कानपुर में एक स्कूल के रिटायर्ड प्रिंसिपल रमेश बाबू शुक्ला की 24 अक्टूबर 2016 को हुई थी| इस कत्ल को उस वक्त अंजाम दिया गया था जब रमेश कानपुर के चकेरी इलाके में साइकिल से घर जा रहे| इसी दौरान सैफुल्लाह, आतिफ मुजफ्फर और फैसल ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी| आतंकियों ने हाथ में कलावा देखकर उनको टारगेट बनाया था|

मार्च 2017 में लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में मारे गए ISIS आतंकी सैफुल्लाह के दो साथियों (आतिफ मुजफ्फर और फैसल) की सजा पर लखनऊ की एनआईए स्पेशल कोर्ट 14 सितंबर को सुनवाई करेगी| सोमवार को दोनों ही आरोपियों को कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका| इन आतंकियों ने कानपुर में दिल दहला देने वाले हत्याकांड को अंजाम दिया था|

बता दें कि कानपुर में एक स्कूल के रिटायर्ड प्रिंसिपल रमेश बाबू शुक्ला की 24 अक्टूबर 2016 को हुई थी| इस कत्ल को उस वक्त अंजाम दिया गया था| जब रमेश कानपुर के चकेरी इलाके में साइकिल से घर जा रहे| इसी दौरान सैफुल्लाह, आतिफ मुजफ्फर और फैसल ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी|

नए असलहों को चेक करने के लिए टारगेट किया था

आतंकियों ने हाथ में कलावा देखकर रमेश बाबू को टारगेट बनाया था|जांच में ये बात भी सामने आई थी कि आतंकियों ने अपने नए असलहों को चेक करने के लिए उन्हें टारगेट किया था|आतिफ और फैसल ने रमेश पर तीन बार फायरिंग की|इसमें दो फायर मिस हो गए| इसके बाद तीसरी गोली मारी जो कि उनकी पीठ में लगी| इससे उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया था|

आतंकी सैफुल्लाह के घर से बरामद हुई थीं आठ पिस्टल

इसके बाद लखनऊ में सैफुल्लाह के एनकाउंटर के बाद भोपाल से पकड़े गए आतिफ और कानपुर से पकड़े गए फैसल से पूछताछ में इस टारगेट किलिंग का खुलासा हुआ था| यूपीएटीएस से 17 नवंबर को एनआईए को केस ट्रांसफर किया था| एनआईए ने अपनी जांच में मारे गए आतंकी सैफुल्लाह के घर से आठ पिस्टल बरामद की थी|

साथ ही रमेश बाबू को मारी गोली के खोखे से मिलान भी किया था| इतना ही नहीं घटनास्थल पर फैसल की लोकेशन भी मिली थी| पूछताछ में पता चला था कि सैफुल्लाह बाइक चला रहा था और आतिफ व फैसल ने गोली चलाई थी| यूपीएटीएस ने सैफुल्लाह की Discover बाइक  (UP 78 CP 9704) ठाकुरगंज में हुए एनकाउंटर के बाद बरामद की थी|