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बच्चे ढो रहे सिलेंडर, दाल की जगह पी रहे उबला पानी; हैरान कर देगी यूपी के इस स्कूल की कहानी

कन्नौज के स्कूल में मिड डे मिल का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है| इस वीडियो में जो दाल परोसी जा रही है, उसमें दाल की जगह केवल गर्म पानी है| वहीं जो रोटी परोसी जा रही है, वह कीड़े वाले गेंहू से बनी है| इसी प्रकार मासूम बच्चों से सिलेंडर उठवाया जा रहा है| वायरल वीडियो पर संज्ञान लेते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जांच के आदेश दिए है|

उत्तर प्रदेश में कन्नौज के स्कूल से हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है| इस वीडियो में बच्चों से रसोई गैस का सिलेंडर उठवाया जा रहा है, वहीं उन्हें खाने में पानी वाली दाल परोसी जा रही है| यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने जांच बैठा दी है| इसी वीडियो में एक जगह गेंहू सुखाते हुए महिला का भी दृष्य है, जिसमें कीड़ों की भरमार है| मामला छिबरामऊ ब्लॉक क्षेत्र के सिकंदरपुर प्राथमिक विद्यालय का है|

वायरल वीडियो पर संज्ञान लेते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी उपासना रानी मौर्य ने ब्लाक शिक्षा अधिकारी को मामले की जांच के आदेश दिए है| उन्होंने बताया कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके मुताबिक आगे की कार्रवाई होगी| बता दें कि इस स्कूल में कई दिनों से छात्रों को मिड डे मिल के नाम पर उत्पीड़न किया जा रहा था| इसका वीडियो अब वायरल हुआ है| जिससे विभाग में हड़कंप मच गया है|

वीडियो में साफ दिख रहा है कि छात्रों को परोसी जा रही दाल में केवल गर्म पानी है| वहीं जिस गेंहू में कीड़े नजर आ रहे हैं, उसी की रोटियां छात्रों को परोसी जा रही है| यही नहीं, छात्र जहां जमीन पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं, वहीं पर उनके लिए मिड डे मिल भी बनाया जा रहा है| वायरल वीडियो में बिना स्वेटर के इस कड़ाके की ठंड में बच्चों को बैठे हुए देखा जा सकता है| इसके अलावा इन बच्चों से रसोई गैस का सिलेंडर भी उठवाया जा रहा है|

बताया जा रहा है कि इस स्कूल में तैनात शिक्षक यह सब करा रहे है| यह स्थिति उस समय है जब छात्रों के लिए मिड डे मिल के नाम पर लाखों रुपये का बजट हर महीने जारी हो रहा है| जानकारी के मुताबिक इस स्कूल में कुल 64 बच्चे पंजीकृत है| इसी संख्या के हिसाब से प्रतिदिन मिड डे मील का खाना बनता है| इस संबंध में जब विद्यालय के अध्यापक और प्रिंसिपल से बात की गई तो उन्होंने अलग ही कहानी बताई| कहा कि हो सकता है उस दिन सब्जी बनी हो| वहीं बच्चों से मजदूरी जैसा सुलूक कराने पर अध्यापक चुप्पी साध गए|