बीएसपी की ओर से इंडिया गठबंधन में शामिल होने के लिए एक शर्त रखी गई है, जिसके मुताबिक पार्टी अलायंस में तभी शामिल होगी, जब मायावती को प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार बनाया जाएगा| इसको लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और आरएलडी चीफ जयंत चौधरी पहले ही आपत्ति जता चुके है|
विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल होने को लेकर समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुके है| अखिलेश यादव ने पिछली बार हुई इंडिया गठबंधन की बैठक में कांग्रेस से इसको लेकर रुख स्पष्ट करने के लिए भी कहा था, जिस पर कांग्रेस ने कहा था कि ऐसा कोई विचार नहीं है, लेकिन अब मायावती के करीबी माने जाने वाले एक नेता ने बीएसपी के गठबंधन में शामिल होने के लिए शर्त रखी है| पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में हैं और माना जा रहा है कि कैडर के दबाव के चलते मायावती की ओर से भी इंडिया गठबंधन में आने की शर्त रख दी गई है| अमरोहा से सांसद और मायावती के करीबी माने जाने वाले मलूक नागर ने कहा है कि मायावती को इंडिया गठबंधन में प्रधानमंत्री का चेहरा बनाए बगैर इंडिया गठबंधन बेमानी है|
मलूक नागर ने कहा कि अगर इंडिया गठबंधन सचमुच बीजेपी को हराना चाहता है तो उसे मायावती को इंडिया गठबंधन का प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाना होगा अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर मोदी को रोकना किसी गठबंधन के बूते का नहीं है| कि 13 फीसदी मायावती का वोट और विपक्ष का 37-38 फीसदी वोट निर्णायक बढ़त दे सकता है, जो यूपी में बीजेपी के 44 फीसदी से काफी ज्यादा है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि मायावती को प्रधानमंत्री का चेहरा इंडिया गठबंधन द्वारा बना जाए| बीएसपी सांसद ने कहा कि बीएसपी अगर साथ आती है तो पूरे देश में उसका वोट प्रतिशत इंडिया गठबंधन को फायदा पहुंचाएगा और तब बीजेपी को रोका जा सकता है|
दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन की बैठक में अखिलेश ने बीएसपी के साथ बातचीत का मुद्दा उठाया| उन्होंने पूछा, ” क्या कांग्रेस पार्टी इस गठबंधन के इधर बीएसपी के साथ बातचीत कर रही है, क्या वह बीएसपी को इस गठबंधन में लाना चाहती है? कांग्रेस सबसे पहले इस पर अपना रुख स्पष्ट करे| अगर कांग्रेस ऐसा चाहती है तो वह साफ कर दे क्योंकि तब समाजवादी पार्टी को भी अपना स्टैंड इस गठबंधन को लेकर साफ करना पड़ेगा| इसके अलावा आरएलडी चीफ जयंत चौधरी ने भी बीएसपी को लेकर कहा था, हम बीएसपी से बात नहीं कर रहे है| मीडिया में खबरें चल रही हैं, लेकिन इस पर फैसला बसपा को ही करना होगा| बसपा प्रमुख मायावती पहले दिन से कहती रही हैं कि वो इंडिया गुट में शामिल नहीं होना चाहतीं| उन्हें जबरदस्ती गठबंधन में शामिल नहीं किया जा सकता है|