संवेदनहीनता, बच्ची की मौत के बाद कोई सांसद, विधायक, मंत्री और अफसर नही पहुंचा परिवार का दर्द बाटने
बरेली, 18 दिसंबर। सड़क के लिए धरना देने गए दंपत्ति की एक साल की बेटी की खुले आसमान में रात गुजारने की वजह से मौत हो गई। मासूम को सर्दी लग गई जिससे उसे निमोनिया हो गया और उसकी दर्दनाक मौत हो गई। बच्ची की मौत की बाद परिवार में कोहराम मच गया। मां का रो रो कर बुरा हाल है। बच्ची की मौत के बाद भी परिवार वालों की सिर्फ एक ही मांग है की उनके गांव में सड़क बना दी जाए। ताकि जो उनके साथ हुआ भविष्य में किसी के साथ न हो।
दो दिन पहले परसाखेड़ा गौटिया गांव के लोग सड़क के लिए धरना देने नगर निगम पहुंचे। दो। दिनो तक ग्रामीण सर्दी के मौसम में भी वही धरना देते रहे लेकिन किसी ने भी इन ग्रामीणों की सुध नहीं ली। इतना ही नहीं गांव के हरीश चंद्र अपनी पत्नी पुष्पा और एक साल की बेटी विद्या के साथ धरने पर बैठे थे। रात में ठंड लगने से विद्या की तबियत खराब हो गई और गांव में उसकी मौत हो गई।
वही इस मामले में अफसरों और जनप्रतिनिधियों की संवेदनहीनता सामने आई है। विद्या की मौत के बाद भी कोई भी अधिकारी, सांसद संतोष गंगवार, मंत्री डॉक्टर अरुण कुमार, मेयर डॉ उमेश गौतम समेत कोई भी गांव नही पहुंचा। इतना ही नहीं विपक्ष का भी कोई नेता उस गांव में नही पहुंचा। कम से कम अगर ये लोग पहुंचते तो परिवार को ये भरोसा होता की सरकार उनके साथ है।
दरअसल नगर निगम के वार्ड नंबर 37 के परसाखेड़ा गौटिया गांव के लोग आजादी से लेकर आज तक सड़क की मांग कर रहे है, लेकिन तब से आज तक कई सरकारें आई और गई किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। आजादी से लेकर आज तक कांग्रेस, भाजपा, सपा और बसपा के उत्तर प्रदेश में लंबे समय तक राज रहा लेकिन इन ग्रामीणों का दर्द किसी को नहीं दिखाई दिया।