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भारत में ही अलग-अलग तरीके से मनाई जाती है दीपावली, जाने हर जगह की परंपरा

स्वाभिमान टीवी, डेस्क। भारत के प्रमुख त्योहारों में दीपावली का नाम प्रमुख्ता से लिया जाता है। दीपावली के महत्व का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि दीपावली केवल भारत में ही नहीं अपितु विदेश में भी लोग मनाते हैं। इस दिन हर जगह मां लक्ष्मी और भगवान श्री राम की पूजा की जाती है।

दीपावली मात्र एक त्योहार नहीं अपितु लोगों की भावनाओं से जुड़ा हुआ उत्सव है। पूरे देश में दीपावली बड़ें ही धूम-धाम के साथ मनाई जाती है। वैसे तो दीपावली पर पटाखे फोड़ने और दिया जलाकर घर सजाने का चलन हर जगह है, परन्तु अलग अलग स्थानों पर दीपावली मनाने का तरीका अलग है। हर जगह पर दीपावली की विशेष परंपराएं हैं।

अयोध्या की दीपावली

दीपावली की बात हो और अयोध्या का नाम न लिया जाए तो यह संभव ही नहीं। अयोध्या की दीपावली भी बेहद खास होती है। दीपावली के दिन भगवान श्री राम लंका से चौदह वर्ष का वनवास पूरा कर इसी दिन लौटे थे। अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि के साथ-साथ कर्मभूमि भी रही है।

इसीलिए अयोध्या की दीपावली सबसे खास तरीके से मनाई जाती है। यहां सरयू नदी के घाट पर हजारों की तादाद में दिये जलाकर पूजा-आरती की जाती है। सुबह हर घर की सफाई कर दरवाजे पर रंगोली बनाते हैं और शाम को दिया और फूलों से घर को सजाते हैं। इस दिन राम दरबार और मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है।

पश्चिम बंगाल की दीपावली

भारत के अधिकांश क्षेत्रों में दीपावली पर भगवान श्री राम और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है वहीं पश्चिम बंगाल में इस दिन मां काली का पूजन किया जाता है। बता दें पश्चिम बंगाल के लोगों की काली मां में गहरी आस्था है इसी कारण यहां मध्यरात्रि में काली मां की पूजा की जाती है। इस अवसर पर यहां पारंपरिक नृत्य किया जाता है और घरों को रंगोली से सजाया जाता हैं।

आंध्रप्रदेश की दीपावली

आंध्रप्रदेश में कई स्थानों पर दीपावली के दिन भगवान श्री कृष्ण की पत्नि सत्यभामा देवी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन सत्यभामा ने नरकासुर नाम के राक्षस का वध किया था। दीपावली पर यहां हरिकथा करने का भी प्रचलन है।

कर्नाटक की दीपावली

कर्नाटक में नरक चतुर्दशी के दिन तेल से स्नान करने की परंपरा है। मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण ने नरकासुर के वध के बाद तेल से स्नान किया था इसी कारण से इस दिन सभी लोग तेल से स्नान करते हैं।

गुजरात की दीपावली

वहीं गुजरात में दीपावली को नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। गुजरात में दीपावली के अवसर पर माता लक्ष्मी के साथ-साथ अम्बे मां की भी पूजा की जाती है। इसके साथ ही रंगोली और दीपों से घर सजाने के साथ ही गरबा भी किया जाता है।

उत्तर भारत की दीपावली

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित पूरे उत्तर में दीपावली की परंपराएं लगभग समान हैं। यहां दीपावली का त्योहार 5 दिनों तक मनाया जाता है। दीपावली की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है। इस दिन लक्ष्मी और कुबेर का पूजन किया जाता है।

अगले दिन अर्थात चतुर्दशी के दिन नरक चतुर्दशी और फिर दीपावली मनाई जाती है। दीपावली के एक दिन बाद भगवान कृष्ण और गोवरधन की पूजा की जाती है। दीपावली के आखिरी दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है।