मुनव्वर, कंगना रनौत के शो लॉकअप के विनर रह चुके हैं. इस शो से उनके करियर को नई उड़ान मिली. सक्सेस की सीढ़ियां चढ़ने से पहले स्टैंडअप कॉमेडियन ने बहुत सारे दर्द झेले हैं. उन्होंने घर चलाने के लिए पढ़ाई छोड़ी और फिर मां को भी खो दिया. एक इंटरव्यू में उन्होंने मुश्किल दिनों का जिक्र किया है|

स्टैंड-अप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी अपने जोक्स और कविताओं से लोगों का दिल छू जाते हैं. उनके हर जोक पर हंसी आना लाजमी है. पर सबके चेहरे पर हंसी लाने वालेकॉमेडियन की लाइफ बेहद संघर्ष भरी रही है. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपनी तकलीफों का जिक्र किया, जो बेहद इमोशनल कर देने वाला है|

मुनव्वर ने बयां किया दुख

मुनव्वर, कंगना रनौत के शो लॉकअप के विनर रह चुके हैं. इस शो से उनके करियर को नई उड़ान मिली. Mashable India को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि परिवार को सपोर्ट करने के लिए उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी. वो बताते हैं- हमारे पास एक रेस्टोरेंट था, लेकिन वो चल नहीं. इस बिजनेस में मेरे पापा को काफी लॉस हुआ और वो कर्ज में डूब गए. इसलिए मुझे काम करना पड़ा|

आगे उन्होंने कहा- मैंने दो महीने तक एक गिफ्ट शॉप में नौकरी की. मैं वहां सुबह 9 बजे से लेकर रात 8 बजे तक काम करता था. हर दिन 11 घंटे काम करने के बाद मुझे 850 रुपये महीने मिलते थे. यही नहीं, मुझे शॉप तक पहुंचने के लिए 3.5 किमी तक पैदल भी चलना पड़ा था. मुझे ये काम पसंद नहीं था. इसलिए हमने कुछ और करने का फैसला किया|

बेचने पड़े समोसे

मुनव्वर आगे कहते हैं- मेरी मां और दादी मिलकर घर पर समोसे बनाती थीं. हमने घर के बाहर एक स्टॉल लगाना शुरू किया था. जहां मैं समोसे तल कर बेचता था. इस दौरकई बार मेरी उंगलियां जलीं और मेरे ऊपर तेल के गर्म छींटे पड़ जाते थे. पर मैं समय के साथ चलना सीख गया था और वो बिजनेस चल पड़ा|

2021 में मुनव्वर उस वक्त सुर्खियों में आए जब उन पर हिंदू देवी-देवताओं पर विवादित कमेंट करने का आरोप लगा. इसी सिलसिले में उनके खिलाफ FIR दर्ज हुई और उन्हें जेल जाना पड़ा. जेल से बाहर आने के बाद उन्हें कंगना के शो लॉकअप का ऑफर मिली और विनर बनकर बाहर निकले. शो के दौरान उन्होंने अपनी मां को लेकर कहा था कि उन्हें उनके ससुराल में कभी प्यार नहीं मिला. हर कोई उन्हें मेरी बहन की शादी के लिए जिम्मेदार मानता था. उन पर 3,500 रुपये का कर्ज था|मैं उनके साथ सो नहीं पाया. अफसोस था कि मैं उस समय उन्हें 3500 रुपये नहीं दे पाया. ऐसे कई कारण थे जिस वजह से मेरी मां ने उनकी जिंदगी खत्म करने का फैसला किया|

इन सारी मुसीबतों को पार कर मुनव्वर ने आगे बढ़ने का फैसला किया. आज वो करियर में एक अच्छे मुकाम पर पहुंच चुके हैं|