स्वाभिमान टीवी, डेस्क। भाजपा की सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत हमेशा ही अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा ही चर्चा बनी रहती हैं। हाल ही में किसानों को लेकर उनके विवादित बयान के बाद सियासत एक बार फिर गर्मा गई है। राहुल गांधी के अलावा विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने बीजेपी को कंगना के वयान के लिए खरी खोटी सुनाई। सबसे पहले जान लीजिए क्या था कंगना का वो विवादित बयान जिसपर सियासत गर्मा गई।

क्या है मामला
एक न्यूज रिपोर्ट के अनुसार कंगना की आने वाली फिल्म एमरजेंसी के सिलसिले में वह एक निजी कार्यक्रम में इंटरवियू दे रही थी। इस बीच उन से यह सवाल पूछा गया कि क्या भारत में बांगलादेश जैसे हालात बन सकते है। इस पर कंगना ने जवाब दिया आज अगर हमारा शीष नेतृत्व कमजोर होता तो भारत में भी बांगलादेश जैसी स्थिती पैदा हो सकती थी।
यह किसान आंदोलन के दौरान क्या है यह सब ने देखा कैसे प्रोटेस्ट के नाम पर वायलेंस फैलाया गया। वहां रेप हो रहे थे। मार कर लाशों को लटकाया जा रहा था। उस बिल को वापस लिया गया। तो उपद्रवी चौक गए। उन की प्लानिंग तो बेहद लंबी थी। उन पर समय रहते कंट्रोल कर लिया गया। अन्यथा वह कुछ भी कर सकते थे।
कंगना द्वारा दिए गए इस बयान के बाद देश भर में इसका विरोध शुरू हो गया।

बीजेपी ने जारी की प्रेस विज्ञप्ति

वहीं कगना रनौत के इस बयान के बाद बीजेपी के हाथ पांव भी फूल गए थे। बीजेपी ने सोमवार को कंगना के उस बयान से किनारा कर लिया जिसमें कंगना ने कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उद्रवी हिंसा फैंला रहे थे। और वहां बलात्कार और हत्याए हो रही थी। बीजेपी ने एक प्रेस विज्ञप्ती जारी कर साफ किया था कि कंगना भाजपा के नितीगत मसलों पर बोलने के लिए अधिकृत नहीं है।

राहुल गांधी ने कहा
इस मामले में अब नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लॉटफार्म एक्स पर एक पोस्ट लिख कर कहा कि किसानों से किए वादों को पूरा करने में नाकाम मोदी सरकार का दुष्प्रचार तंत्र लगातार किसानों का अपमान करने में जुटा हुआ है। 378 दिन चले मैराथन संघर्ष के दौरान 700 साथियों का बलिदान देने वाले किसानों को भाजपा सांसद द्वारा बलात्कारी और विदेशी ताकतों का नुमाइंदा कहना भाजपा की किसान विरोधी नीति और नीयत का एक और सबूत है। ये शर्मनाक किसान विरोधी बोल पश्चिमी उत्तरप्रदेश, हरियाणा और पंजाब समेत पूरे देश के किसानों का घोर अपमान है, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। किसान आंदोलन वापस लेते समय बनी सरकारी समिति आज भी ठंडे बस्ते में है, MSP पर सरकार अपना रूख आज तक साफ नहीं कर सकी, शहीद किसानों के परिवारों को किसी तरह की राहत नहीं दी गयी और ऊपर से लगातार उनका चरित्र हनन जारी है। अन्नदाताओं का निरादर और उनके मान सम्मान पर हमला करने से किसानों से किया गया मोदी सरकार का धोखा छुप नहीं सकता। नरेंद्र मोदी और भाजपा कितनी भी साजिश कर लें – INDIA गठबंधन किसानों को MSP की कानूनी गारंटी दिलवा कर रहेगा।

अखिलेश यादव ने कहा
वहीं सपा प्रमुख आखिलेश यादव ने भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट कर कहा कि ये भाजपा की स्क्रिप्ट है, जिसे एक अभिनेत्री जी, शीर्ष निर्देशक जी के कहने पर संवाद के रूप में पढ़ रही हैं। जब एक सामान्य राजनीतिज्ञ भी ये समझता है कि किसानों के प्रदेश में किसान-आंदोलन’ के बारे में अपशब्द कहने से उनको हानि होगी, तो क्या भाजपाई चाणक्य ये नहीं समझते हैं। इस प्रकरण की असली सच्चाई ये है कि ऐसी बात जानबूझकर कहलवायी गयी होगी, जिससे हरियाणा में पहले से तय हो चुकी हार का कारण ‘अभिनेत्री’ के बयान को बनाया जा सके और उस हार का दोषारोपण शीर्ष नेतृत्व पर न हो। ये बयान नहीं किसी को बचाने की ‘शब्द-ढाल’ है।

By ashmit