अशरफ के साले सद्दाम ने भांजे, दोस्त और बहन से मिलने की इच्छा जाहिर की है| हालांकि, जेल प्रशासन ने इन चार लोगों के नाम का सत्यापन करने के लिए प्रयागराज कमिश्नर को एक पत्र भेज दिया है| उमेश पाल की हत्या के बाद सद्दाम फरार हो गया था, जिसे हाल ही में दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है|

माफिया अशरफ के साले सद्दाम को बरेली के सेंट्रल जेल 2 की हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है| बैरक के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिसकी मदद से जेल प्रशासन सद्दाम की हर गतिविधि पर नजर रख रहा है|वहीं सूत्रों के मुताबिक, सद्दाम का जेल में समय नहीं कट रहा है| वह बैरक में चहलकदमी करता रहता है| वह कहीं भी एक जगह नहीं बैठता| वह ढंग से खाना भी नहीं कर रहा है|

सूत्रों के मुताबिक, सद्दाम ने जेल प्रशासन से अरबी में लिखी हुई कुरान पढ़ने के लिए मांगी| जिसपर जेल प्रशासन की ओर से हिंदी में लिखी कुरान पढ़ने के लिए दी गई| लेकिन उसने इसे वापस कर दिया| दरअसल, जेल में लाइब्रेरी में अरबी में कुरान ना होने का हवाला देते हुए जेल प्रशासन ने उसकी इच्छा पूरी करने से साफ इनकार कर दिया|

सद्दाम इन लोगों से मिलना चाहता है

जेल प्रशासन ने सद्दाम की दूसरे लोगों से मुलाकात पर पूरी तरीके से रोक लगा दी है| अब सद्दाम ने भांजे, दोस्त और बहन से मिलने की इच्छा जाहिर की है| इसके अलावा एक कोई उसके परिवार का सदस्य है| इन सभी लोगों से मिलने के लिए सद्दाम बेताब है| हालांकि, जेल प्रशासन ने इन चार लोगों के नाम का सत्यापन करने के लिए प्रयागराज कमिश्नर रमित शर्मा को एक पत्र भेज दिया है| सत्यापन के बाद ही उसकी मुलाकात हो सकेगी|

अतीक-अशरफ का पूरा धंधा सद्दाम ही संभाल रहा था

माफिया अतीक और अशरफ के जेल जाने के बाद साले सद्दाम ने ही पूरा धंधा संभाल रखा था| पुलिस जांच में सामने आया है कि सद्दाम ने प्रयागराज में अतीक और अशरफ के नाम से 300 करोड़ रुपए प्रॉपर्टी में निवेश किया| इस काम के लिए धूमनगंज के दो गुर्गे सद्दाम के मददगार बने|

सद्दाम के फरार होने के बाद दोनों प्रॉपर्टी की देखरेख भी कर रहे थे| दोनों मददगारों की कुंडली निकालने के लिए बरेली पुलिस की एक टीम प्रयागराज जाएगी, जिससे दोनों ब्योरा जुटा सकें और आगे की कार्रवाई की जा सके| वहीं बरेली के पीलीभीत बायपास रोड स्थित एक बारात घर मालिक भी सद्दाम से लगातार संपर्क में था इस बात पर करीब-करीब मोहर लग गई है|