NIA RaidsIn UP: सुबह से ही NIA की अलग-अलग टीमें जांच-पड़ताल में जुटी हुई हैं| इस बीच एक टीम देवरिया में जनवादी क्रांति दल के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. रामनाथ चौहान के घर पहुंची| रामनाथ चौहान घोसी उपचुनाव में सपा का चुनाव प्रचार भी कर रहे थे|वो बसपा से भी जुड़े रहे हैं|

उत्तर प्रदेश में प्रयागराज, वाराणसी समेत 8 जगहों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार (5 सितंबर) को छापा मारा| बताया जा रहा है कि NIA की ये छापेमारी नक्सलियों को फंडिंग करने और उनको फिर से रिवाईव करने के मामले में हुई है| नक्सल गतिविधियों से जुड़े एक मामले की जांच को लेकर भी यह कार्रवाई की जा रही है|सुबह से ही NIA की अलग-अलग टीमें जांच-पड़ताल में जुटी हुई हैं| इस बीच एक टीम देवरिया में जनवादी क्रांति दल के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. रामनाथ चौहान के घर पहुंची. रामनाथ चौहान घोसी उपचुनाव में सपा का चुनाव प्रचार कर लौटे हैं| हालांकि, छापेमारी के वक्त वो घर पर मौजूद नहीं हैं|

‘आजतक’ से बातचीत में रामनाथ चौहान ने कहा कि उनके घर में सुबह 5 बजे से ही NIA की छापेमारी चल रही है|इस दौरान भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौजूद है. घर की गली को सील कर दिया गया है| रामनाथ चौहान ने यह भी बताया कि उनका बेटा राजेश चौहान कम्युनिस्ट पार्टी का नेता है| वो पिछले काफी समय से आजमगढ़ में एक जमीन को लेकर धरने पर बैठा है| रामनाथ ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को माओवादी घोषित कर उसका एनकाउंटर किया जा सकता है|

 रामनाथ चौहान के घर पर मौजूद पुलिस फोर्स

बकौल रामनाथ चौहान- मैं परसों ही घोसी से लौटा हूं|मैं वहां सपा का प्रचार करने गया था| जनवादी पार्टी से पहले बसपा से भी जुड़ा रहा हूं| NIA की छापेमारी के खिलाफ पुलिस को ज्ञापन दूंगा और एक मार्च निकालूंगा|

वाराणसी में NIA की छापेमारी

बता दें कि वाराणसी के भगतसिंह स्टूडेंट्स मोर्चा (BSM) के कार्यालय पर भी NIA का छापा पड़ा है| BSM का ऑफिस करौंदी इलाके के महामना पुरी कॉलोनी के एक बिल्डिंग में स्थित है| NIA की टीम ने ऑफिस में मौजूद BSM के छात्र नेताओं से पूछताछ की और उनके फोन भी ने जब्त कर लिए|

फिलहाल, नक्सली कनेक्शन को लेकर NIA का वाराणसी, देवरिया के अलावा प्रयागराज, चंदौली, आजमगढ़ जिलों में भी तलाशी अभियान जारी है| प्रयागराज में मानवाधिकार कार्यकर्ता सीमा आजाद और उनके पति विश्वविजय, एडवोकेट सोनी आजाद के घर पर भी छापेमारी की गई|

सूत्रों के मुताबिक, शहरी इलाकों में रहकर माओवादी गतिविधियों को बढ़ाने वाले मददगारों के ठिकानों पर छापेमारी को अंजाम दिया गया है| 2 महीने पहले बिहार के रांची से एक माओवादी की गिरफ्तारी के बाद हुई थी| पूछताछ में उसका यूपी कनेक्शन निकला था|