कृषि निर्यात प्रोत्साहन को बढ़ावा देकर दोगुनी होगी किसानों की आमदनी

निजी मंडी और मंडी उपस्थल खोलकर व्यापार कर सकेंगे किसान

कमिश्नर ने कृषि निर्यात प्रोत्साहन कार्यशाला में 23 किसानों को किया पुरस्कृत

आईएमए सभागार में आयोजित की गई कृषि निर्यात प्रोत्साहन कार्यशाला

बरेली, 20 फरवरी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग द्वारा बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान, एपीडा के सहयोग से आयोजित कार्यशाला में कमिश्नर बरेली संयुक्ता समद्दार ने किसानों को आमदनी बढ़ाने के टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि सरकार की कई लाभकारी योजनाएं हैं। जिनके जरिए किसान अपनी मिट्टी की गुणवत्ता को सुधार कर नई तकनीक को अपनाकर अपनी आमदनी को दोगुना कर सकते हैं। कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग समेत सभी सरकारी विभाग इसके लिए हर संभव उनका सहयोग करेंगे। कृषि योजनाओं के लिए नाबार्ड से न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण मुहैया कराया जाएगा।
कमिश्नर सोमवार सुबह आईएमए सभागार में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रही थी। कमिश्नर ने कहा की मंडल स्तरीय पर कार्यशाला को आयोजित करने का उद्देश्य किसानों, किसान उत्पादक संगठनों को जागरूक करना है। जिससे कि किसान अधिक से अधिक सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें। बरेली मंडल के सहायक कृषि विपणन अधिकारी अवधेश कुमार ने निजी मंडी और मंडी उप स्थल खोलने के विषय में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोई भी इच्छुक व्यक्ति निजी मंडी स्थापना कर सकता है। न्यूनतम परियोजना लागत दस करोड़ और दो हेक्टेयर भूमि है। इसके अलावा लाइसेंस लेने वाले को एक चौथाई का लाइसेंस शुल्क का भुगतान निदेशक कृषि विपणन विभाग को करना होगा। इसके अलावा कृषि उपज को कृषकों से सीधी खरीद के लिए कृषि मंडी उप स्थल की भी व्यवस्था की गई है। कृषि भंडार गृह जिनकी न्यूनतम क्षमता 4 टन और क्षमता 10 टन प्रति दिन हो। ऐसे लोग मंडी उपस्थल के लिए आवेदन कर सकते हैं। मंडी उक्त स्थल के लिए एफपीओ, निर्यातक किसान सहकारी समूह आदि कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार से मंडी स्थल घोषित करा सकते हैं। मंडी उप स्थल में व्यापार पर विकास टैक्स 0.5 परसेंट नहीं देना होगा। मंडी शुल्क 0.25% अपने पास मंडी उप स्थल के विकास के लिए लेने की व्यवस्था है। केंद्र सरकार के नियंत्रण में सरकारी सार्वजनिक उपक्रम, निगम सहकारी समूह, खाद्य प्रसंस्करण विभाग से लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं। कृषि उत्पाद के मूल्य पर मंडी शुल्क का 75 प्रतिशत और मंडी समिति को भुगतान करना होगा। 25% तक की धनराशि प्रयोक्ता प्रभार के रूप में इकट्ठे की जाएगी। इससे पूर्व जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जिलाधिकारी ने उत्तर प्रदेश कृषि नीति 2019 के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में संयुक्त आयुक्त उद्योग ऋषि रंजन गोयल, विश्वविद्यालय के कुलपति केपी सिंह, पीलीभीत सीडीओ धर्मेंद्र सिंह, संयुक्त विकास आयुक्त प्रदीप कुमार संयुक्त कृषि निदेशक राजेश दुबे, उप निदेशक उद्यान पूजा सक्सेना, उपनिदेशक मंडी परिषद अविनाश चंद्र मौर्य, जेष्ठ कृषि विज्ञान निरीक्षक सोमपाल यादव, रवि शुक्ला, उपायुक्त सहकारिता आरके सिंह आदि उपस्थित थे कार्यक्रम का संचालन नीरज सक्सेना ने किया।

जागरूक किसानों ने अधिकारियों से किया संवाद, कैसे बढ़ाएं आमदनी

बरेली के मीरगंज से आई राजकुमारी ने निजी मंडी लगाने के मानक के बारे में सवाल किया। डीडीएम नावार्ड धर्मेंद्र मिश्रा ने एग्रीकल्चर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। एक्सपोर्टर निहाल सिंह ने बताया कि कैसे खेती करने से पहले भूमि के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की कोशिश करना चाहिए, ताकि फसल तो अच्छी हो ही साथ ही मुनाफा अच्छा हो। मुकर्रर ने बताया कि एफपीओ की जरूरत क्यों पड़ती है।

नैनो यूरिया से बढ़ाएं, फसलों का उत्पादन

इफको के प्रजवीर सिंह ने नैनो यूरिया के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक बोतल नैनो में एक बोरे के बराबर यूरिया है। इस एक किसान ने बोतल में बिकने वाले यूरिया को डेमो के तौर पर इस्तेमाल करने की बात कही। इसी दौरान प्रजवीर सिंह ने कई जगह डेमो के बाद ही बोतल में बिकने वाले यूरिया की खरीद पर जोर दिया। रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह ने कहा कि कौन सा बीज बोना है कौन सा नहीं इसका चयन अच्छे से हो ये बहुत जरूरी है। यदि किसान नहीं समझ पा रहे है कि उन्हें कौन सी जगह अच्छा बीज मिलेगा तो वह इंस्टिट्यूशन की मदद ले सकते है। एक्सपोर्टिंग रणनीति बहुत जरूरी है। किसान से ही देश आगे बढ़ सकता है।

कमिश्नर ने प्रगतिशील किसानों को किया पुरस्कृत

कमिश्नर संयुक्ता समद्दार ने सोलर पंप में भुवनेश यादव, ललित कुमार अग्रवाल, अरविंद, भगत सिंह, कृष्णा पाल सिंह, लता, जोगेंद्र सिंह, ओमपाल, और हरिनंदन सिंह को समान्नित किया। वहीं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बरेली से प्रेम शंकर, श्रीपाल, ओमपाल और आलो पाशरानी, बदायूं से संतोष, कृष्णा लाल और पीलीभीत से अरविंद और सूरज को समान्नित किया गया। इनके अलावा राकेश गंगवार, हरिपाल सिंह, शिवदयाल गंगवार, प्रताप कुमार, मनोज, रूपेश कुमार, सत्यपाल, निरंजन सिंह, नत्थू बक्श, धनी राम, राम पाल सिंह को भी समान्नित किया।

कृषि निर्यात प्रोत्साहन, प्रौद्योगिकी पढ़ने वाले छात्रों को मिलेगी 50 फ़ीसदी छूट

उत्तर प्रदेश में कृषि निर्यात प्रोत्साहन, हार्वेस्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकी में डिग्री डिप्लोमा करने वाले छात्रों को उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय व सरकारी संस्थानों में फीस में 50 फ़ीसदी की छूट दी जाएगी। छूट अधिकतम एक लाख की होगी। इससे छात्रों को कृषि निर्यात प्रोत्साहन और प्रौद्योगिकी अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए योजना लागू की गई है। कृषि निर्यात, हवाई मार्ग और जलमार्ग से ट्रांसपोर्ट करने पर ₹ 10 प्रति किलो के हिसाब से अनुदान दिया जाएगा। सड़क मार्ग से निर्यात करने पर ₹5 प्रति किलो और कुल 25 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था की गई है।

By Anup