Independence Day Special: तिरंगा फहराने के कुछ नियम हैं, जिसे सभी को जानना चाहिए| गलत तरीके से तिरंगा फहराने पर आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है|  इतना ही नहीं जेल भी हो सकती है|

स्वतंत्रता दिवस आ रहा है और आजादी की खुशी के मौके पर 13 अगस्त से 15 अगस्त के बीच हर घर तिरंगा अभियान भी चलाया जा रहा है| ऐसे में लोग अपने घर पर तिरंगा फहराएंगे लेकिन ऐसा करने से पहले आपको कुछ खास बातों का ख्याल रखना भी जरूरी है| तिरंगा फहराने के कुछ नियम हैं, जिसे सभी को जानना चाहिए| गलत तरीके से तिरंगा फहराने पर आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है| इतना ही नहीं जेल भी हो सकती है|

ध्वजारोहण और तिरंगा फहराने में अंतर 

15 अगस्त को ध्वजारोहण किया जाता है और 26 जनवरी को तिरंगा फहराया जाता है. ध्वजारोहण और झंडा फहराने के बीच एक बड़ा अंतर है| जब तिरंगे को नीचे से रस्सीके माध्यम से खींचकर फहराया जाता है, तो इसे ध्वजारोहण कहते हैं|26 जनवरी में तिरंगा ऊपर ही बंधा होता है, जिसे पूरा खोलकर फहराया जाता है. इसे झंडा फहराना कहते हैं|

भारत ध्वज संहिता का उल्लंघन राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम, 1971 के अपमान की रोकथाम के तहत दंडनीय है. धारा 3.23 राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शन का कैसे दुरुपयोग हो  जाता है उसके बारे में बताता है|

तिरंगा फहराने के नियम

तिरंगा फहराते समय यह ध्यान रखें कि यह भीगा न हो और न ही किसी प्रकार की उसे क्षति हुई है| केसरियां रंग हमेशा ऊपर, सफेद रंग बीच में और हरा रंग हमेशा सबसे नीचे की पट्टी में होना चाहिए| झंडा कटा-फटा नहीं होना चाहिए| तभी आप इसे फहरा सकते हैं|

>पहले केवल हाथ से बने कपास, पॉलिएस्टर, ऊन, खादी इत्यादि से बने झंडे को बनाने की अनुमति थी लेकिन अब मशीन से भी बने झंडे को फहराने की अनुमति मिल चुकी है|

>झंडे को पहले सिर्फ दिन के वक्त ही फहराया जा सकता था लेकिन सरकार ने नियम को बदल दिया है| इसे दिन या रात 24 घंटे फहराया जा सकता है|

>झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए. इसकी लंबाई चौड़ाई का अनुपात 3.2 होना चाहिए और अशोक चक्र में 24 तीलियां होनी चाहिए |

>किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन को नहीं छूना चाहिए| राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा कोई और ध्वज नहीं लगाया जा सकता है|

>झंडे के किसी भी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने, मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल की जेल के साथ जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं|

>झंडे पर कुछ लिखा नहीं जा सकता है. तिरंगे को अपने पास पूरे सम्मान के साथ तह लगाकर रखना है| फेंकना और क्षति पहुंचाने की मनाही है|तिरंगे को फहराना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई इसे कार में लगाकर घूम सकता है. ध्वज संहिता के अनुसार, केवल संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को ही गाड़ी पर तिरंगा लगाने की अनुमति है|

>एक मोटर कार पर झंडा अकेला प्रदर्शित किया जाता है, तो उसे एक डंडे (स्टाफ) से फहराया जाना चाहिए, जिसे या तो बोनट के सामने बीचो-बीच या कार के सामने दाहिनी ओर मजबूती से लगा हुआ होना चाहिए|