सम्मान करता है, बल्कि जनता को भी सुरक्षित रखता है। धार्मिक स्थलों की यात्रा की परमीशन देने और रद्द करने के फैसले को संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए। इससे धर्मिक अस्थाओ और लोगों के बीच भरोसा बढ़ेगा और समस्याएं सुलझने में मदद मिलेगी।
कावड़ यात्रा का एक श्रृंगारिक और पवित्र अवसर है, जिसमें लाखों भक्त दिव्यता के साथ भाग लेते हैं। धार्मिक भावना और श्रद्धा से भरी हुई इस यात्रा का अपना अलग चर्म होता है। इसमें भाग लेने वाले लोग शिव के भक्त होते हैं और उनके लिए यह यात्रा अनमोल है। इसे संभालने के लिए सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि यह शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से आयोजित हो सके।
कावड़ यात्रा की परमीशन निरस्त होने से उत्पन्न विवाद को संवेदनशीलता और समझदारी से संभालने की जरूरत है। यह धार्मिक स्थलों के साथ भरोसा बढ़ाने के साथ-साथ लोगों की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। सरकार को इस विषय पर संवेदनशीलता और युक्तिसंगत तरीके से काम करने की जरूरत है जिससे धार्मिक संस्थानों और लोगों के बीच एक संतुलन बना रह सके और समस्याएं सुलझ सकें। धार्मिक स्थलों की यात्रा को सम्मानपूर्वक और सजगता से आयोजित करने से लोगों में विश्वास और आत्मविश्वास बढ़ता है और साथ ही साथ सरकार को धार्मिक भावनाओं को समझने और समाधान करने के लिए तैयारी करने का एक संवेदनशील माध्यम भी मिलता है। इससे धार्मिक भावनाओं का सम्मान होता है और साथ ही लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है। कावड़ यात्रा की परमीशन के मुद्दे को संवेदनशीलता और समझदारी से हल करने से विवाद का समाधान संभव है और यह समाधान धर्मिक संस्थानों के साथ सहजता से तथा लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए होना चाहिए।
जोगी नवादा में गैर परंपरागत रूट से कावड़ यात्रा निकालने का प्रयास किया जा रहा है। जिसकी परमीशन निरस्त कर दी गई है। पहले यहां दो बार बबाल हो चुका है। सभी कावडियो से दो टूक कर दिया गया है कि कावड़ यात्रा गैर परंपरागत रूट से नही निकलने दी जाएगी। क्षेत्र में भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया है।
शिवाकांत द्विवेदी, डीएम बरेली
जोगी नवादा में पुलिस प्रशासन ने बड़ी सूझ बूझ का काम किया है। वहां प्रशासन की सक्रियता की वजह से बड़ा बबाल नही हो सका। किसी भी नए रूट पर कोई भी जुलूस नही निकलने दिया जाएगा। मैने डीएम और एसएसपी को बुलाकर पूरे मामले का संज्ञान लिया है। गैर परंपरागत रूट से कावड़ यात्रा नही निकलेगी।
धर्मपाल सिंह, कैबिनेट मंत्री