उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में तैनात एक महिला जज की ओर से इच्छा मृत्यु की मांग मामले में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है| महिला जज ने मुख्य न्यायाधीश को चिट्ठी लिखकर एक जिला न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की है|

महिला जज ने अपने दो पन्नों के पत्र में बाराबंकी में तैनाती के दौरान अपने साथ हुई बदसलूकी और उत्पीड़न के बाद अपना जीवन समाप्त करने की अनुमति मांगी है| महिला जज की ओर से चीफ जस्टिस को लिखी गई चिट्ठी सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई है|

वायरल हो रही चिट्ठी में लिखा है, मुझे अब जीने की तमन्ना नहीं है| पिछले डेढ़ साल से मैं जिंदा लाश की तरह हूं.|मेरे जिंदा रहने का कोई उद्देश्य नहीं है| कृपया मुझे मेरा जीवन सम्मानपूर्ण तरीके से समाप्त करने की अनुमति प्रदान करें| चिट्ठी के बाद चीफ जस्टिस ने जांच की स्थिति को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है|

पीटीआई ने सुप्रीम कोर्ट के सूत्रों के हवाले बताया है कि उच्चतम न्यायालय के महासचिव ने चीफ जस्टिस के आदेश पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के रजिस्टार जनरल से महिला जज की शिकायत पर विचार कर रही आंतरिक शिकायत समिति के सामने कार्यवाही की स्थिति के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया है|

कि चीफ जस्टिस से इच्छा मृत्यु की मांग के लिए चिट्ठी लिखने से पहले महिला जज ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की थी| याचिका ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई थी, लेकिन पीठ ने यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि मामला आंतरिक शिकायत समिति के पास विचाराधीन है और एक प्रस्ताव पारित किया गया है जिस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की मंजूरी की प्रतीक्षा है|