देश में लगातार आत्महत्या के बढ़ते हुए मामले चिंताजनक हैं आत्महत्या की रोकथाम के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक पहल की है. राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम नीति की घोषणा की,इस नीति में आत्महत्या को 2030 तक आत्महत्या के कारणों की मृत्यु दर को 10% तक कम करने लक्ष्य रखा गया है।

न्यूज़ डेस्क: देश में आत्महत्या के बढ़ते हुए मामले को लेकर आत्महत्या रोकथाम नीति की प्रशंसा हर कोई कर रहा है वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी इस कार्य की सराहना की है, और कहा है की आत्महत्या के रोकथाम में यह नीति एक बेहतर कदम है,जानकार हैरानी होगी कि देश में हर वर्ष लाखों लोग आत्महत्या कर लेते हैं वही एनसीआरबी के आंकड़ों की मानें तो 1.64 लाख लोग सिर्फ 2021 में आत्महत्या के कारण ही मरे हैं।

वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आत्महत्या रोकथाम नीति का एक जारी करते हुए कहा की हमारा उद्देश्य देश में बढ़ रही आत्महत्या को रोकने का है, जिसके लिए हम अधिक प्रयास कर रहे हैं, आत्महत्या समाज में रह रहे लोगों को प्रभावित करती है,आत्महत्या रोकथाम नीति से सरकार राष्ट्रीय पर योजना बनाने की एक अनोखी शुरुआत क़र रही है।

आत्महत्या के बढ़ते मामले

भारत में आत्महत्या के बढ़ते हुए मामले काफी चौंकाने वाले हैं, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट की माने तो हर रोज 450 लोगों की जान आत्महत्या से होती है, वह हर घंटे 18 लोग की जान जाने का कारण आत्महत्या है वही अगर हम बात करते हैं करोना काल की तो 2020 और 2021 में संख्या में इज़ाफ़ा हुआ है।

स्कूलों के पाठ्यक्रमों में भी होगा शामिल

सरकार ने आत्महत्या के रोकथाम को एक योजना के तहत स्कूल में पाठ्यक्रम में इसे शामिल करने जा रही है.जिससे बच्चों को आत्महत्या के रोकथाम के बारे में शिक्षित किया जा सके, वहीं आत्महत्या मामलों को लेकर मीडिया रिपोर्टिंग और आत्महत्या के साधनों को प्रतिबंधित किया जाने की भी योजना बनाई जा रही है।

 

 

 

 

 

 

 

 

By Sarvesh